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Bharat Taxi: सरकारी 'भारत टैक्सी एप' ट्रायल मोड में, सर्ज प्राइसिंग दोगुना तक रहेगी सीमित, जानें डिटेल्स
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Thu, 11 Dec 2025 11:56 PM IST
सार
ओला, उबर, रैपिडो जैसे एग्रीगेटर एप पर कैब राइड के लिए सर्ज प्राइस देकर थक चुके लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। केंद्रीय परिवहन मंत्री ने गुरुवार को संसद को बताया कि केंद्र सरकार पीक/ऑफिस घंटों के दौरान सर्ज प्राइसिंग पर लगाम लगाने की योजना बना रही है।
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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
Bharat Taxi App: निजी कैब एग्रीगेटर्स द्वारा बढ़ती सर्ज प्राइसिंग की शिकायतों के बीच, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद में बताया कि सरकार समर्थित 'भारत टैक्सी एप' वर्तमान में परीक्षण और ट्रायल चरण में है।
यह एप एक सहकारी मॉडल पर आधारित ड्राइवर-स्वामित्व वाली टैक्सी सेवा को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया जा रहा है, जिसे सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड (STCL) द्वारा संचालित किया जाएगा। गडकरी ने लोकसभा को बताया कि नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NCDC) के सहयोग से ड्राइवर नामांकन और प्लेटफॉर्म विकास का काम चल रहा है।
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यह एप एक सहकारी मॉडल पर आधारित ड्राइवर-स्वामित्व वाली टैक्सी सेवा को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया जा रहा है, जिसे सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड (STCL) द्वारा संचालित किया जाएगा। गडकरी ने लोकसभा को बताया कि नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NCDC) के सहयोग से ड्राइवर नामांकन और प्लेटफॉर्म विकास का काम चल रहा है।
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भारत टैक्सी मॉडल का मकसद
इस परियोजना का लक्ष्य निजी राइड-हेलिंग एप्स का एक विश्वसनीय विकल्प प्रदान करना है। जहां ड्राइवरों को अधिक आय मिले और कीमतों पर एग्रीगेटर्स का एकाधिकार कम हो। एक नई बहु-राज्य सहकारी समिति पहले ही पंजीकृत की जा चुकी है, और संचालन को बड़े स्तर पर बढ़ाने की तैयारी जारी है।
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इस परियोजना का लक्ष्य निजी राइड-हेलिंग एप्स का एक विश्वसनीय विकल्प प्रदान करना है। जहां ड्राइवरों को अधिक आय मिले और कीमतों पर एग्रीगेटर्स का एकाधिकार कम हो। एक नई बहु-राज्य सहकारी समिति पहले ही पंजीकृत की जा चुकी है, और संचालन को बड़े स्तर पर बढ़ाने की तैयारी जारी है।
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एग्रीगेटर्स के लिए सरकार ने कड़े नियम लागू किए
गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस 2025 जारी कर दी हैं। ये दिशानिर्देश एप-आधारित टैक्सी सेवाओं के लिए हल्का लेकिन प्रभावी नियामकीय ढांचा प्रदान करते हैं, जिसमें यात्री सुरक्षा और ड्राइवरों के हितों को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकारें अब भी एग्रीगेटर लाइसेंस जारी करने की प्रमुख प्राधिकारी बनी रहेंगी।
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गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस 2025 जारी कर दी हैं। ये दिशानिर्देश एप-आधारित टैक्सी सेवाओं के लिए हल्का लेकिन प्रभावी नियामकीय ढांचा प्रदान करते हैं, जिसमें यात्री सुरक्षा और ड्राइवरों के हितों को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकारें अब भी एग्रीगेटर लाइसेंस जारी करने की प्रमुख प्राधिकारी बनी रहेंगी।
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दिशानिर्देशों में सर्ज प्राइसिंग और किराए को लेकर स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं:
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- राज्यों द्वारा तय बेस फेयर से 50% कम किराया देने की अनुमति होगी।
- मांग बढ़ने पर सर्ज प्राइसिंग अधिकतम 2 गुना तक सीमित रहेगी।
- बेस फेयर ही सभी किराया गणना का मानक आधार होगा।
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ड्राइवरों को अधिक आय सुनिश्चित करने के प्रावधान
नए नियमों के अनुसार:
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नए नियमों के अनुसार:
- स्वयं के वाहन से सेवाएं देने वाले ड्राइवरों को कम से कम 80 प्रतिशत किराया मिलना चाहिए।
- एग्रीगेटर-स्वामित्व वाले वाहन चलाने वाले ड्राइवरों को कम से कम 60 प्रतिशत किराया सुनिश्चित किया जाएगा।
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उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई
दिशानिर्देश एग्रीगेटर लाइसेंस को निलंबित या रद्द करने की अनुमति देते हैं यदि-
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दिशानिर्देश एग्रीगेटर लाइसेंस को निलंबित या रद्द करने की अनुमति देते हैं यदि-
- अनुचित किराया वसूला जाए,
- डायनेमिक प्राइसिंग का दुरुपयोग हो,
- या उपभोक्ता हितों को नुकसान पहुंचे।
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