Bihar News: उपराष्ट्रपति पहुंचे मुजफ्फरपुर, कहा- प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों पर जोर देना चाहिए
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के दौरे को लेकर हुए पटना और मुजफ्फरपुर में प्रशासन के पुख्ता इंतजाम किए हैं। कार्यक्रम स्थल के आसपास ट्रिपल लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया गया है। कार्यक्रम स्थल से दो किलोमीटर की परिधि में ड्रोन किसी भी प्रकार के गैर-पारंपरिक उड़ान उपकरणों के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है।

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज बिहार दौरे पर पहुंचे हैं। पटना एयरपोर्ट पर सीएम नीतीश कुमार ने उपराष्ट्रपति पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। इस दौरान भाजपा के भी कई वरीय नेताओं ने भी उपराष्ट्रपति का स्वागत किया। इसके बाद वह मुजफ्फरपुर रवाना हो गए। मुजफ्फरपुर में एल एन मिश्रा मैनेजमेंट कॉलेज के 24वें स्थापना दिवस समारोह में उपराष्ट्रपति ने मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया। इस अवसर पर बिहार सरकार के मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता और मंत्री नीतीश मिश्र ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उपराष्ट्रपति ने पूर्व सीएम स्वर्गीय डॉ. जगन्नाथ मिश्रा को श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदानों को याद किया और बिहार के गौरवशाली इतिहास की चर्चा की। अपने संबोधन में उप राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार की धरती धर्म और ज्ञान की भूमि रही है, जिसने देश को अनेक मनीषी, क्रांतिकारी और चिंतक दिए हैं।


शिक्षा को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए
इस समारोह में बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ दिनेश चंद्र राय भी उपस्थित रहे। उन्होंने कॉलेज की उपलब्धियों और उसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बारे में चर्चा की। उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि वही उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस भूमि पर आकर मुझे नई ताकत और ऊर्जा की अनुभूति हो रही है। बिहार की जनता का उत्साह, ज्ञान और चेतना पूरे देश के लिए प्रेरणादायी है। आज शिक्षा को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए। साथ ही हमें प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों पर जोर देना चाहिए।
लोकतंत्र को दबाने का प्रयास किया गया था
उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना करते हुए कहा कि यह नीति छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। धनखड़ ने अपने संसदीय जीवन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिताए समय को भी याद किया और उनके संसदीय अनुभवों की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने पहली बार पहलगाम और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे मुद्दों पर भी अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने आपातकाल के दौर को याद करते हुए कहा कि उस समय लोकतंत्र को दबाने का प्रयास किया गया था लेकिन अब यह जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चली संपूर्ण क्रांति ने भारत में लोकतंत्र को नई ऊर्जा और दिशा दी। उपराष्ट्रपति ने छात्रों को अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।