Bihar News: लापरवाही मामले में विद्यालय प्रधान निलंबित, बीईओ ने केस दर्ज कराया; लगाए यह गंभीर आरोप
बीईओ ने बताया कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय शंकरपट्टी में मध्याह्न भोजन खाने से 100 से अधिक बच्चे बीमार हुए थे। मामले की जांच चल रही है। प्रथम दृष्टया जांच में सामने आए तथ्यों का प्रतिवेदन जिला को भेज दिया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।

विस्तार
सुपौल के छातापुर प्रखंड क्षेत्र स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय शंकरपट्टी में मध्याह्न भोजन खाने के बाद बीमार सभी बच्चों को देर रात सीएचसी में इलाज के बाद घर भेज दिया गया है। वही मामले में विभागीय कार्रवाई भी शुरु कर दी गई है। एमडीएम में खराब चावल के प्रयोग और लापरवाही बरतने के आरोप में विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक हरिशचंद्र कुमार को निलंबित कर दिया गया है। इस बाबत शिक्षा विभाग के स्थापना डीपीओ राहुल चंद्र चौधरी की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा एमडीएम बनाने के क्रम में सतर्कता नहीं बरती गई और खराब चावल से बना भोजन बच्चों को खिलाया गया। स्थलीय जांच के बाद अभिभावकों और ग्रामीणों ने भी इसकी पुष्टि की। निलंबन अवधि में प्रभारी प्रधानाध्यापक का मुख्यालय प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राघोपुर कार्यालय निर्धारित किया गया है। इधर, मामले में प्रभारी प्रधानाध्यापक के विरुद्ध बीईओ नागेंद्र चौधरी द्वारा राजेश्वरी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। प्राथमिकी में बीईओ ने प्रभारी प्रधानाध्यापक हरिशचंद्र कुमार पर जानबूझ कर एमडीएम में घटिया चावल प्रयोग का आरोप लगाया है।

मई के पहले सप्ताह में सप्लाई हुआ था आठ क्विंटल चावल
जानकारी अनुसार मई के प्रथम सप्ताह में ही विद्यालय को 08 क्विंटल चावल की आपूर्ति की गई थी। लेकिन जिस स्टोर रूम में इसे संरक्षित किया गया, वहां साफ-सफाई का ख्याल नहीं रखा गया। विभागीय सूत्र बताते हैं प्रत्येक तिमाही में विद्यालय को अनाज का आवंटन होता है। जनवरी माह में विद्यालय को 18 क्विंटल चावल आवंटित किया गया था। लेकिन 02 से 22 जून तक ग्रीष्मावकाश की वजह से इस बार आवंटन में कमी की गई थी। ग्रामीणों की मानें तो एमडीएम के लिए आपूर्ति की गई चावल की गुणवत्ता काफी बेहतर थी। लेकिन इसका सही से रखरखाव नहीं किया गया। वही कुछ ग्रामीणों की मानें तो आपूर्ति में मिले चावल की कालाबाजारी की गई और इसकी जगह घटिया चावल का प्रयोग एमडीएम में किया जा रहा था।
लापरवाही की कहानी, जीविका दीदियों की जुबानी
स्थानीय जीविका समूह की अध्यक्ष दुर्गा देवी ने बताया कि तीन दिनों से लगातार एमडीएम में खराब खाना परोसे जाने की जानकारी मिल रही थी। इसको लेकर मैं जीविका समूह की गीता दीदी, श्यामा दीदी सहित पांच दीदियों के साथ शनिवार की सुबह विद्यालय पहुंची। वहां देखा कि रसोइया द्वारा खिचड़ी पकाने के लिए स्टोर रूम से निकाले गए चावल में छोटे-छोटे कीड़े एवं पीलू थे। आलू भी सड़ा हुआ था। हमलोगों ने हेडमास्टर को वह चावल और आलू पकाने मना कर दिया। तब हेडमास्टर ने कहा कि मार्केट से दूसरा चावल और आलू लाकर भोजन पकाया जाएगा। लेकिन हमारे जाने के बाद पुनः हेडमास्टर ने उसी चावल और आलू का भोजन पकवाया। चावल में कीड़ा पीलू देखकर कुछ बच्चे बिना खाना खाए ही स्कूल से भाग गए। कुछ बच्चों को जबरन खिलाया गया। आधे घंटे बाद बच्चों की तबियत बिगड़ने लगी। देर शाम तक 100 से अधिक बच्चे अस्पताल में भर्ती कराए गए। स्कूल में अक्सर घटिया भोजन बनाया जाता है। हमने कई बार सुधार के लिए कहा, लेकिन हेडमास्टर हमेशा हमारी बातों को नजरअंदाज करते रहे।
गुणवत्ता की जांच के लिए यह हैं प्रावधान
विद्यालय में एमडीएम की गुणवत्ता के लिए स्थानीय जीविका दीदियों की समूह को नियमित जांच की जिम्मेवारी सौंपी गई है। इसके अलावा बच्चों को भोजन कराने के पहले विद्यालय प्रधान और शिक्षकों को भी भोजन चखना होता है। इसकी रिपोर्टिंग भी दैनिक चखना पंजी में दर्ज करनी होती है।
अन्य शिक्षकों से भी होगा शोकॉज, कार्रवाई भी होगी
इधर, एमडीएम डीपीओ महताब रहमानी ने बताया कि घटना शनिवार की देर शाम सामने आई है। बच्चों के बीमार पड़ने के बाद विद्यालय प्रधान फरार हो गए थे। एमडीएम से जुड़ी रिपोर्टिंग भी नहीं की गई थी। लिहाजा कितने बच्चों ने एमडीएम खाया और किन-किन स्तरों पर लापरवाही हुई है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि प्रथम दृष्टया लापरवाही बरतने के लिए प्रभारी प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया है। अन्य शिक्षकों से भी शोकॉज किया जा रहा है। सोमवार से विद्यालय खुलने पर जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। विभागीय अपर मुख्य सचिव के निर्देशानुसार एमडीएम की गुणवत्ता सभी की जिम्मेवारी है। लिहाजा, संबंधितों के विरुद्ध कार्रवाई भी होगी। वही राजेश्वरी थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि घटना के बाद छातापुर बीईओ से प्राप्त आवेदन के आलोक में प्रभारी प्रधानाध्यापक के विरुद्ध थाना कांड संख्या 84/25 दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।