Startup Bihar: नवाचार की ओर अग्रसर होता नया बिहार, अब तक राज्य में 1,522 स्टार्टअप पंजीकृत, जानें सबकुछ
Bihar: राज्य में स्टार्टअप की बढ़ती संख्या बिहार की पारंपरिक कृषि प्रधान छवि को पीछे छोड़कर इसे नवाचार और उद्यमिता की नई पहचान दिला रही है। ग्रामीण इलाकों में भी स्टार्टअप गतिविधियां सक्रिय रूप से आगे बढ़ रही हैं, जिससे स्थानीय युवाओं को न केवल रोजगार के अवसर मिल रहे हैं, बल्कि वे नौकरी मांगने वाले के बजाय नौकरी देने वाले बन रहे हैं।

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बिहार सरकार की स्टार्टअप योजना सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को स्वरोजगार प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है। इसके प्रति युवाओं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है।

उद्योग विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब तक राज्य में 1,522 स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं। इनके माध्यम से कुल 62 करोड़ 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता वितरित की गई है। इनमें महिला उद्यमियों के साथ-साथ अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के उद्यमियों की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही है। कुछ चुने हुए स्टार्टअप को विशेष प्रोत्साहन स्वरूप 13 लाख 30 हजार रुपये की अतिरिक्त सहायता भी प्रदान की गई है।
राज्य में स्टार्टअप की बढ़ती संख्या बिहार की पारंपरिक कृषि प्रधान छवि को पीछे छोड़कर इसे नवाचार और उद्यमिता की नई पहचान दिला रही है। ग्रामीण इलाकों में भी स्टार्टअप गतिविधियां सक्रिय रूप से आगे बढ़ रही हैं, जिससे स्थानीय युवाओं को न केवल रोजगार के अवसर मिल रहे हैं, बल्कि वे नौकरी मांगने वाले के बजाय नौकरी देने वाले बन रहे हैं।
उद्योग विभाग ने स्टार्टअप बिहार के तहत एक समग्र तंत्र विकसित किया है, जो स्टार्टअप को उसकी अवधारणा से लेकर व्यवसाय की स्थापना और विस्तार तक हर चरण में मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करता है। इस योजना में खासतौर से युवाओं, महिलाओं और पारंपरिक रूप से उपेक्षित समुदायों की भागीदारी को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे राज्य के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में भी सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
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गौरतलब है कि बिहार स्टार्टअप नीति की शुरुआत वर्ष 2017 में की गई थी, जिसका उद्देश्य राज्य में नवाचार और स्टार्टअप गतिविधियों को बढ़ावा देना था। बदलते आर्थिक और तकनीकी परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने इस नीति में आवश्यक संशोधन कर बिहार स्टार्टअप नीति 2022 लागू की है। यह नई नीति अधिक समावेशी, प्रभावी और तेज क्रियान्वयन वाली है।
इस नीति का प्रमुख उद्देश्य है कि राज्य के युवाओं की रचनात्मक और तकनीकी क्षमता का उपयोग करते हुए स्टार्टअप के लिए एक अनुकूल और प्रेरक माहौल तैयार किया जाए। सरकार बिहार को स्टार्टअप, निवेशकों और अन्य हितधारकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाना चाहती है, जिससे राज्य के समग्र आर्थिक विकास को गति मिल सके। उद्योग विभाग इस दिशा में विभिन्न कार्यक्रमों, पुरस्कारों और अभियानों के माध्यम से नवाचार की संस्कृति को प्रोत्साहित कर रहा है। इसके तहत उद्यमिता विकास, मेंटोरशिप, सीड फंडिंग, और नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म जैसे कई पहलुओं पर काम किया जा रहा है।
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर स्तर पर सहयोग कर रही है। युवाओं के नवाचार को पहचान कर, उनके विचारों को व्यावसायिक स्वरूप देने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इससे न केवल स्वरोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं, बल्कि राज्य के युवाओं को अपने सार्थक विचारों को धरातल पर उतारने का अवसर भी मिल रहा है।