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Acharya Chanakya Death Mystery: आखिर क्या है महान आचार्य चाणक्य की मौत का रहस्य? जो आज तक है अनसुलझा
फीचर डेस्क, अमर उजाला
Published by: धर्मेंद्र सिंह
Updated Wed, 17 Dec 2025 04:47 PM IST
सार
Acharya Chanakya Death Mystery: महान आचार्य चाणक्य की मौत को लेकर अलग-अलग दावे किए हैं, लेकिन उनकी मौत आज भी रहस्य है। कई ग्रथों की रचना करने वाले आचार्य चाणक्य के अर्थशास्त्र को मौर्यकालीन भारतीय समाज का दर्पण माना जाता है।
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आखिर क्या है महान आचार्य चाणक्य की मौत का रहस्य?
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
Acharya Chanakya Death Mystery: प्राचीन भारत में कई महान व्यक्ति पैदा हुए हैं, जिन्हें आज भी याद किया जाता है। ऐसे ही महान आचार्य चाणक्य थे, जो 'कौटिल्य' के नाम से भी विख्यात हैं। वह तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे। उन्होंने कई ग्रंथों की रचना की है, जिनमें 'अर्थशास्त्र' सबसे प्रमुख है। अर्थशास्त्र को मौर्यकालीन भारतीय समाज का दर्पण माना जाता है। इसके अलावा भी उन्होंने कई ऐसे कार्य किए हैं, जिनकी बदौलत उन्हें हमेशा याद किया जाता रहा है और शायद आगे भी याद किया जाता रहेगा। माना जाता है कि आचार्य चाणक्य का जन्म ईसा पूर्व 375 में हुआ था जबकि मृत्यु ईसा पूर्व 283 में हुई थी, लेकिन उनकी मौत कैसे हुई थी, यह अभी भी एक रहस्य है।
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चौथी शताब्दी में रचित संस्कृत के एतिहासिक नाटक मुद्राराक्षस के मुताबिक, चाणक्य का असली नाम विष्णुगुप्त था। माना जाता है कि यह नाम उन्होंने खुद रखा था और इसके पीछे एक कहानी प्रचलित है। कहा जाता है कि मगध के राजा धनानंद द्वारा राजद्रोह के अपराध में चाणक्य के पिता चणक की हत्या करवा देने के बाद उन्होंने उनके सैनिकों से बचने के लिए अपना नाम बदलकर विष्णुगुप्त रख लिया था।
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हालांकि, बाद में चाणक्य ने अपने पिता की हत्या का बदला भी लिया और नंद वंश के राजा धनानंद को सत्ता से बेदखल कर उसकी जगह पर चंद्रगुप्त को मगथ का सम्राट बनाया। कौटिल्य यानी चाणक्य द्वारा नंद वंश का विनाश और मौर्य वंश की स्थापना से संबंधित कथा विष्णु पुराण में आती है।
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वैसे तो का चाणक्य का नाम, जन्मतिथि, जन्मस्थान और उनकी मृत्यु चारों ही विवाद के विषय रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा विवाद उनकी मृत्यु को लेकर है। उनकी मृत्यु के संदर्भ में कई कहानियां प्रचलित हैं, लेकिन कौन सी कहानी सच है, यह कोई नहीं जानता। पहली कहानी ये है कि एक दिन चाणक्य अपने रथ पर सवार होकर मगध से दूर किसी जंगल में चले गए और उसके बाद वो कभी लौटे ही नहीं।
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चाणक्य की मृत्यु के संबंध एक कहानी जो सबसे ज्यादा प्रचलित है, वो ये है कि उन्हें मगध की ही रानी हेलेना ने जहर देकर मार दिया गया था। एक और कहानी ये है कि राजा बिंदुसार के मंत्री सुबंधु ने आचार्य को जिंदा ही जला दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। हालांकि इनमें से कौन सी कहानी सच है, यह अब तक साफ नहीं हो पाया है।