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Health Insurance Plan: प्रदूषण वाली बीमारियों के इलाज के लिए भी बीमा पॉलिसी, भारी खर्च से बचने में मिलेगी मदद

अमर उजाला ब्यूरो Published by: लव गौर Updated Thu, 27 Nov 2025 06:48 AM IST
सार

प्रदूषण संबंधी बीमारियों की बढ़ती घटनाओं से कुछ कंपनियां अब ऐसे विशेष स्वास्थ्य बीमा प्लान लेकर आ रही हैं, जो श्वसन देखभाल पर केंद्रित हैं।

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Health Insurance Plan for treatment of pollution-related diseases also help in avoiding huge expenses
वायु प्रदूषण - फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
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उत्तर भारत सहित कई राज्यों में जाड़े में बढ़ते प्रदूषण से सांस संबंधित बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। इन बीमारियों के इलाज पर भारी-खर्च होता है। हालांकि, बीमा कंपनियां अब इस तरह के रोगों को भी पॉलिसी में शामिल कर रही हैं।
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बजाज जनरल इंश्योरेंस लि. के हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन टीम के प्रमुख भास्कर नेरुरकर कहते हैं, प्रदूषण संबंधी बीमारियों की बढ़ती घटनाओं से कुछ कंपनियां अब ऐसे विशेष स्वास्थ्य बीमा प्लान लेकर आ रही हैं जो श्वसन देखभाल पर केंद्रित हैं। इनमें प्रदूषण से उत्पन्न श्वसन स्थितियों के लिए बिना प्रतीक्षा अवधि की सुविधा, फेफड़ों की स्वास्थ्य जांच जैसी देखभाल लाभ व पुरानी श्वसन बीमारियों के प्रबंधन के लिए वेलनेस कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं। ब्यूरो
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आमजन के लिए स्वास्थ्य की समस्या
नेरुरकर कहते हैं, प्रदूषण आमजन के स्वास्थ्य की बड़ी समस्या बन गया है, जो गंभीर श्वसन समस्याओं में बढ़ोतरी का कारण बन रहा है। अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों के इन्फेक्शन जैसी स्थिति अब आम हो गई हैं। ये स्वास्थ्य समस्याएं विशिष्ट मौसमों तक सीमित नहीं हैं, वे पूरे वर्ष लगातार बना रहने वाला खतरा बन गई हैं।

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खर्चों को कवर करती हैं पॉलिसी
कई कॉम्प्रिहेंसिव प्लान में आउटपेशेंट डिपार्टमेंट के लाभ शामिल हैं। इसमें छाती के एक्स-रे व सीटी स्कैन जैसे डायग्नोस्टिक टेस्ट, डॉक्टर से परामर्श, फॉलो-अप, वार्षिक स्वास्थ्य जांच, टेली-कंसल्टेशन व पहले से चल रही दवाओं की लागत कवर होती है। यह विशेष रूप से उनके लिए लाभदायक है जो अस्थमा या सीओपीडी जैसी गंभीर श्वसन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। कुछ प्लान ऐसे गंभीर लक्षणों को संभालने के लिए जरूरी होते हैंं जिनके लिए रात भर हॉस्पिटल में रहने की जरूरत नहीं होती। इससे लंबी अवधि के उपचार के दौरान आर्थिक बोझ कम हो जाता है।
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