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Bihar News : नीतीश कह रहे वह पीएम पद के दावेदार नहीं, दिल्ली से लौटने पर जदयू में PM के नारे से हुआ स्वागत

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Published by: आदित्य आनंद Updated Fri, 14 Apr 2023 05:58 PM IST
सार

Nitish Kumar : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में विपक्षी एकता की बहुत मुश्किल कसरत से लौटे हैं। शनिवार को जदयू दफ्तर में उन्हें जिस तरह PM बनाने की नारेबाजी हुई, उनकी मेहनत खराब भी हो सकती है।

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Mission 2024; Nitish was welcomed with the slogan of Prime Minister as soon as he came from Delhi to Bihar
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीपीएससी के 75वें वर्षगांठ पर पहुंचे। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में विपक्षी एकता के लिए दलों को जोड़ने के प्रयास में कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी से मिलकर क्या लौटे, उनकी पार्टी जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने उन्हें अगला पीएम ही मान लिया। वह बार-बार कह रहे कि वह इस पद के दावेदार नहीं, लेकिन शुक्रवार को जब वह जदयू दफ्तर पहुंचे तो इसी नारेबाजी के साथ फूलों की बारिश से स्वागत किया गया- देश का PM कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो! इस नारेबाजी से जदयू नेताओं ने उत्साह भले दिखाया हो, लेकिन विपक्षी एकता की मुख्यमंत्री की मुहिम के लिए यह गलत संदेश दे गया।
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मुख्यमंत्री की गाड़ी नगाड़े के सामने रुकी, पुष्पवर्षा
CM नीतीश कुमार का काफिला जैसे ही वीर चंद्र पटेल रोड पहुंचा, वैसे ही ढोल नगाड़े बजने लगे। जदयू कार्यलाय के गेट के सामने जदयू के सैकड़ों समर्थक पुष्प वर्षा करने लगे। इसी बीच समर्थक नारेबाजी करने लगे। वह कह रहे थे, "देश का PM कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो"। समर्थक जोश और उत्साह के साथ नीतीश कुमार के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे। 
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Mission 2024; Nitish was welcomed with the slogan of Prime Minister as soon as he came from Delhi to Bihar
CM नीतीश के काफिले पर पुष्प वर्षा करते समर्थक। - फोटो : अमर उजाला

सभी कह रहे- बैठकर तय करेंगे नेता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार शाम करीब 52 घंटे की दिल्ली यात्रा से लौटने के बाद खुद कहा था कि शुरुआती बातचीत अच्छी हुई है, आगे की बातचीत सभी दलों के नेता एकजुट होकर करेंगे। दिल्ली में मुख्यमंत्री जिन नेताओं से मिले, उन सभी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष के किसी एक नाम पर अपनी मुहर नहीं लगाई। मुहर तो दूर की बात, इसपर चर्चा से भी इनकार किया। सांसदी जाने से पहले कांग्रेस राहुल गांधी के अलावा किसी नाम पर तैयार नहीं थी, अब वह बातचीत के लिए आगे भी आई है और नीतीश इसलिए दिल्ली गए भी। वामदलों के बीच भी नाम को लेकर कोई चर्चा नहीं है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या किसी और नाम पर राजी होंगी, इसका कोई अनुमान भी नहीं लगा पा रहा है। 

एकजुटता के पीछे वर्चस्व की लड़ाई भी जगजाहिर
भाजपा के खिलाफ एकजुट हो रहे दलों में नेतृत्व को लेकर अंदर ही अंदर वर्चस्व की लड़ाई है। उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद को प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बार-बार बाहर बताकर विपक्षी दलों की एकजुटता का प्रयास तेज किया है। लेकिन, अब दिल्ली से उनके लौटते ही जदयू नेताओं ने जो रुख अपनाया है, उसे अगर कांग्रेस, तृणमूल या वामपंथी दलों ने गंभीरता से ले लिया तो सारी मेहनत पर पानी भी फिर सकता है।

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