Belgium: मेहुल चोकसी को भारत लाने के मामले में एक कदम और आगे बढ़ा भारत, बेल्जियम की अदालत ने कह दी बड़ी बात
Belgium: बेल्जियम स्थित एंटवर्प कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि चोकसी के अपराध भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी के साथ धारा 201, 409, 420 और 477-ए के तहत भारतीय कानून के तहत दंडनीय हैं। अदालत ने आगे कहा कि चोकसी के खिलाफ आपराधिक संगठन, ठगी, गबन और जालसाजी के आरोप बेल्जियम कानून के तहत भी दंडनीय हैं। इसलिए उनका मामला उन्हें भारत भारत प्रत्यर्पित करने योग्य है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

विस्तार
भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के अपराध भारतीय और बेल्जियम दोनों कानूनों के तहत उसे भारत प्रत्यर्पित करने के योग्य हैं। बेल्जियम की एक अदालत ने अपने एक विस्तृत फैसले में यह बात कही है। इसके साथ ही पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए चोकसी के भारत लौटने का रास्ता साफ हो गया है।

अदालत ने कहा- चोकसी के अपराध प्रत्यपर्ण के लिए जरूरी सिद्धांत को संतुष्ट करते हैं
बेल्जियम स्थित एंटवर्प के एक कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि चोकसी के अपराध भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी के साथ धारा 201, 409, 420 और 477-ए के तहत भारतीय कानून के तहत दंडनीय हैं। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और 13(2) के साथ धारा 13(1)(सी) और (डी) के तहत भी एक वर्ष से अधिक की सजा का प्रावधान है। अदालत ने आगे कहा कि चोकसी के खिलाफ आपराधिक संगठन, ठगी, गबन और जालसाजी के आरोप बेल्जियम कानून के तहत भी दंडनीय हैं। इस तरह चोकसी के अपराध बेल्जियम आपराधिक संहिता के अनुच्छेद 66, 196, 197, 213, 240, 241, 245, 246, 247 एसएसएसएस2-4, 324 ए-बी और 496 के तहत, प्रत्यर्पण के लिए आवश्यक दोहरी आपराधिकता के सिद्धांत को संतुष्ट करते हैं।
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हालांकि, अदालत ने चोकसी पर लगे एक आरोप को खारिज कर दिया कि 201 आईपीसी के तहत साक्ष्य गायब किए गए थे और कहा कि यह अपराध बेल्जियम के कानून के तहत मान्यता प्राप्त नहीं है और इसलिए इसे लागू करने योग्य नहीं माना जा सकता है। फैसले में स्पष्ट किया गया कि कथित कृत्य भारत में 31 दिसंबर, 2016 और 1 जनवरी, 2019 के बीच हुए थे और अभियोजन भारतीय या बेल्जियम कानून के तहत समय-बाधित नहीं है।
आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताने वाली चोकसी की दलील खारिज
एंटवर्प की अदालत ने चोकसी की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि प्रत्यर्पण का अनुरोध राजनीति से प्रेरित है या उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। अदालत ने कहा कि कथित अपराधों को "राजनीतिक, सैन्य या गैर-प्रत्यर्पणीय कर अपराध नहीं माना जा सकता', और 'यह मानने का कोई आधार नहीं है कि यह अनुरोध किसी व्यक्ति पर उसकी जाति, धर्म, राष्ट्रीयता या राजनीतिक संबद्धता के आधार पर मुकदमा चलाने या उसे दंडित करने के इरादे से किया गया था।'अदालत ने चोकसी के लंबे समय से चले आ रहे उस दावे को भी खारिज कर दिया कि उसे भारत के निर्देश पर एंटीगुआ से अगवा किया गया था। अदालत ने कहा कि "संबंधित व्यक्ति द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों से यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि उसे भारतीय अधिकारियों के निर्देश पर एंटीगुआ में अगवा किया गया था।"
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अदालत ने कहा कि इंटरपोल कमीशन फॉर द कंट्रोल ऑफ फाइल्स (सीसीएफ) का 12 अक्तूबर 2022 का फैसला 'अनिर्णायक और सतर्कतापूर्ण तरीके से लिया गया' था। प्रो. डॉ. एफ. टुल्केन्स, सर के. जोन्स और ई. फिट्ज़गेराल्ड केसी की ओर से से दी गई विशेषज्ञ रिपोर्टों ने निष्कर्षों में कोई बदलाव नहीं किया है। अदालत ने पाया कि चोकसी के बचाव पक्ष ने भारतीय जेलों के बारे में प्रेस लेख, केस लॉ और एनजीओ रिपोर्ट सहित दस्तावेजों का एक 'विशाल संग्रह' प्रस्तुत किया था, लेकिन अदालत ने इस संग्रह में दिए गए दुर्व्यवहार या न्याय से इनकार के वास्तविक या वर्तमान जोखिम के तर्कों को सही नहीं माना। अदालत ने सिख कार्यकर्ताओं या तिहाड़ जेल में बंद कैदियों के मामलों से तुलना पर कहा कि यह चोकसी की स्थिति पर लागू नहीं होती।
चोकसी की हिरासत पर भारतीय अधिकारियों के आश्वासन से बेल्जियम की अदालत संतुष्ट
बल्जियम की अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि भारतीय अधिकारियों ने चोकसी की हिरासत की स्थिति और चिकित्सा देखभाल के बारे में विस्तृत आश्वासन दिया है। नोट में बताया गया है कि उन्हें मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक संख्या 12 में रखा जाएगा। यह बैरक लगभग 46 वर्ग मीटर में फैली है। इसमें दो कोठरियां और निजी शौचालय सुविधाएं हैं। उन्हें केवल चिकित्सा कारणों या अदालती पेशियों के लिए ही स्थानांतरित किया जाएगा, और वे न्यायिक अदालतों के नियंत्रण में रहेंगे, जांच एजेंसियों के नहीं। अदालत ने माना कि चोकसी ने ऐसा कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं दिया है जिससे यह पता चले कि उसे भारत में चिकित्सा देखभाल या उचित उपचार से वंचित रखा जाएगा।
पंजाब नेशनल बैंक से ₹13,000 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी के आरोप में अपने भांजे नीरव मोदी के साथ वांछित मेहुल चोकसी को औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध जारी करने के बाद 11 अप्रैल, 2025 को एंटवर्प में गिरफ्तार किया गया था। तब से वह हिरासत में है और उसकी कई जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने पहले बेल्जियम को एक व्यापक आश्वासन दिया था। इसमें हिरासत की व्यवस्था, स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े प्रावधानों और राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोगों (एनएचआरसी/एसएचआरसी) की ओर से की जाने वाली निगरानी की रूपरेखा के बारे में बताया गया था।