IIP: नवंबर महीने में औद्योगिक उत्पादन 6.7 फीसदी बढ़ा, सरकार की ओर से आंकड़े जारी
IIP: भारत की आईआईपी वृद्धि दर नवंबर 2025 में 2 साल के रिकॉर्ड स्तर 6.7% पर पहुंच गई है। जानें कैसे GST कटौती और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के दमदार प्रदर्शन ने औद्योगिक उत्पादन को रफ्तार दी।
विस्तार
भारतीय अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर औद्योगिक उत्पादन से जुड़े उत्साहजनक आंकड़े सामने आए हैं। देश के औद्योगिक उत्पादन (IIP) ने नवंबर 2025 में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो पिछले दो वर्षों का सबसे उच्चतम स्तर है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग (खनन) क्षेत्र के दमदार प्रदर्शन ने इस वृद्धि को मुख्य रूप से रफ्तार दी है। इस तेजी के पीछे सरकार द्वारा जीएसटी (GST) दरों में की गई कटौती को एक बड़ा कारक माना जा रहा है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों की ये हैं खास बातें-
- कुल IIP ग्रोथ: 6.7% (नवंबर 2024 में यह 5% थी)।
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर: 8% की वृद्धि (पिछले साल 5.5% थी)।
- माइनिंग (खनन) सेक्टर: 5.4% की वृद्धि (पिछले साल 1.9% थी)।
- बिजली उत्पादन: 1.5% की गिरावट (पिछले साल 4.4% की वृद्धि थी)।
- कैपिटल गुड्स: 10.4% की मजबूत वृद्धि।
GST कटौती और फेस्टिव डिमांड का असर
नवंबर के इन आंकड़ों में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की 8 प्रतिशत की वृद्धि सबसे महत्वपूर्ण रही। 22 सितंबर 2025 से लागू हुई कई उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती के बाद ऑर्डरों में भारी उछाल देखा गया। त्योहारों से ठीक पहले की गई इस कटौती ने मांग को बढ़ाने में मदद की, जिससे कंपनियों के पास ऑर्डर बुक मजबूत हुई और उत्पादन में तेजी आई। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के 23 में से 20 उद्योग समूहों ने इस महीने सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है।
विशेष रूप से बेसिक मेटल्स, फैब्रिकेटेड मेटल प्रोडक्ट्स, फार्मास्यूटिकल्स और मोटर वाहन क्षेत्रों ने औद्योगिक विकास को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। बुनियादी ढांचा और निर्माण सामान क्षेत्र में भी 12.1 प्रतिशत की शानदार बढ़त देखी गई है।
विशेषज्ञों की राय और भविष्य का परिदृश्य
इक्रा (ICRA) की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा, "जीएसटी दरों में बदलाव का सकारात्मक प्रभाव स्पष्ट है। हालांकि, अमेरिकी टैरिफ और पेनाल्टी के संभावित प्रभाव आने वाले समय में कुछ मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट की ग्रोथ को आंशिक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।"
नायर के अनुसार, दिसंबर में बिजली की मांग में सुधार हुआ है, जिससे औद्योगिक उत्पादन को समर्थन मिलना चाहिए। हालांकि, उन्होंने सतर्क करते हुए यह भी कहा कि दिसंबर 2025 में IIP की वृद्धि दर घटकर 3.5% से 5.0% के बीच रह सकती है क्योंकि 'बेस इफेक्ट' सामान्य हो जाएगा और स्टॉक रिफिलिंग का लाभ भी कम होने की संभावना है।
खनन में सुधार, बिजली उत्पादन में सुस्ती
मानसून की विदाई के साथ ही खनन क्षेत्र ने भी वापसी की है। लौह अयस्क जैसे धात्विक खनिजों के उत्पादन में सुधार से खनन क्षेत्र की विकास दर 5.4 प्रतिशत रही। इसके विपरीत, बिजली क्षेत्र में 1.5 प्रतिशत की गिरावट चिंता का विषय रही, जो पिछले साल इसी अवधि में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि पर थी।
नवंबर के आंकड़ों ने उत्पादन में रिकवरी के दिए संकेत
वित्तीय वर्ष 2025-26 की अप्रैल-नवंबर अवधि के लिए कुल IIP विकास दर 3.3 प्रतिशत रही है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि (4.1%) से थोड़ी धीमी है। नवंबर के आंकड़ों ने एक 'रिकवरी फेज' का संकेत दिया है, लेकिन वैश्विक व्यापार नीतियों और अमेरिकी शुल्कों के असर पर नजर रखना आवश्यक होगा। औद्योगिक विकास को बनाए रखने के लिए घरेलू मांग का निरंतर बने रहना और निर्यात क्षेत्र में स्थिरता महत्वपूर्ण होगी।