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इस त्योहार बैंक एफडी चमकदार: मौजूदा समय के बाजार में फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज अधिक, पैसा फिक्स कराने की होड़

The Bonus द बोनस
Updated Mon, 20 Oct 2025 11:13 AM IST
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सार

डिपॉजिट बाजार का हाल बैंकों में जमा रखने वालों के लिए त्योहारी तोहफा है। जरा ब्याज दर का गणित तो देखिए। आरबीआई जिस रेपो रेट पर बैंकों को कर्ज देता है, वह 5.50% है, जबकि इस समय बाजार में फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर इससे ऊपर है। रेपो रेट में एक फीसदी कमी के बावजूद बैंकों ने एफडी पर ब्याज दरें ऊंची ही रखी हैं। साथ ही एफडी जुटाने की होड़ भी चल रही है।

Bank FDs this festival Fixed deposits offer high interest rates in current market people rushing to fix money
सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : adobe stock
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विस्तार
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यदि आप शेयर बाजार के हिचकोलों से डर रहे हैं, तो यह वक्त अपनी पुरानी भरोसेमंद एफडी को याद करने का है। जमा-कर्ज के बाजार में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब बैंक, रिजर्व बैंक की नहीं सुन रहे। आरबीआई ने रेपो रेट में 1% की कमी की है। इसके बाद तो बैंक जमा पर ब्याज दर कम होनी चाहिए, मगर बैंकों ने एफडी पर ऊंची ब्याज दरें न केवल बनाकर रखी हैं, बल्कि बैंकों के बीच एफडी जुटाने की होड़ चल रही है। विशेष एफडी (444 दिन और इससे अधिक) को बैंक और आकर्षक बना रहे हैं। वरिष्ठ नागरिकों को ऊंची ब्याज दर की पेशकश की जा रही है।

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  • एफडी का आकर्षण और बढ़ जाता है, जब हम शेयर बाजार से इसकी तुलना करते हैं।
  • इस साल 16 अक्तूबर तक निफ्टी और सेंसेंक्स का रिटर्न 2.5 फीसदी से नीचे रहा है, जबकि कई छोटे बैंक एफडी पर 8 फीसदी तक का ब्याज दे रहे हैं, यानी तीन गुना से ज्यादा।
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ये माजरा क्या है?
रेपो दर में कटौती के बाद, बैंकों के लिए जमा जुटाना और मुश्किल हो गया है। बैंकों की कम लागत वाली जमा टूट रही है। कासा (करेंट अकाउंट-सेविंग अकाउंट अनुपात) रेश्यो 2 से 11 फीसदी तक (अलग-अलग बैंक) गिर गया है। बैंक अब कर्ज की मांग को पूरा करने के लिए एफडी से जमा पर निर्भर हैं। घरेलू बचत अब बैंकों में जमा नहीं हो रही है। ऊंचे रिटर्न की उम्मीद में पैसा म्यूचुअल फंड में जा रहा है। जमा घटने से बैंक परेशान हैं।


आरबीआई के मुताबिक, ऋण और जमा वृद्धि के बीच का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। 19 सितंबर को समाप्त पखवाड़े में बैंकों की जमा वृद्धि दर 9.5 फीसदी रही, जो इससे पहले अगस्त के पखवाड़े में 9.8% थी। इसी दौरान ऋण वृद्धि दर 10.4 फीसदी रही, जो अगस्त में 10.3% थी।

  • ब्याज दर में कमी के कारण अगली दो तिमाही में कर्ज की मांग बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में  एफडी पर ज्यादा ब्याज दर दिए बिना ज्यादा जमा आने की संभावना नहीं है।

किन लोगों के लिए एफडी बेहतर विकल्प
सुरक्षा, स्थिरता और पूर्व अनुमानित आय की वजह से वरिष्ठ नागरिकों और नियमित खर्च के लिए ब्याज आय पर निर्भर लोगों के लिए एफडी अच्छा विकल्प है। अधिकांश बैंक वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा ब्याज ऑफर कर रहे हैं।

टैक्स का ध्यान रखें
एफडी पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से कर योग्य होता है, इसलिए अधिक राशि वाली एफडी पर प्रभावी रिटर्न कम हो सकता है। इसका हिसाब जरूर लगा लें।

कैसे चुनें एफडी की अवधि

  • सारा पैसा एक ही एफडी में नहीं रखें। निवेश को अलग-अलग अवधि में बांटे।
  • उदाहरण के लिए, 1, 3 और 5 साल की एफडी करवानी चाहिए। इससे कुछ पैसा जल्दी मैच्योर होकर आपके पास आएगा, जबकि लंबी अवधि की एफडी मौजूदा उच्च दर पर लॉक रहेगी।
  • इमरजेंसी में आपको लंबी अवधि वाली एफडी बीच में नहीं तुड़वानी पड़ेगी और जुर्माने से बचेंगे।

विशेषज्ञ की राय : एफडी का सही वक्त

महंगाई घटकर 1.54 फीसद तक आ गई है। आरबीआई आने वाले महीनों में दरों में और कटौती कर सकता है। तब एफडी पर ब्याज दरें भी नीचे आएंगी। इसलिए सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न के लिए लंबी अवधि की एफडी इसी समय लॉक करें।

अंकुश पाहुजा, मैनेजिंग पार्टनर, कंप्लीट सर्कल

कौन सा बैंक बेहतर : स्माॅल फाइनेंस बैंक अच्छा ब्याज दे रहे हैं। हालांकि बैंक चुनने से पहले जांच-पड़ताल जरूर कर लें।

3 करोड़ रुपये से कम राशि की एफडी पर किस बैंक में कितना ब्याज मिल रहा है? ये जानने के लिए नीचे देखिए पूरा टेबल:

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