Market High: 2013 में 21 हजार पर था सेंसेक्स, अब 86 हजार के पार, 12 वर्षों में कैसे चढ़ा सूचकांक?
Sensex All Time High: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीद और विदेशी पूंजी प्रवाह के बीच भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को नया इतिहास रच दिया। आशावादी वैश्विक रुझानों के दम पर सेंसेक्स और निफ्टी शुरुआती कारोबार में अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गए, निवेशकों के चेहरे पर रौनक लौट आई। आइए 2013 के बाद से सेंसेक्स की अब तक की यात्रा पर एक नजर डालें।
विस्तार
भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को एक बार फिर साबित कर दिया कि बुल्स का दम अभी बरकरार है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित दर कटौती और विदेशी निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी ने बाजार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। बीएसई सेंसेक्स 416.67 अंक की छलांग लगाकर 86,026.18 पर पहुंच गया, जो इसका अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। इससे पहले 27 सितंबर 2024 को सेंसेक्स ने 85,978.25 का रिकॉर्ड बनाया था।
1979 में शुरुआत के बाद हर दशक में चार गुना बढ़ा सेंसेक्स
एनएसई निफ्टी भी पीछे नहीं रहा। यह 101.65 अंक की बढ़त के साथ 26,306.95 पर पहुंच गया, जो इसका नया ऑल-टाइम हाई है। इससे पहले निफ्टी ने 26,277 का स्तर छुआ था। लंबी अवधि में भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। 1979 में सेंसेक्स की शुरुआत के बाद से हर दशक में यह चार गुना बढ़ा है।ये भी पढ़ें: Milk Consumption: 70% भारतीय रोजाना करते हैं दूध और डेयरी उत्पादों का सेवन, फ्लेवर्ड दूध की मांग तेजी से बढ़ी
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 4,778.03 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने भी पिछले कारोबार में 6,247.93 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। बुधवार को सेंसेक्स 1,022.50 अंक या 1.21 प्रतिशत बढ़कर 85,609.51 पर बंद हुआ। निफ्टी 320.50 अंक या 1.24 प्रतिशत बढ़कर 26,205.30 पर बंद हुआ।
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बीते 12 वर्षों में निफ्टी भी 400 फीसदी से ज्यादा उछला
एक दशक पहले जो निफ्टी 6000 का स्तर भी हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहा था, बुधवार को निफ्टी 26000 का स्तर पार कर गया। इसमें 12 वर्षों के दौरान करीब 400 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ है। निफ्टी के 50 शेयरों का मार्केट कैप 472 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। बीते कुछ महीनों में मैक्रोइकोनॉमिक अनिश्चितताओं और जियोपॉलिटिकल तनावों के कारण बाजार में आए उठा-पटक के बावजूद भारतीय बाजार में अब एक बार फिर हरियाली लौटी है। जानकारों का मानना है कि वर्ष 2030 तक निफ्टी ऊंचाईयों को हासिल करते हुए 50,000 का आंकड़ा छू सकता है।
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जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार के अनुसार फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और रूस-यूक्रेन के बीच संभावित शांति समझौते से वैश्विक स्तर पर इक्विटी बाजार में सकारात्मक भावना बनी है। इसका फायदा भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों को मिला है। इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 0.57 प्रतिशत गिरकर 62.77 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
वैश्विक एजेंसियों की भारतीय बाजार पर क्या राय?
भारतीय बाजार में हरियाली लौटने के प्रति वैश्विक एजेंसी भी आश्वस्त हैं। इस बीच, जेपी मॉर्गन ने 2026 के अंत तक निफ्टी 50 का लक्ष्य बढ़ाकर 30,000 कर दिया है और एमएससीआई इंडिया की आय में 2026 में 13 प्रतिशत और 2027 में 14 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है। बैंक ने कहा, "सहायक राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों, घरेलू मांग में सुधार और व्यापक क्षेत्रीय वृद्धि के साथ, कॉर्पोरेट आय में उछाल आना तय है।" साथ ही, बैंक ने यह भी कहा कि अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों में सुधार से निकट भविष्य में पुनर्मूल्यांकन हो सकता है। मैक्वेरी ने भी तेजी की बात दोहराते हुए कहा कि "जोखिम का संतुलन अनुकूल हो गया है और निफ्टी के 2026 के अंत में 20,000 के बजाय 30,000 के स्तर के करीब पहुँचने की संभावना है।