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Bihar News: 51 प्रकार की दवाओं के साथ अवैध मेडिकल स्टोर सील, स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से मचा हड़कंप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सहरसा
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Wed, 21 May 2025 01:25 PM IST
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सार
Bihar: औषधि निरीक्षक ने कोडीन युक्त कफ सिरप और अन्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह की दवाओं के अवैध कारोबार में संलिप्त पाए जाने पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट तथा एनडीपीएस एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

नकली दवाओं का कारोबार
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सहरसा जिले में अवैध रूप से संचालित दवा दुकानों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई तेज हो गई है। मंगलवार को ड्रग इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार सिंह ने सोनबरसा कचहरी ओपी क्षेत्र के भगवानपुर अमरपुर में संचालित एक अवैध मेडिकल स्टोर पर छापेमारी कर 51 प्रकार की दवाएं जब्त कीं। मौके पर मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया। कार्रवाई के दौरान ड्रग इंस्पेक्टर के साथ स्थानीय थाना की पुलिस टीम भी मौजूद थी। निरीक्षक सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि यह कार्रवाई औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले में अवैध रूप से संचालित सभी मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है और आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
बिल के बिना दवा खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध
औषधि निरीक्षक ने बताया कि कोसी प्रमंडल के औषधि नियंत्रण अधिकारियों और सहरसा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन के साथ हाल ही में एक संयुक्त बैठक की गई थी, जिसमें दवा दुकानों के संचालन को लेकर विभाग के कड़े रुख से सभी को अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि नकली दवाओं की आपूर्ति आमतौर पर बिना बिल के लेन-देन के माध्यम से होती है, इसलिए अब बिना क्रय बिल के दवा की खरीद-बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस रद्दीकरण से लेकर अभियोजन तक की प्रक्रिया शामिल है।
दवाओं पर अनिवार्य हुआ क्यूआर कोड
सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि नकली दवाओं की पहचान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 300 से अधिक दवा ब्रांड्स पर क्यूआर कोड को अनिवार्य कर दिया है। यह क्यूआर कोड प्राथमिक पैक पर होना चाहिए, और यदि स्थान की कमी हो तो द्वितीयक पैक पर भी स्वीकार्य होगा। निरीक्षण के दौरान क्यूआर कोड की अनुपस्थिति में संबंधित दवा विक्रेताओं पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पढ़ें: दरभंगा में राहुल को रोकने की कोशिश पर डॉ. शकील का तंज, कहा- 'सरकार डरी हुई', भारत-पाक मुद्दे पर भी बोले
कोडीन युक्त कफ सिरप और हैबिट-फॉर्मिंग दवाओं पर सख्ती
औषधि निरीक्षक ने कोडीन युक्त कफ सिरप और अन्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह की दवाओं के अवैध कारोबार में संलिप्त पाए जाने पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट तथा एनडीपीएस एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि कुछ व्यापारी थोक लाइसेंस लेकर खुदरा व्यापार कर रहे हैं, जो नियमों का उल्लंघन है। ऐसे सभी व्यवसायियों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे खुदरा बिक्री करना चाहते हैं, तो उन्हें खुदरा लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों का लाइसेंस रद्द किया जाएगा और उनके विरुद्ध अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी।
अनधिकृत गोदामों पर कार्रवाई तय
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि बिना लाइसेंस वाले गोदामों में किसी भी प्रकार की दवाओं का भंडारण गैरकानूनी है। पकड़े जाने की स्थिति में सभी दवाएं जब्त की जाएंगी, फर्म का लाइसेंस रद्द किया जाएगा और दोषियों पर अभियोजन चलाया जाएगा। ड्रग इंस्पेक्टर ने स्पष्ट किया कि किसी भी चिकित्सक को दवा आपूर्ति केवल उनके लिखित आदेश और वैध पंजीकरण संख्या के साथ ही की जाए। केवल पंजीकरण संख्या बताकर दवा देना नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
जनस्वास्थ्य के लिए कानूनों का पालन जरूरी
अंत में, सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि औषधि कानूनों का पालन न केवल कानूनी रूप से आवश्यक है, बल्कि यह जनस्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी दवा विक्रेताओं से नियमों का पालन करने की अपील की और चेताया कि किसी भी प्रकार की अनियमितता अथवा लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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औषधि निरीक्षक ने बताया कि कोसी प्रमंडल के औषधि नियंत्रण अधिकारियों और सहरसा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन के साथ हाल ही में एक संयुक्त बैठक की गई थी, जिसमें दवा दुकानों के संचालन को लेकर विभाग के कड़े रुख से सभी को अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि नकली दवाओं की आपूर्ति आमतौर पर बिना बिल के लेन-देन के माध्यम से होती है, इसलिए अब बिना क्रय बिल के दवा की खरीद-बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस रद्दीकरण से लेकर अभियोजन तक की प्रक्रिया शामिल है।
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दवाओं पर अनिवार्य हुआ क्यूआर कोड
सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि नकली दवाओं की पहचान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 300 से अधिक दवा ब्रांड्स पर क्यूआर कोड को अनिवार्य कर दिया है। यह क्यूआर कोड प्राथमिक पैक पर होना चाहिए, और यदि स्थान की कमी हो तो द्वितीयक पैक पर भी स्वीकार्य होगा। निरीक्षण के दौरान क्यूआर कोड की अनुपस्थिति में संबंधित दवा विक्रेताओं पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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कोडीन युक्त कफ सिरप और हैबिट-फॉर्मिंग दवाओं पर सख्ती
औषधि निरीक्षक ने कोडीन युक्त कफ सिरप और अन्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह की दवाओं के अवैध कारोबार में संलिप्त पाए जाने पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट तथा एनडीपीएस एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि कुछ व्यापारी थोक लाइसेंस लेकर खुदरा व्यापार कर रहे हैं, जो नियमों का उल्लंघन है। ऐसे सभी व्यवसायियों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे खुदरा बिक्री करना चाहते हैं, तो उन्हें खुदरा लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों का लाइसेंस रद्द किया जाएगा और उनके विरुद्ध अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी।
अनधिकृत गोदामों पर कार्रवाई तय
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि बिना लाइसेंस वाले गोदामों में किसी भी प्रकार की दवाओं का भंडारण गैरकानूनी है। पकड़े जाने की स्थिति में सभी दवाएं जब्त की जाएंगी, फर्म का लाइसेंस रद्द किया जाएगा और दोषियों पर अभियोजन चलाया जाएगा। ड्रग इंस्पेक्टर ने स्पष्ट किया कि किसी भी चिकित्सक को दवा आपूर्ति केवल उनके लिखित आदेश और वैध पंजीकरण संख्या के साथ ही की जाए। केवल पंजीकरण संख्या बताकर दवा देना नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
जनस्वास्थ्य के लिए कानूनों का पालन जरूरी
अंत में, सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि औषधि कानूनों का पालन न केवल कानूनी रूप से आवश्यक है, बल्कि यह जनस्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी दवा विक्रेताओं से नियमों का पालन करने की अपील की और चेताया कि किसी भी प्रकार की अनियमितता अथवा लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।