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New Rent Agreement 2025: डिजिटल स्टाम्प अनिवार्य और डिपॉजिट दो महीने तक, नई सीमाओं के साथ किराए में बड़ा बदलाव

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला। Published by: शुभम कुमार Updated Mon, 08 Dec 2025 07:07 AM IST
सार

भारत में किराये के नियमों में बड़ा बदलाव आया है। सरकार ने नया किराया समझौता 2025 लागू किया है, जिससे मकान मालिक और किरायेदार के बीच झगड़े कम होंगे। अब सभी रेंट एग्रीमेंट को दो महीने के अंदर डिजिटल स्टाम्प कराना अनिवार्य होगा, नहीं तो 5,000 रुपये जुर्माना लगेगा।

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New Rent Agreement 2025 Digital stamp mandatory and deposit limited to two months News In Hindi
नया किराया समझौता 2025 - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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भारत में घर किराये पर लेने का मतलब होता था अनौपचारिक नियमों, असंगत समझौतों और अचानक आए झटकों से निपटना, लेकिन अब किराये के नियमों में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। सरकार ने  New Rent Agreement 2025 को लागू कर दिया है। इसका मकसद किराये के कॉन्ट्रैक्ट को आसान बनाना, मकान मालिक और किरायेदार के बीच के झगड़ों को कम करना और इस अनौपचारिक, लेकिन तेजी से बढ़ते मार्केट में एक जैसे नियम लागू करना है।
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डिजिटल स्टाम्प अब अनिवार्य
इस सुधार का सबसे अहम हिस्सा यह है कि अब सभी किराये के समझौतों (रेंट एग्रीमेंट) को हस्ताक्षर करने की तारीख से दो महीने के अंदर डिजिटल स्टाम्प कराना जरूरी होगा। ऐसा न करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। यह नियम उन मौखिक या बिना रजिस्टर्ड समझौतों को कम करेगा, जिनके कारण अक्सर कानूनी झगड़े होते हैं।
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सिक्योरिटी डिपॉजिट सीमित
सिक्योरिटी डिपॉजिट की सीमा तय की गई है, जो बड़े शहरों में किरायेदारों के लिए हमेशा ही एक बड़ी परेशानी रही है। नए नियमों के तहत, रिहायशी संपत्तियों के लिए डिपॉजिट की सीमा सिर्फ दो महीने के किराये तक सीमित होगी। पहले यह छह से 10 महीने के किराये के बराबर होती थी। यह किरायेदारों के लिए बहुत बड़ी राहत है और वैश्विक किरायेदारी मानकों की ओर एक कदम है।    

किराये में वृद्धि की मनमानी नहीं
किराये में संशोधन या वृद्धि अब साल में सिर्फ एक बार ही किया जा सकता है, और इसके लिए मकान मालिकों को 90 दिन का नोटिस देना जरूरी होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और अचानक साल के बीच में होने वाली बढ़ोतरी के झटके से सुरक्षा मिलेगी। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा...5,000 रुपये प्रतिमाह से अधिक का कोई भी किराया डिजिटल रूप से (यूपीआई, बैंक ट्रांसफर) ही देना होगा। यह दोनों पक्षों को सुरक्षा प्रदान करेगा और एक स्वच्छ डिजिटल रिकॉर्ड बनेगा।

स्टैंडर्ड रेंट एग्रीमेंट...ऊंचे किराये पर टीडीएस
एक समान किराये समझौता प्रारूप (Uniform Rental Agreement Format) जारी। समझौते में कोई छिपी हुई लाइनें, कोई अजीब क्लॉज या कोई अतिरिक्त नियम नहीं होगा। सब कुछ स्पष्ट तौर पर लिखा होगा।50,000 रुपये प्रतिमाह से अधिक किराये पर टीडीएस लगेगा। यह नियम प्रीमियम सेगमेंट को मौजूदा टैक्स नियमों के दायरे में लाएगा और भविष्य में कर विभाग के साथ होने वाले विवादों से बचाएगा।

इन सुधारों का दूरगामी प्रभाव पड़ेगा
डिपॉजिट की सीमा तय होने, डिजिटल भुगतान अनिवार्य बनने और समझौतों के मानकीकृत होने से लाखों लोगों के लिए घर किराये पर लेना अधिक सुलभ होगा और विवाद भी कम होंगे।  
- गौतम प्रसाद, एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट
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