Bihar : पूर्व राजद विधायक हरिनन्दन यादव के निधन पर पहुंचे तेजस्वी यादव, अंतिम संस्कार में दी श्रद्धांजलि
Darbhanga: तेजस्वी यादव ने यह भी याद दिलाया कि स्व. हरिनन्दन यादव ने हनुमाननगर प्रखंड की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपनी जमीन दान देकर प्रखंड मुख्यालय के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था। उस समय मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव थे।

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दरभंगा के हायाघाट से पूर्व कद्दावर राजद विधायक हरिनन्दन यादव के निधन की सूचना मिलते ही राजनीतिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई। शनिवार को पटना स्थित पारस अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया था। रविवार को उनके पैतृक गांव हनुमाननगर में उनका अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव हेलीकॉप्टर से दरभंगा पहुंचे और स्व. हरिनन्दन यादव के निवास पर परिजनों से मुलाकात कर संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि हमें उनके अंतिम दर्शन का अवसर नहीं मिल पाया, इसलिए पटना से दरभंगा आया हूँ। हरिनन्दन जी पार्टी के शुरू से लेकर अंत तक ईमानदार कार्यकर्ता रहे। पार्टी में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। लालू जी उन्हें स्नेहपूर्वक ‘मूंछ वाला’ कहकर पुकारते थे। इस दुख की घड़ी में पूरा राजद परिवार उनके साथ खड़ा है।
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तेजस्वी यादव ने यह भी याद दिलाया कि स्व. हरिनन्दन यादव ने हनुमाननगर प्रखंड की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपनी जमीन दान देकर प्रखंड मुख्यालय के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था। उस समय मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव थे। तेजस्वी ने बताया कि लालू प्रसाद यादव भी उनके निधन की खबर से बेहद आहत हैं, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से दरभंगा नहीं आ सके।
अंतिम संस्कार में पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, विधान पार्षद सुनील सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी, विधायक ललित कुमार यादव, पूर्व विधायक भोला यादव समेत कई नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं, स्व. हरिनन्दन यादव के पोते रौशन जोशी ने परिवार की ओर से भावुक श्रद्धांजलि दी।
दरभंगा जिले के हनुमाननगर निवासी हरिनन्दन यादव ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत हायाघाट विधानसभा क्षेत्र से की थी। वर्ष 1995 में वे जनता दल के टिकट पर पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद 2005 में फरवरी और अक्टूबर-नवंबर में हुए चुनाव में वे राजद उम्मीदवार के रूप में लगातार दो बार विधायक बने। उनकी गिनती राजद के जमीनी और जनप्रिय नेताओं में होती थी।