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Ethiopia Volcano Eruption: कैसे दिल्ली-एनसीआर पहुंची ज्वालामुखी की राख? भारत से इतने हजार किमी दूर है इथियोपिय

फीचर डेस्क, अमर उजाला Published by: धर्मेंद्र सिंह Updated Tue, 25 Nov 2025 05:37 PM IST
सार

Ethiopia Volcano Eruption: अफार इलाके में ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद वायुमंडल में 14 किमी तक राख फैल गई। हेयली गुब्बी ज्वालामुखी के विस्फोट से निकली राख वायुमंडल में इतनी तेजी से फैली कि यमन और ओमान होते हुए राख भारत पहुंच गई और अब चीन की तरफ बढ़ने लगी है।

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Ethiopia Volcano Eruption ash reaches delhi ncr impacts india to Ethiopia Distance
कैसे दिल्ली-एनसीआर पहुंची ज्वालामुखी की राख? - फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
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Ethiopia Volcano: अफ्रीका के इथियोपिया में स्थित हेयली गुब्बी ज्वालामुखी के फटने के बाद निकली राख भारत तक पहुंची है। हेयली गुब्बी देश के अफार क्षेत्र में इरिट्रिया सीमा के पास अदीस अबाबा से करीब 500 मील उत्तर-पूर्व में स्थित है। यह ज्वालामुखी करीब 500 मीटर ऊंची है। यह रिफ्ट घाटी के भीतर स्थित है, जो तीव्र भूगर्भीय गतिविधि वाला इलाका है, जहां दो टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं। 

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एक रिपोर्ट के मुताबिक, राख का यह बादल पहले पश्चिम से गुजरात में घुसा और फिर राजस्थान, उत्तर-पश्चिम महाराष्ट्र, हरियाणा से होते हुए दिल्ली एनसीआर तक पहुंच गया। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, अब यह राख चीन की तरफ जाने लगी है और  मंगलवार शाम 7.30 बजे तक पूरी तरह भारत के आसमान से निकल जाएंगे। मौसम विभाग स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है और फिलहाल चिंता की जरूरत नहीं है। इथियोपिया से भारत करीब 4000 किमी दूर है। अब सवाल है कि आखिर इतनी दूर से ज्वालामुखी की राख भारत कैसे पहुंची? 
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अफार इलाके में ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद वायुमंडल में 14 किमी तक राख फैल गई। हेयली गुब्बी ज्वालामुखी के विस्फोट से निकली राख वायुमंडल में इतनी तेजी से फैली कि यमन और ओमान होते हुए राख भारत पहुंच गई और अब चीन की तरफ बढ़ने लगी है। मंगलवार को यह दिल्ली एनसीआर तक पहुंच गई और इसकी वजह से विजिबलिटी कम हो गई।

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क्या राख है खतरनाक?

बादल में ज्वालामुखी की राख, सल्फर डाइऑक्साइड, कांच और चट्टान के छोटे कण मौजूद हैं। राख के बादल 100-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आसमान में 15,000-25,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं। कुछ लेयर में यह 45,000 फीट तक ऊपर जा रहे हैं। मौसम विभाग का कहना है कि इस ऊंचाई की वजह से भारत के शहरों के एक्यूआई खराब होने की उम्मीद है। जमीन पर इसका प्रभाव सिर्फ गहरे आसमान और धुंधले हालात जितना ही रहेगा।

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कुछ स्थानों बादल के पार्टिकल सतह पर गिर सकते हैं, लेकिन इसकी भी संभावना न के बराबर है। मौसम विभाग ने कहा है कि लोगों को धूल भरी आंधी जैसा आसमान नजर आ सकता है, लेकिन जमीन पर नुकसानदायक पार्टिकुलेट मैटर नहीं पहुंचेगा। हालांकि, लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है।

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