{"_id":"693808681b9575d438046c7b","slug":"scientists-document-largest-trove-of-dinosaur-footprints-in-central-bolivia-2025-12-09","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Dinosaur Footprints: झील के किनारे मिले 16000 से ज्यादा डायनासोर के पैरों के निशान, वैज्ञानिकों के भी उड़े होश","category":{"title":"Bizarre News","title_hn":"हटके खबर","slug":"bizarre-news"}}
Dinosaur Footprints: झील के किनारे मिले 16000 से ज्यादा डायनासोर के पैरों के निशान, वैज्ञानिकों के भी उड़े होश
फीचर डेस्क, अमर उजाला
Published by: धर्मेंद्र सिंह
Updated Tue, 09 Dec 2025 05:02 PM IST
सार
World Largest Dinosaur Footprints: वैज्ञानिकों ने दक्षिण अमेरिकी देश बोलीविया के टोरोटोरो नैशनल पार्क में डायनासोर के 16000 से ज्यादा पैरों के निशान खोज हैं। यह अभी तक का का सबसे बड़ा संग्रह है।
विज्ञापन
झील के किनारे मिले 16000 से ज्यादा डायनासोर के पैरों के निशान, वैज्ञानिकों के भी उड़े होश
- फोटो : Adobe Stock
विज्ञापन
विस्तार
World Largest Dinosaur Footprints: एक समय दक्षिण अमेरिकी देश बोलीविया में किंवदंती प्रचलित थी कि देश के मध्य उच्चभूमि में बिखरे विशाल, तीन-पंजों वाले पदचिह्न अलौकिक शक्ति वाले राक्षसों के थे, जो कठोर पत्थर में भी अपने पंजे गड़ा सकते थे। फिर 1960 में यहां पर वैज्ञानिक पहुंचे और उन्होंने बच्चों के डर को दूर किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अजीबोगरीब पदचिह्न वास्तव में विशाल, दो-पैर वाले डायनासोरों के थे, जो 6 करोड़ वर्ष पहले, बोलीवियाई एंडीज के एक गांव और लोकप्रिय राष्ट्रीय उद्यान की प्राचीन जलधाराओं में चलते और उछलते थे।
Trending Videos
अब इस बीच जीवाश्म विज्ञानियों की एक टीम ने जिसमें ज्यादातर कैलिफोर्निया के लोमा लिंडा विश्वविद्यालय से हैं ने 16000 से ज्यादा डायनासोर के पैरों के निशान खोज हैं, जिनमें टायरानोसॉरस रेक्स के भी शामिल हैं। उन्होंने इस खोज का सावधानीपूर्वक दस्तावेजीकरण किया है। उनका अध्ययन छह साल के नियमित क्षेत्र दौरे पर आधारित है, जो सहकर्मी-समीक्षा पत्रिका पीएलओएस वन में प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में खोजे गए यह सबसे ज्यादा डायनासोर के पदचिन्ह हैं। स्पैनिश जीवाश्म विज्ञानी राउल एस्पेरेंटे के नेतृत्व में किए गए अध्ययन के सह-लेखक रॉबर्टो बियागी ने कहा कि दुनिया में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां आपके पास (थेरोपोड) पैरों के निशान इतनी बड़ी संख्या में हों। हमारे पास इस विशेष जगह पर ये सभी विश्व रिकॉर्ड हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
बोलीविया के टोरो टोरो नेशनल पार्क में मिले फुटप्रिंट्स (पैरों के निशान) से यह भी पता चला है कि यह सिर्फ चलने और भागने के निशान नहीं हैं। इनमें तैरने के निशान, पूंछ घसीटने के निशान और अचानक मुड़ने के निशान भी मिले हैं। इससे पता चलता है कि डायनासोर यहां पानी के पास रहते थे और लगातार कुछ ना कुछ गतिविधियों में लगे रहते थे। वैज्ञानिकों ने कहा कि पानी का स्तर बढ़ने से ठीक पहले उनके पंजे कीचड़ में दब गए और सदियों के कटाव से वह बचे रहे।
Viral: दिल्ली में नशे में चूर लड़की का रैपिडो पर चढ़ने का ड्रामा वायरल, सोशल मीडिया पर गुस्से में फटे यूजर्स
झुंड में घूमते थे
बोलीविया पहले से ही डायनासोर के पैरों के निशानों के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार वैज्ञानिकों को एक बड़े क्षेत्र में पैरों के निशान मिले हैं। यहां पर तीन उंगलियों वाले थेरोपॉड डायनासोरों के अलग-अलग साइज के फुटप्रिंट पाए गए हैं। यहां पर कुछ 10 सेंटीमीटर से छोटे और कुछ 30 सेंटीमीटर से भी बड़े हैं, जो झुंड में घूमते थे। यह खोज डायनासोर के जीवन और व्यवहार को समझने के लिए बेहद अहम है।
Viral Video: बाइकर ने पुलिसवालों से मांग लिए पैसे, फिर हुआ कुछ ऐसा, वीडियो देखकर नहीं होगा यकीन
क्षुद्रग्रह ने खत्म कर दिया डायनासोर
बर्मिंघम विश्वविद्यालय के जीवाश्म विज्ञानी रिचर्ड बटलर, जो शोध में शामिल नहीं थे, ने करीब 6 करोड़ वर्ष पहले की अवधि का जिक्र करते हुए कहा कि एक क्षुद्रग्रह के कारण सभी डायनासोर और उनके साथ 75 फीसदी जीवित प्रजातियां अचानक खत्म हो गईं।
ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के जीवाश्म विज्ञानी एंथनी रोमिलियो ने कहा कि पैरों के निशान यह बताने के लिए काफी है किं कंकाल क्या नहीं कर सकते? सिर्फ पैरों के निशानों से, शोधकर्ता यह बता सकते हैं कि डायनासोर कब चलते थे या तेज गति से चलते थे, कब रुकते थे या कब मुड़ते थे।
Viral Video: बंदर संग सेल्फी ले रही लड़की पर अचानक हमला, मजाकिया पल बना हड़कंप, वीडियो वायरल
अनसुलझा रहस्य
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पठार पर डायनासोर झुंड में क्यों आते थे, यह रहस्य हैं। एंथनी रोमिलियो ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि वे सभी एक बड़ी, प्राचीन, मीठे पानी की झील के नियमित आगंतुक थे, जो इसकी विशाल कीचड़दार तटरेखा पर बार-बार आते थे। उन्होंने कहा कि वे किसी चीज़ से भाग रहे थे या बसने के लिए कहीं तलाश कर रहे थे। अभी यह शोध आगे भी जारी रहेगा।