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Corona Update: चीन में बढ़ते संक्रमण से बढ़ी भारत की चिंता, अगर लगा लॉकडाउन तो इन सेक्टरों पर दिखेगा असर

Rahul Sampal राहुल संपाल
Updated Fri, 23 Dec 2022 05:55 PM IST
सार

Corona Update: अमर उजाला से चर्चा में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट्स ऑर्गेनाइजेशन (फियो) से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि चीन व कुछ अन्य देशों में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं, जो वैश्विक व्यापार के लिए खतरे की घंटी है...

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india concerning of rising cases in china, if lockdown impose these sector of business will be affected
Corona Update: Lockdown - फोटो : पीटीआई (फाइल)
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विस्तार
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चीन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में कोरोना केसों (Corona Update) के बढ़ने के साथ अब भारत में भी संक्रमण को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। लेकिन इसी बीच निर्यातकों को चीन भेजी जाने वाली खेप में आगे और कमी आने की चिंता सताने लगी है, क्योंकि पड़ोसी देश में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अगर चीन में व्यापक स्तर पर लॉकडाउन होता है, तो भारत के निर्यात के साथ ही आयात पर भी व्यापक देखने को मिलेगा। व्यापार संगठनों के मुताबिक जोखिम वाले क्षेत्रों में फार्मास्यूटिकल्स, वाहनों के कलपुर्जे और इलेक्ट्रॉनिक सामान और उसके पार्ट्स शामिल हैं।

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दरअसल, इस वित्त वर्ष के शुरुआती सात माह में चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है। वैश्विक व्यापार में चीन की हिस्सेदारी बहुत ज्यादा है। अगर लॉकडाउन के कारण कोई कोई व्यवधान होता है, तो इसका असर भारत समेत कई देशों पर पड़ सकता है, जो चीन द्वारा की जाने वाली आपूर्ति पर निर्भर हैं। जहां तक निर्यात का मसला है। चीन भारत का चौथा निर्यात बाजार है। जबकि इसके पहले के वित्त वर्ष में तीसरा सबसे बड़ा बाजार था।

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अमर उजाला से चर्चा में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट्स ऑर्गेनाइजेशन (फियो) से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि चीन व कुछ अन्य देशों में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं, जो वैश्विक व्यापार के लिए खतरे की घंटी है। भारत चीन से प्रमुख रूप से इलेक्ट्रॉनिक सामान, इंजीनियरिंग सामान, रसायन और उससे जुड़े उत्पादों, अन्य विनिर्मित वस्तुओं और वस्त्र का आयात करता है। जबकि पेट्रोलियम उत्पाद, समुद्री उत्पाद, कार्बनिक रसायन, गैर बासमती चावल के अलावा अन्य कुछ वस्तुओं का चीन को निर्यात करता है। लेकिन पिछले साल के अंत से ही निर्यात घट रहा है। बहरहाल कंपनियां चीन से कच्चे माल की आपूर्ति पर निर्भर हैं और अगर कोई व्यवधान आता है तो अगले दो-तीन महीने के लिए गंभीर चिंता का विषय हो सकता है। लेकिन पिछले अनुभव को देखते हुए कंपनियों ने भंडारण शुरू कर दिया है।

लगातार घट रहा है दोनों देशों के बीच बाजार

उपलब्ध आंकड़ों पर नजर डालें तो सामने आता है कि चीन को होने वाला निर्यात दिसंबर 2021 से ही कम हो रहा है। अप्रैल से अक्तूबर के बीच भारत ने चीन को 8.84 अरब डॉलर की वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात किया है, जो एक साल पहले की तुलना में 37 फीसदी कम है। जबकि इसी अवधि के दौरान भारत ने चीन से 60 अरब डॉलर से ज्यादा वस्तुओं का आयात किया है, जो एक साल पहले की तुलना में 17 फीसदी ज्यादा है।

इंडियन टी एसोसिएशन से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि चीन में कोविड के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं। चीन भारत के लिए बड़ा निर्यात बाजार है। हालांकि तीन साल पहले की तुलना में भेजी जाने वाली खेप अब घटकर आधी रह गई है। आगामी दिनों में हम भारत सरकार की ओर से निर्यात व आयात में कुछ प्रतिबंध देख सकते हैं। चीन में कोविड संबंधी प्रतिबंधों के कारण कई सामान की मांग कम होती दिख रही है।

चीन करीब सभी जींसों का बड़ा आयातक है। इसमें चावल, कपास, अनाज (मक्का, जौ, गेहूं), सोयाबीन, चीनी, खाद्य तेल जैसे पाम ऑयल सोया ऑयल आदि शामिल हैं और अगर बाजार में कोई व्यवधान आता है तो इससे वैश्विक व्यापार पर व्यापक असर पड़ना स्वाभाविक है। जबकि चीन भारत से चावल, कपास, मूंगफली, धनिया, जीरा और कई अन्य मसालों, तिल, अरंडी के तेल आदि का आयात करता है।

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