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Bihar News:  प्रदेश के इस जिले से निकला मेडिकल एडमिशन स्कैम गैंग का सरगना, लखनऊ से सहयोगी समेत गिरफ्तार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, औरंगाबाद Published by: तरुणेंद्र चतुर्वेदी Updated Thu, 27 Nov 2025 05:21 PM IST
सार

लखनऊ साइबर पुलिस ने मेडिकल एडमिशन के नाम पर 100 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह का सरगना अभिनव शर्मा औरंगाबाद के फतेहपुर गांव का निवासी निकला है। 

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Aurangabad Crime News Medical admission scam gang leader arrested along with associate NEET exam
प्रवेश के नाम पर 100 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह पर कार्रवाई। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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देश के बड़े अपराधों में अक्सर बिहार के औरंगाबाद का नाम जुड़ता रहा है। चाहे निर्भया कांड, कंटेनर में डॉक्टर की किडनैपिंग, गांधी मैदान ब्लास्ट, बोधगया ब्लास्ट या एनआरआई कोटे से मेडिकल दाखिला घोटाला हो। अब एक बार फिर मेडिकल एडमिशन स्कैम में औरंगाबाद चर्चाओं में है।
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नीट पास कराने और मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर 100 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह का सरगना अभिनव शर्मा उर्फ प्रेम प्रकाश विद्यार्थी उर्फ राजीव रंजन सिंह उर्फ सर्वेश शुक्ला औरंगाबाद के बारूण प्रखंड के फतेहपुर गांव का ही निवासी निकला है। लखनऊ साइबर क्राइम थाना ने बुधवार को उसे और उसके सहयोगी संतोष कुमार (निवासी, दलसिंहसराय, समस्तीपुर) को गिरफ्तार किया।
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कैसे चलता था अरबों की ठगी का नेटवर्क?
सूत्रों के मुताबिक, गिरोह NEET (UG/PG) पास कराने और मेडिकल कॉलेजों में सीट दिलाने के नाम पर 1 से 4 करोड़ रुपये तक वसूलता था। गिरोह पिछले 15 वर्षों से बिहार, यूपी, दिल्ली और गुजरात में सक्रिय था। सरगना के खिलाफ विभिन्न राज्यों में 18 मामले दर्ज हैं।

लखनऊ में खोला था फर्जी कंसल्टेंसी सेंटर
अभिनव ने 'स्टडी पाथवे' नाम से लखनऊ के गोमतीनगर में पेंट हाउस पर कंसल्टेंसी ऑफिस खोला था, जहां 50 से अधिक कर्मचारी कार्यरत थे।उसने कंसल्टेंसी और हिंद मेडिकल कॉलेज के नाम से फर्जी वेबसाइट भी बना रखी थी।

फर्जी पहचान से करता था ठगी
अभिनव हर राज्य में अलग-अलग नाम और पहचान का इस्तेमाल करता था। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में कई राज्यों में छापेमारी कर रही है।

पीड़ितों की शिकायत पर खुला बड़ा खेल
आज़मगढ़ निवासी विजय बहादुर और अन्य पीड़ितों की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ। विजय ने अपने भांजे का एडमिशन कराने के लिए 45 लाख रुपये दिए थे। जब वह 29 अक्टूबर को ऑफिस पहुंचे, तो ताला लटका मिला। वहीं, बाहर तीन अन्य पीड़ित राजेश वर्मा, प्रीति सिंह और दीप सिंह भी ठगे जाने के बाद मौजूद मिले। इनसे क्रमशः 20 लाख, 23 लाख और 38 लाख रुपये लिए गए थे।

किसान का बेटा, गांव वाले भी स्तब्ध
अभिनव शर्मा के पिता सरदार सिंह किसान हैं और मां पानपति देवी गांव में ही रहती हैं। परिजनों ने बताया कि बेटा 5–6 वर्षों से घर नहीं आया पहले भी 420 के केस में जेल जा चुका है घर का खर्च बेटी-दामाद और भांजा उठाते हैं गांव में लोग उसे कन्हाई के नाम से जानते थे और उसकी कथित ठगी से हतप्रभ हैं।

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नीट पेपर लीक से भी कनेक्शन की आशंका
बिहार में 2017 और 2024 में हुए NEET पेपर लीक मामलों में सजीव मुखिया और उसके बेटे शामिल पाए गए थे। जांच एजेंसियों को शक है कि इन पेपर लीक मामलों में भी अभिनव शर्मा की भूमिका हो सकती है। बारूण थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि इस मामले की जानकारी हमें मीडिया रिपोर्ट से मिली है। वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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