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Governer Arif Mohammad: 'अब बहुत हो गया, पाकिस्तान पर उठाने होंगे सख्त कदम'...पहलगाम हमले पर राज्यपाल बिफरे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नवादा
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Mon, 05 May 2025 04:03 PM IST
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सार
Bihar: राज्यपाल ने कहा कि पाकिस्तान की स्थिति बदतर हो चुकी है। वहां की सेना के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर चुके हैं। उनकी विश्वसनीयता समाप्त हो चुकी है। वहां चुने हुए प्रधानमंत्री तक सुरक्षित नहीं हैं। ऐसी अराजकता में हमें उनके राजनीतिक और संस्थागत संकट का शिकार नहीं बनना चाहिए।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को हिसुआ स्थित टीएस कॉलेज में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार ‘इंडियन पॉलिटी: ए क्रिटिकल अप्रेजल’ में शिरकत की। उन्होंने लोकतंत्र को मानव सभ्यता की सर्वोत्तम शासन प्रणाली करार देते हुए कहा कि यह सबको जोड़ता है और सभी का सम्मान करता है। राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि अब बहुत हो गया, इसे और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सरकार को ठोस और असरदार कदम उठाने की आवश्यकता है। हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता पर पूरा भरोसा है कि वे आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करेंगे।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की स्थिति बदतर हो चुकी है। वहां की सेना के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर चुके हैं। उनकी विश्वसनीयता समाप्त हो चुकी है। वहां चुने हुए प्रधानमंत्री तक सुरक्षित नहीं हैं। ऐसी अराजकता में हमें उनके राजनीतिक और संस्थागत संकट का शिकार नहीं बनना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि उन जवानों के परिजनों के वीडियो देखिए, जिनकी शादी हाल ही में हुई थी। किस तरह वे बिलख रहे हैं। मैं कानपुर में शहीद शुभम के घर गया था। वहां का मंजर शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। अब सिर्फ बयानबाजी नहीं, ठोस निर्णय लेने का समय है। उन्होंने इस मुद्दे पर विपक्ष के सहयोग की भी सराहना की।
पढ़ें: नीतीश कुमार सरकार में किस जाति का वर्चस्व, जदयू विधायक ने बता दिया; बोले- यह ढीठ और थेथर प्रजाति
अपने 22 मिनट के संबोधन में राज्यपाल ने भारतीय लोकतंत्र, संस्कृति और संविधान पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि संविधान भारतीय परंपराओं और मान्यताओं का केंद्र है, जो सभी का सम्मान करना सिखाता है। शासक का कर्तव्य डॉक्टर के समान होना चाहिए, जो बिना भेदभाव के सभी का इलाज करता है। उन्होंने गेरुआ रंग को त्याग और सेवा का प्रतीक बताया और भगवान राम एवं पांडवों के जीवन से उदाहरण देते हुए धर्म को समाज को जोड़ने वाला तत्व बताया। कुंती के श्लोक ‘धर्मेते ध्यानम् बुद्धिः’ का उल्लेख करते हुए धर्म की सामाजिक भूमिका पर प्रकाश डाला।
राज्यपाल ने उद्घोषिका दीपशिखा के मंच संचालन की सराहना की। स्थानीय विधायक नीतू सिंह की सक्रियता की खुलकर तारीफ की। विधायक ने राज्यपाल को आमंत्रण देने के लिए आभार जताया, वहीं एमएलसी अशोक यादव ने राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा। मगध विश्वविद्यालय के कुलपति ने राज्यपाल के वक्तव्य को समाज के लिए मार्गदर्शक बताया और कहा कि ऐसे स्पष्ट विचार देश को सकारात्मक दिशा देने वाले हैं। यह पहला अवसर था जब किसी राज्यपाल ने हिसुआ की धरती पर कदम रखा। दो दिवसीय सेमिनार में देशभर के विभिन्न राज्यों से आए शिक्षाविदों, छात्रों और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की स्थिति बदतर हो चुकी है। वहां की सेना के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर चुके हैं। उनकी विश्वसनीयता समाप्त हो चुकी है। वहां चुने हुए प्रधानमंत्री तक सुरक्षित नहीं हैं। ऐसी अराजकता में हमें उनके राजनीतिक और संस्थागत संकट का शिकार नहीं बनना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि उन जवानों के परिजनों के वीडियो देखिए, जिनकी शादी हाल ही में हुई थी। किस तरह वे बिलख रहे हैं। मैं कानपुर में शहीद शुभम के घर गया था। वहां का मंजर शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। अब सिर्फ बयानबाजी नहीं, ठोस निर्णय लेने का समय है। उन्होंने इस मुद्दे पर विपक्ष के सहयोग की भी सराहना की।
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अपने 22 मिनट के संबोधन में राज्यपाल ने भारतीय लोकतंत्र, संस्कृति और संविधान पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि संविधान भारतीय परंपराओं और मान्यताओं का केंद्र है, जो सभी का सम्मान करना सिखाता है। शासक का कर्तव्य डॉक्टर के समान होना चाहिए, जो बिना भेदभाव के सभी का इलाज करता है। उन्होंने गेरुआ रंग को त्याग और सेवा का प्रतीक बताया और भगवान राम एवं पांडवों के जीवन से उदाहरण देते हुए धर्म को समाज को जोड़ने वाला तत्व बताया। कुंती के श्लोक ‘धर्मेते ध्यानम् बुद्धिः’ का उल्लेख करते हुए धर्म की सामाजिक भूमिका पर प्रकाश डाला।
राज्यपाल ने उद्घोषिका दीपशिखा के मंच संचालन की सराहना की। स्थानीय विधायक नीतू सिंह की सक्रियता की खुलकर तारीफ की। विधायक ने राज्यपाल को आमंत्रण देने के लिए आभार जताया, वहीं एमएलसी अशोक यादव ने राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा। मगध विश्वविद्यालय के कुलपति ने राज्यपाल के वक्तव्य को समाज के लिए मार्गदर्शक बताया और कहा कि ऐसे स्पष्ट विचार देश को सकारात्मक दिशा देने वाले हैं। यह पहला अवसर था जब किसी राज्यपाल ने हिसुआ की धरती पर कदम रखा। दो दिवसीय सेमिनार में देशभर के विभिन्न राज्यों से आए शिक्षाविदों, छात्रों और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया।