Viral Post: फूड डिलीवरी एप की चौंकाने वाली भूल, वेज ऑर्डर की जगह थमा दिया नॉन-वेज, फिर हुआ ऐसा बवाल कि...
Viral Post: उन्होंने कंपनी के कस्टमर केयर से हुई चैट का स्क्रीनशॉट भी डाला। शिकायत मिलते ही स्विगी की तरफ से वही तयशुदा लाइन आई, “हम इसे स्पेशलिस्ट टीम को भेज रहे हैं, 6-8 घंटे में मेल पर रिप्लाई आएगा।”
विस्तार
यह घटना सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है क्योंकि इसमें बात सिर्फ गलत ऑर्डर आने की नहीं, बल्कि कंपनी के रवैये की भी है। मामला तब शुरू हुआ जब एक्स पर मुंबई रेन नाम के यूजर ने बताया कि उन्होंने फूड डिलीवरी एप से वेज खाना ऑर्डर किया था, लेकिन डिलीवरी बॉक्स खोलते ही उन्हें झटका लग गया। खाने के पैकेट में क्रिस्पी चिकन निकला, जबकि बिल पर साफ-साफ सिर्फ वेज आइटम ही दिख रहे थे। यूजर ने इसकी फोटो भी शेयर की, जो वायरल होने लगी। आइए जानते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पोस्ट
उन्होंने कंपनी के कस्टमर केयर से हुई चैट का स्क्रीनशॉट भी डाला। शिकायत मिलते ही स्विगी की तरफ से वही तयशुदा लाइन आई, “हम इसे स्पेशलिस्ट टीम को भेज रहे हैं, 6-8 घंटे में मेल पर रिप्लाई आएगा।” लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि तत्काल न तो रिफंड ऑफर किया गया और न ही ऑर्डर रिप्लेस करने की बात कही गई। कस्टमर का कहना था कि ये सिर्फ एक तकनीकी गलती नहीं, बल्कि कंपनी की कस्टमर सर्विस की कमजोरी है। उनका तर्क था कि जब कंपनी सर्विस चार्ज और डिलीवरी फीस लेती है तो जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए। वेज ऑर्डर करने वाले कई लोग धार्मिक और व्यक्तिगत कारणों से नॉन-वेज नहीं खाते। ऐसे में यह गलती नॉर्मल नहीं मानी जा सकती।
Wrong order delivery. Talked to customer care and has refused refund/replacement when a vegetarian receives non-veg food. It is not a small issue, it is a customer care failure. If @Swiggy brands can charge for service, they must also stand by it. Serious gap in responsibility… pic.twitter.com/eHZMV4qN7z
— Mumbai Rains (@rushikesh_agre_) November 16, 2025
कंपनी से हुई बड़ी गलती
पोस्ट वायरल होने के बाद कई लोग इस बहस में कूद पड़े और अपने-अपने अनुभव शेयर करने लगे। कुछ ने बताया कि कंपनी अक्सर गलती होने पर बस थोड़ा-सा आंशिक रिफंड देकर मामला निपटा देती है। कई यूजर्स का कहना था कि पहले की तुलना में ऐप की कस्टमर सर्विस काफी खराब हो गई है। कुछ ने लिखा कि कस्टमर केयर एजेंट अक्सर समाधान देने की बजाय वही एक लाइन बोलते हैं, “आप चाहें तो ऑर्डर कैंसिल कर दें।” कई लोगों ने यह भी बताया कि एजेंट चैट में रिफंड का वादा करते हैं, लेकिन बाद में उसे प्रोसेस नहीं करते, जिससे ग्राहकों को बार-बार शिकायत आगे बढ़ानी पड़ती है। एक और दिलचस्प बात यह सामने आई कि सपोर्ट एजेंट से संपर्क करना भी आसान नहीं होता। कई यूजर बोले कि मदद पाने के लिए ऐप में इधर-उधर भटकना पड़ता है। इस वजह से लोग डिलीवरी ऐप्स की भरोसेमंद इमेज पर सवाल उठाने लगे हैं।
सोशल मीडिया बनी ताकत
अंत में यह मामला यह भी दिखाता है कि सोशल मीडिया की ताकत कितनी बड़ी है। एक पोस्ट ने हजारों लोगों को चर्चा में जोड़ दिया और ऐप के काम पर सवाल खड़े कर दिए। उम्मीद है कि कंपनियां ऐसे मामलों को गंभीरता से लेंगी, ताकि लोगों को भरोसा रहे कि उनका ऑर्डर और उनकी भावनाएं दोनों सुरक्षित हैं।