Bihar Election 2025: 'बिहार बदलाव यात्रा' के तहत कैमूर आए प्रशांत किशोर, लालू, नीतीश और पीएम मोदी पर बोला हमला
Prashant Kishor: पीएम मोदी बिहार के लोगों से वोट लेकर और देश भर का पैसा लेकर अपने गृह राज्य गुजरात में फैक्ट्रियां लगवा रहे हैं, जबकि बिहार के युवा उन्हीं फैक्ट्रियों में जाकर 10-12 हजार रुपये में मजदूरी कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस बार जो आपके बच्चों के भविष्य को लूटे हैं, उन्हें वोट न दीजिए।
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जन सुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर रविवार को अपनी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के तहत कैमूर जिले के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र पहुंचे। यहां किसान इंटर कॉलेज मैदान, अवखरा में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला।
जनसभा में प्रशांत किशोर ने कहा, "आपने मोदी का चेहरा देखकर वोट दिया तो चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री बन गया। लालू का चेहरा देखकर वोट दिया तो भैंस चराने वाला 30 साल तक सत्ता में रहा। नीतीश का चेहरा देखकर वोट दिया तो वैद्य का बेटा 20 साल से शासन चला रहा है। लेकिन आपने आज तक अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट नहीं दिया। इस बार चेहरा नहीं, भविष्य देखकर वोट कीजिए।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बिहार के लोगों से वोट लेकर और देश भर का पैसा लेकर अपने गृह राज्य गुजरात में फैक्ट्रियां लगवा रहे हैं, जबकि बिहार के युवा उन्हीं फैक्ट्रियों में जाकर 10-12 हजार रुपये में मजदूरी कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस बार जो आपके बच्चों के भविष्य को लूटे हैं, उन्हें वोट न दीजिए। चाहे वो लालू हों, नीतीश हों या मोदी। नेताओं का चेहरा देखकर नहीं, अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट कीजिए। बिहार में अब जनता का राज चाहिए, नेताओं का नहीं।
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प्रशांत किशोर ने जनसभा में कैमूर की जनता से कई बड़े वादे भी किए। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2025 से 60 वर्ष से अधिक उम्र के सभी पुरुषों और महिलाओं को 2000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। जब तक सरकारी स्कूलों में सुधार नहीं हो जाता, तब तक 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दी जाएगी और उनकी फीस सरकार वहन करेगी।
उन्होंने दावा किया कि छठ पर्व के बाद राज्य के युवाओं को बिहार में ही 10-12 हजार रुपये तक की रोजगार की व्यवस्था की जाएगी। अब बिहार के युवाओं को मजदूरी के लिए गुजरात या अन्य राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। रोहतास, कैमूर और चैनपुर के नौजवानों को भी यहीं सम्मानजनक काम मिलेगा। अगले दो साल में 50 लाख युवाओं को बिहार में ही रोजगार दिया जाएगा।
प्रशांत किशोर ने सभा के अंत में कहा कि यह बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ है। अगली बार जब त्योहार आएगा तो आपके बेटे और परिवार के लोग बाहर नहीं होंगे, बल्कि अपने गांव-घर में ही रोजगार पाएंगे।