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EMI: 'स्प्रेड' के जरिये घटा सकते हैं होम लोन की ईएमआई, ऐसे समझें बचत का गणित

कालीचरण, नई दिल्ली। Published by: देव कश्यप Updated Mon, 10 Apr 2023 06:32 AM IST
सार

स्प्रेड दर की गणना उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर, आय के स्रोत और कर्ज के आकार जैसे पैमानों के आधार पर की जाती है। यह विभिन्न उधारकर्ताओं के लिए अलग-अलग होता है।

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Home loan EMI can be reduced through spread rate
होम लोन (सांकेतिक तस्वीर)। - फोटो : iStock
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विस्तार
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अपना मकान खरीदना भारतीयों की सबसे पसंदीदा ख्वाब रहा है। एस्पिरेशन इंडेक्स सर्वे में भी इसका खुलासा हुआ है। ब्याज दरों में वृद्धि के इस दौर में भी आमतौर पर लोग मकान खरीदने के लिए होम लोन ही लेते हैं। इस पर उन्हें ईएमआई (मासिक किस्त) के साथ भारी-भरकम ब्याज चुकाना पड़ता है।

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हालांकि, अगर आप चाहें तो 'स्प्रेड दर' के जरिये अपने होम लोन की ईएमआई घटा सकते हैं। दरअसल, खुदरा कर्ज (होम लोन भी इसी दायरे में आता है) के दो महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं। बेंचमार्क दर और स्प्रेड दर।
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ऐसे समझें बचत का गणित
आपने न्यूनतम 1.90 फीसदी स्पेड दर पर होम लोन लिया है। अब रेपो दर में गिरावट आती है और आपके होम लोन की दर 4 फीसदी पर आ जाती है। ऐसे में आपके होम लोन पर ब्याज की दर 5.90% होगी। किसी दूसरे व्यक्ति ने 2.65 फीसदी स्प्रेड दर से होम लोन लिया है तो पूरी कर्ज अवधि के लिए उसकी अनुमानित ब्याज दर 6.65% हो जाएगी।

पूरी कर्ज अवधि के दौरान स्थिर रहती है स्प्रेड दर
बेंचमार्क वह कम-से-कम दर होती है, जिस पर कर्ज मिलता है। यह दर कर्जदाताओं की नीतियों, महंगाई दर और रेपो दर में बदलावों के आधार पर तय होती है। इसलिए, रेपो दर में वृद्धि पर होम लोन की ईएमआई बढ़ जाती है। वहीं, स्प्रेड दर की गणना उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर, आय के स्रोत और कर्ज के आकार जैसे पैमानों के आधार पर की जाती है। यह विभिन्न उधारकर्ताओं के लिए अलग-अलग होता है।

इस पर रेपो दर में बढ़ोतरी का असर नहीं होता है। यह पूरी लोन अवधि में स्थिर रहता है और होम लोन की दर के साथ जुड़ा होता है। मार्च, 2020 में स्प्रेड दर करीब 3.50 फीसदी थी, जो मार्च, 2023 में घटकर 1.90 फीसदी रह गई है।

इन चार तरीकों से भी घटा सकते हैं बोझ

  • मौजूदा उधारदाता से रिफाइनेंस कराएं : मौजूदा उधारदाता से न्यूनतम दर पर लोन को रिफाइनेंस कराएं। प्रोसेसिंग शुल्क की जांच कर लें।
  • बैलेंस ट्रांसफर कराएं : किसी दूसरे उधारदाता के साथ बचे कर्ज को ट्रांसफर कराएं। रिफाइनेंसिंग शुल्क, लीगल शुल्क आदि की जांच कर लें।
  • ईएमआई बढ़ाएं : वित्तीय स्थिति का आकलन कर कर्ज का बोझ घटाने के लिए ईएमआई बढ़ा दें।  
  • हर साल एक अतिरिक्त ईएमआई भरें : वित्तीय स्थिति अच्छी है तो हर साल की शुरुआत में अपने होम लोन की एक ईएमआई अतिरिक्त भरें। इससे कर्ज अवधि घट जाएगी।


क्रेडिट स्कोर और आय अच्छी तो ही लाभ
अनुमान है कि 2023 की पहली तिमाही में होम लोन की दर का बढ़ना जारी रहेगा। इसलिए, सिर्फ ईएमआई का भुगतान ही काफी नहीं है। स्प्रेड दर के बारे में भी विचार करें। अगर आपका क्रेडिट स्कोर उच्च है और कमाई बेहतर है, तो आप न्यूनतम स्प्रेड दर का लाभ उठा सकते हैं। -आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंक बाजार

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