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China Export: चीन का निर्यात नवंबर में 5.9% बढ़ा, अमेरिकी निर्यात में आई में 29 फीसदी की गिरावट

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Mon, 08 Dec 2025 11:48 AM IST
सार

नवंबर में चीन के कुल निर्यात में 5.9% की वृद्धि दर्ज की गई, जो 330.3 अरब डॉलर रहा और पिछले महीने की गिरावट से बेहतर रहा। हालांकि अमेरिका को निर्यात में लगभग 29% की तीखी गिरावट बनी हुई है, जो लगातार आठवें महीने दोहरे अंकों में कमी दर्शाती है। 

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China's exports rose 5.9% in November, while US exports fell 29%
चीन - फोटो : एडॉब स्टॉक
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विस्तार
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चीन के निर्यात में नवंबर में वृद्धि दर्ज हुई है। वहीं पिछले महीने इसमें अप्रत्याशित गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि अमेरिका को निर्यात में एक साल पहले की तुलना में लगभग 29 प्रतिशत की गिरावट आई। यह लगातार आठवें महीने दोहरे अंकों में गिरावट का संकेत है। 

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चीन का कुल निर्यात नवंबर में बढ़कर 330.3 अरब डॉलर दर्ज किया गया

सीमा शुल्क आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में चीन से कुल निर्यात डॉलर के लिहाज से पिछले साल की तुलना में 5.9% अधिक रहा। यह 330.3 अरब डॉलर दर्ज किया गया, जो अर्थशास्त्रियों के अनुमान से बेहतर है। यह अक्तूबर में हुई 1.1% की गिरावट से बेहतर है।


वहीं चीन से अमेरिका को निर्यात में वर्ष के अधिकांश समय गिरावट आई है, दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका सहित अन्य गंतव्यों को निर्यात में वृद्धि हुई है। नवंबर में चीन के आयात में 1.9% की वृद्धि हुई, जो अक्तूबर की 1% वृद्धि से बेहतर है। हालांकि संपत्ति क्षेत्र में लगातार मंदी अभी भी उपभोक्ता खर्च और व्यावसायिक निवेश पर दबाव डाल रही है।

ट्रंप और शी की मुलाकात में एक साल के लिए व्यापार युद्धविराम पर सहमति बनी

अक्तूबर के अंत में दक्षिण कोरिया में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और चीनी नेता शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक में चीन और अमेरिका के बीच एक साल के लिए व्यापार युद्धविराम पर सहमति बनी। अमेरिका ने चीन पर अपने शुल्क कम कर दिए हैं, और चीन ने दुर्लभ मृदा खनिजों से संबंधित अपने निर्यात नियंत्रणों को समाप्त करने का वादा किया है।

क्या है विशेषज्ञों की राय?

आईएनजी बैंक की अर्थशास्त्री लिन सॉन्ग और दीपाली भार्गव ने एक रिपोर्ट में चीन के निर्यात को लेकर सकारात्मक संकेतों के बीच वैश्विक व्यापार गतिविधि में सुस्ती का खतरा बरकरार है। आईएनजी बैंक के अर्थशास्त्रियों लिन सॉन्ग और दीपाली भार्गव ने एक रिपोर्ट में कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौता और अमेरिकी टैरिफ में कटौती से चीन को फायदा होना चाहिए, लेकिन पिछले साल निर्यात में तेज बढ़त होने की वजह से इस साल की वृद्धि कम दिख सकती है। इसे बेस इफेक्ट कहा जाता है।

रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद टैरिफ बढ़ोतरी से पहले चीन के निर्यात में काफी तेजी आई थी। इसी कारण अब आंकड़े उतनी तेजी नहीं दिखा सकते, जिससे व्यापार वृद्धि मामूली रह सकती है।

चीन की कारखाना गतिविधि में लगातार आठवें महीने गिरावट हुई

पिछले महीने, एक आधिकारिक सर्वेक्षण के अनुसार, चीन की कारखाना गतिविधि में लगातार आठवें महीने संकुचन हुआ, क्योंकि अर्थशास्त्रियों ने कहा कि यह निर्धारित करना अभी भी जल्दबाजी होगी कि अमेरिका-चीन व्यापार समझौते के बाद बाहरी मांग में वास्तविक उछाल आया है या नहीं।

चीन का अगले पांच वर्षों के लिए उन्नत विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का लक्ष्य

निर्यात अभी भी मजबूत बना हुआ है, इसलिए अर्थशास्त्रियों को आमतौर पर उम्मीद है कि चीन इस वर्ष लगभग 5% की आर्थिक वृद्धि दर के अपने लक्ष्य को कमोबेश पूरा कर लेगा। अक्तबूर में एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद, चीनी नेताओं ने अगले पांच वर्षों के लिए उन्नत विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करने की रूपरेखा तैयार की थी। इस महीने होने वाली वार्षिक आर्थिक योजना बैठक में इन योजनाओं के विवरण पर प्रकाश डालने की उम्मीद है।

बीएनपी पारिबा एसेट मैनेजमेंट के वैश्विक बाजार रणनीतिकार ची लो ने कहा कि स्थिर वैश्विक व्यापार वातावरण लंबे समय तक बने रहने की संभावना नहीं है, क्योंकि चीन-अमेरिका संबंध अस्थायी व्यापार समझौते के बावजूद गतिरोध में बने हुए हैं। फिर भी, कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आने वाले वर्षों में चीन निर्यात बाजार में हिस्सेदारी हासिल करना जारी रखेगा।

वैश्विक निर्यात में चीन की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी की संभावना 

मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि 2030 तक वैश्विक निर्यात में चीन की हिस्सेदारी 16.5% तक पहुंच जाएगी, जो वर्तमान में लगभग 15% है। यह वृद्धि उन्नत विनिर्माण व इलेक्ट्रिक वाहन, रोबोटिक्स और बैटरी जैसे उच्च विकास वाले क्षेत्रों में इसकी बढ़त के कारण होगी।

मॉर्गन स्टेनली के मुख्य एशिया अर्थशास्त्री चेतन अह्या ने हाल ही में एक नोट में कहा कि लगातार व्यापार तनाव, निरंतर संरक्षणवाद और जी-20 अर्थव्यवस्थाओं द्वारा सक्रिय औद्योगिक नीतियों को अपनाने के बावजूद, हमारा मानना है कि चीन वैश्विक वस्तु निर्यात बाजार में अधिक हिस्सेदारी हासिल करेगा।


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