एफआईआई: चालू वित्त वर्ष में 1.48 लाख करोड़ निवेश, 2020-21 में लगाया था 2.74 लाख करोड़
सुनील न्याति, एमडी, स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और चीन में निवेशकों के घटते विश्वास से विदेशी निवेशकों का रुझान भारत की ओर हुआ है। प्रतिस्पर्धियों की तुलना में हमारे बाजार महंगे हैं। फिर भी अनुकूल आर्थिक कारकों के साथ भारत एक आकर्षक निवेश गंतव्य बना हुआ है।
विस्तार
विदेशी निवेशकों ने घरेलू बाजार में अब तक का दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड निवेश किया है। चालू वित्त वर्ष में इन्होंने शुद्ध रूप से 1.48 लाख करोड़ रुपये लगाए हैं। अब तक का सर्वाधिक निवेश 2020-21 में रहा है जो 2.74 लाख करोड़ था। जुलाई में अब तक 45,365 करोड़ लगाए हैं। 2014-15 में इन निवेशकों का निवेश 1.11 लाख करोड़, 2012-13 में 1.40 लाख करोड़, 2010-11 में 1.10 लाख करोड़ रहा। कैलेंडर साल में अब तक का रिकॉर्ड निवेश 1.70 लाख करोड़ 2020 में रहा। इस साल 1.21 लाख करोड़ का निवेश किया गया है।
सुनील न्याति, एमडी, स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और चीन में निवेशकों के घटते विश्वास से विदेशी निवेशकों का रुझान भारत की ओर हुआ है। प्रतिस्पर्धियों की तुलना में हमारे बाजार महंगे हैं। फिर भी अनुकूल आर्थिक कारकों के साथ भारत एक आकर्षक निवेश गंतव्य बना हुआ है।
मार्च बाद तेज रफ्तार
मार्च के बाद से इन निवेशकों ने जबरदस्त निवेश शुरू किया है। मार्च में 7,936 करोड़, अप्रैल में 11,631 करोड़, मई में 43,838 करोड़ और जून में 47,148 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। विश्लेषकों का कहना है कि जिस तरह का निवेश का रुझान है, उस आधार पर विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बाजार में अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। जब भी एफआईआई निवेश करते हैं बाजार में तेजी रहती है।