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What Report Says on RBI Rate Cut: क्या फरवरी 2026 में ब्याज दर घटा सकता है आरबीआई? जानें रिपोर्ट में क्या दावा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Mon, 22 Dec 2025 11:06 AM IST
सार

यूनियन बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई फरवरी 2026 की मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर रेपो रेट को 5 प्रतिशत तक ला सकता है। नरम नीतिगत संकेत, नियंत्रित महंगाई और कमजोर अंतर्निहित कीमत दबाव इसके प्रमुख कारण बताए गए हैं।

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Could the RBI reduce interest rates in February 2026? Find out how much room there is for a reduction
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Adobestock
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विस्तार
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भारतीय रिजर्व बैंक फरवरी में होने वाली नीतिगत बैठक में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया कि रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई आगामी बैठक में ब्याज दरों में 0.25% की कटौती कर 5 प्रतिशत पर ला सकता है। रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय बैंक के नरम नीतिगत दिशानिर्देशों को देखते हुए, फरवरी या अप्रैल 2026 में अंतिम 25 आधार अंकों की दर कटौती की गुंजाइश है।

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इन कारणों से नीतिगत दरों में नरमी की गुंजाइश 

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि आरबीआई ने हालिया नीतिगत संवाद में कई बार महंगाई के अनुकूल बने रहने और अंतर्निहित कीमत दबावों के कमजोर होने का उल्लेख किया है। इससे आगे दरों में सीमित कटौती की संभावनाएं मजबूत होती हैं।


इसके अलावा रिपोर्ट ने कहा कि अगर सोने की कीमतों से जुड़ी लगभग 50 आधार अंकों की महंगाई के प्रभाव को समायोजित कर दिया जाए, तो कुल मिलाकर महंगाई का दबाव और भी कम दिखाई देता है। इससे संकेत मिलता है कि मौद्रिक नीति में नरमी के लिए अभी कुछ गुंजाइश बनी रह सकती है।

ब्याज दरों में कटौती का समय अनिश्चित

हालांकि, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ब्याज दर में कटौती का समय अभी भी अनिश्चित है। इसका एक प्रमुख कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आधार वर्षों का आगामी संशोधन है, जो फरवरी 2026 में होना है।

इस संदर्भ में, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) संशोधित आंकड़े उपलब्ध होने के बाद मुद्रास्फीति और विकास के रुझानों का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए प्रतीक्षा करो और देखो का दृष्टिकोण अपना सकती है।

दिसंबर में आरबीआई ने ब्याज दरों में की 25 आधार अंकों की कटौती

एमपीसी ने दिसंबर की नीतिगत बैठक में नीतिगत रेपो दर में 25 आधार अंकों की कमी की घोषणा की, जिससे यह घटकर 5.25 प्रतिशत हो गई। यह निर्णय आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा 3 से 5 दिसंबर तक आयोजित तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के समापन के बाद सूचित किया गया।

मल्होत्रा ने कहा कि एमपीसी ने ब्याज दरों में कटौती को तत्काल प्रभाव से लागू करने के सर्वसम्मत निर्णय पर पहुंचने से पहले उभरती हुई व्यापक आर्थिक स्थितियों और भविष्य के दृष्टिकोण का विस्तृत आकलन किया।

आगामी बैठक पर बाजार की नजर 

आरबीआई की अगली मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4, 5 और 6 फरवरी, 2026 को निर्धारित है। बाजार के भागीदार इस बैठक पर बारीकी से नजर रखेंगे ताकि मुद्रास्फीति की बदलती स्थिति और आगामी आंकड़ों में संशोधन को देखते हुए, आगे की मौद्रिक नीति में ढील के समय और सीमा के बारे में संकेत मिल सकें। 


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