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Passive funds: निवेशक सक्रिय फंड छोड़ पैसिव फंड की ओर, एक साल में फोलियो तीन गुना बढ़कर 4.81 करोड़ हुआ

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला। Published by: शुभम कुमार Updated Mon, 08 Dec 2025 07:19 AM IST
सार

जब शेयर बाजार तेजी से करवट लेता है, तो अनुभवी फंड मैनेजर भी बाजार को मात देने में पसीना छोड़ देते हैं, दिन भर में उलट-पलट होते बाजार में म्यूचुअल फंड निवेशक एक बड़ा बदलाव ला रहे हैं।
 

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Investors are shifting from active funds to passive funds number of folios tripling to 4.81 crore in one year
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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पैसिव फंड में इंडेक्स फंड, ईटीएफ (गोल्ड, सिल्वर व अन्य) और विदेशी एक्सचेंज जैसे हैंगसेंग, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में निवेश के लिए फंड ऑफ फंड्स (ओवरसीज) शामिल हैं। कम खर्च, आसान निवेश और स्थिर लॉन्ग-टर्म रिटर्न की वजह से ये फंड तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। म्यूचुअल फंड में निवेशक के नियम बदल रहे हैं। पुराना नियम था, तेज उतार-चढ़ाव में जानकार या फंड मैनेजर का हाथ थामो, यानी एक्टिव फंड पर दांव लगाओ, जिसे कोई विशेषज्ञ संभालता है। मगर अब पिछले एक साल के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि निवेशक सक्रिय (एक्टिव) फंड्स के बजाय तेजी से निष्क्रिय (पैसिव) फंड्स पर भरोसा कर रहे हैं।

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AMFI के मुताबिक, पैसिव फंड फोलियो अक्तूबर, 2025 तक 3 गुना से ज्यादा बढ़कर 4.81 करोड़ हो गए। अक्तूबर, 2024 में यह 1.30 करोड़ था। इसके मुकाबले एक्टिव फंड (ओपन एंडेड 10 व इक्विटी 16.5 फीसदी) में फोलियो की वृद्धि दर आधी है।  
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क्यों बढ़ रहे हैं पैसिव फंड के कद्रदान?
भारतीय निवेशकों ने अपने तजुर्बे से सीख लिया है कि बाजार में अनिश्चितता होती है, तो ज्यादा फीस देकर किसी फंड मैनेजर के पूर्वाग्रह या गलत फैसलों पर निर्भर रहने से बेहतर है कि कम लागत वाले पैसिव फंड को अपनाया जाए। निवेशकों की बदलती पसंद के कारण पिछले एक साल में एक्टिव फंड की तुलना में पैसिव फंड में सबसे ज्यादा नई स्कीमें लॉन्च हुई हैं...

  • पैरामीटर अक्तू.25 अक्तू.24 वृद्धि
  • ओपन एंडेड स्कीम 329 315 14%
  • ग्रोथ/इक्विटी स्कीम 539 471 68%
  • पैसिव फंड स्कीम 546 687 141%

क्या होते हैं पैसिव फंड?
ऐसे फंड, जो किसी बाजार इंडेक्स (जैसे Nifty 50, Nifty Next 50, Nifty Midcap 150, और Nifty Smallcap 250) को ट्रैक करते हैं। इसका मकसद बाजार के प्रदर्शन को कॉपी करना होता है। ये सक्रिय रूप से स्टॉक चुनने के बजाय, इंडेक्स में शामिल शेयरों को उसी अनुपात में खरीदते हैं, ताकि उसकी चाल और रिटर्न बिल्कुल इंडेक्स जैसे रहें। इसे ट्रैकिंग कहते हैं।  


ईटीएफ ने चमकाया बाजार
एक्टिव के बजाय पैसिव फंड में निवेश बढ़ने की एक वजह गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ का आकर्षक रिटर्न भी है। गोल्ड ईटीएफ ने 51% और सिल्वर ईटीएफ ने 53% का रिटर्न दिया है। अक्तूबर 2025 के दौरान पैसिव फंड में आए कुल निवेश 16,668 करोड़ रुपये में से सबसे ज्यादा 7,743 करोड़ रुपये का निवेश अकेले गोल्ड ईटीएफ में हुआ है। इसके बाद 6,181 करोड़ रुपये का निवेश अन्य ईटीएफ में गया।  

पैसिव फंड के फायदे

  • बाजार, फंड मैनेजर या तिमाही नतीजों पर नजर रखने की जरूरत नहीं।
  • खर्च एक्टिव फंड्स से कम (0.1%–0.6%), जिससे शुद्ध रिटर्न बढ़ता है।
  • आपको हमेशा पता होता है कि आपके फंड में कौन-सी कंपनियां हैं।
  • लंबी अवधि में, इंडेक्स फंड्स ने अधिकांश एक्टिव फंड्स से अधिक रिटर्न दिया है।

     
कुछ नुकसान भी हैं-

  • इंडेक्स के रिटर्न से तो मेल खाएंगे, लेकिन उसे कभी भी हरा नहीं पाएंगे।
  • अगर बाजार 20% गिरता है, तो इंडेक्स फंड भी 20% ही गिरेगा। इनके पास छिपने की कोई जगह नहीं होती।
  • बाजार में तनाव के दौरान फंड मैनेजर होल्डिंग्स बदल नहीं सकते।
  • कुछ फंड इंडेक्स से भटक सकते हैं।


रिटर्न के मामले में एक्टिव से आगे पैसिव

  • सक्रिय फंड्स 01 वर्ष रिटर्न पैसिव फंड्स 01 वर्ष रिटर्न
  • HDFC ट्रांसपोर्ट 24.32% MOSL निफ्टी इंडिया 32.95%
  • एंड लॉजिस्टिक फंड डिफेंस इंडेक्स फंड
  • DSP क्रेडिट रिस्क फंड 22.55% ABSL निफ्टी इंडिया 32.18%
  • डिफेंस इंडेक्स फंड
  • DSP मल्टी एसेट   20.80% टाटा निफ्टी कैपिटल 27.47%
  • अलोकेशन फंड मार्केट इंडेक्स फंड
  • DSP बैंकिंग एंड   20.08%   कोटक निफ्टी फाइनेंशियल 25.93%
  • फाइनेंशियल सर्विसेस फंड सर्विसेस इंडेक्स फंड
  • HDFC डिफेंस फंड 19.88% MOSL BSE फाइनेंशियल 20.38%
  • एक्स-बैंक 30 इंडेक्स फंड

जोखिम के बीच संतुलित कदम  
कम लागत, अधिक पारदर्शिता और बाजार के औसत रिटर्न के साथ सुरक्षित रूप से निवेश शुरू करने वालों के लिए इंडेक्स फंड अच्छा एंट्री प्वाइंट है। निवेशक अब अनुशासन, पारदर्शिता और कम लागत को प्राथमिकता दे रहे हैं। वह जान गए हैं कि बाजार को हराने की कोशिश करने से बेहतर है कि बाजार के साथ चला जाए।
मेजर आशीष चड्ढा (रि.)
सीईओ, चड्ढा इनवेस्टमेंट कंसल्टेंट प्रा. लि.

पैसिव फंड कब खरीदें?

  • उनके लिए अच्छा विकल्प, जो लंबी अवधि के शांत निवेश को चुनते हैं
  • शुरुआती निवेशकों के लिए आदर्श।
  • 15-20 वर्ष की लंबी अवधि में ये सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
  • जब बाजार गिरता है, तो एकमुश्त निवेश फायदेमंद हो सकता है।


कब बेचें?

  • जब अपने वित्तीय लक्ष्य तक पहुंच जाएं-जैसे घर खरीदना, बच्चों की शिक्षा।
  • जब आपके पोर्टफोलियो में इक्विटी ज्यादा हो जाए। रिबैलेंस की जरूरत हो।
  • 1-2 साल में पैसों की जरूरत हो, तब सुरक्षित डेट फंड में शिफ्ट हो जाएं।
  • आपको लगता है कि कोई सेक्टर इंडेक्स बहुत ज्यादा जोखिम भरा है।

कितना निवेश सही...

  • रूढ़िवादी : 10-15% सिर्फ सादे इंडेक्स फंड्स में, शेष डेट, फिक्स्ड इनकम में।
  • मध्यम : 10-15% सादे इंडेक्स फंड में, 5% सेक्टोरल इंडेक्स फंड (एक्टिव फंड या अंतरराष्ट्रीय फंड के साथ)।
  • आक्रामक : 10-15% इंडेक्स फंड, 10-15% सेक्टोरल इंडेक्स फंड (निफ्टी 50, निफ्टी नेक्स्ट 50, मिडकैप का मिश्रण)।
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