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योजना: BSMR देश की परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़ाने में देंगे अहम योगदान, इन रिएक्टर्स से जहाजों को भी मिलेगी बिजली
एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Mon, 20 Oct 2025 10:43 AM IST
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सार
केंद्र सरकार ने परमाणु ऊर्जा को लेकर बड़ी योजना बना रही है। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक जिस भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (बीएसएमआर) पर काम कर रहे हैं ये भविष्य में देश की परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़ाने में अहम योगदान देंगे। भारत में बनने वाले इन 200 मेगावाट के परमाणु रिएक्टरों की मदद से जहाजों को बिजली मिलेगी। क्या है ये महत्वाकांक्षी योजना? जानिए इस खबर में

बिजली संयंत्र (सांकेतिक)
- फोटो : एएनआई / रॉयटर्स
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विस्तार
भारत 200 मेगावाट के छोटे आकार के परमाणु ऊर्जा रिएक्टर विकसित कर रहा है। ये रिक्टर वाणिज्यिक जहाजों पर निर्बाध बिजली आपूर्ति करेंगे। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी दी। अधिकारी के मुताबिक, परमाणु ऊर्जा, परमाणु विखंडन से पैदा की गई ऊष्मा से बनती है और इससे बिजली उत्पादन होता है।

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जहाज पर भी स्थापित करने का विकल्प, BARC के वैज्ञानिक दो परियोजनाओं पर कर रहे काम
इस परमाणु ऊर्जा रिएक्टर की खास बात यह है कि आप रिएक्टर को कहीं भी लगा सकते हैं, यहां तक कि जहाज पर भी स्थापित कर सकते हैं। परियोजना से परिचित अधिकारियों ने आगे बताया कि भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के वैज्ञानिक 55 मेगावाट और 200 मेगावाट के दो परमाणु ऊर्जा रिएक्टर विकसित कर रहे हैं। इन्हें सीमेंट जैसे ऊर्जा-प्रधान उद्योगों से संचालित होने वाले कैप्टिव पावर प्लांट्स में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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सरकार ने किया है परमाणु ऊर्जा अधिनियम में संशोधन का एलान
भारत सरकार ने एलान किया है कि वह असैन्य परमाणु क्षेत्र में निजी कंपनियों के प्रवेश की इजाजत देने के लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम (एईए), 1962 में संशोधन करेगी। योजनाओं के अनुसार, सरकार निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का संचालन करने और परमाणु ईंधन चक्र के शुरुआती चरण को भी संभालने की इजाजत दे सकती है।
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विदेशों से ईंधन खरीदने की इजाजत पर भी विचार
परमाणु ऊर्जा अधिनियम में संशोधन करने के बाद सरकार निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए विदेशों से ईंधन खरीदने की भी इजाजत दे सकती है, बशर्ते इस्तेमाल के बाद का ईंधन उसी देश को वापस भेजा जाए।
बीएसएमआर देश की परमाणु ऊर्जा में साबित होंगे अहम
इन रिएक्टरों को भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (बीएसएमआर) कहा जा रहा है, जो आने वाले वक्त में भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़ाने की योजना में मुख्य भूमिका निभाएंगे। मौजूदा वक्त में दो स्वदेशी परमाणु पनडुब्बियों आईएनएस अरिहंत व आईएनएस अरिघात का संचालन करता है। ये दोनों 83 मेगावाट के रिएक्टरों से चलती हैं। अभी तीसरी परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी आईएनएस अरिदमन का परीक्षण चल रहा है।