The Bonus Market Update: सेंसेक्स लगातार चौथे दिन टूटकर 84700 से फिसला, निफ्टी भी कमजोर
The Bonus Market Update: सेंसेक्स सोमवार को 346 अंक गिरकर 84,695 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 25,950 के नीचे फिसल गया। भारतीय रुपया 89.97 के रिकॉर्ड निचले स्तर के करीब कारोबार करता दिखा। एचसीएल टेक और अदाणी पोर्ट्स में 2% की गिरावट दर्ज की गई। पढ़ें आज की पूरी मार्केट क्लोजिंग रिपोर्ट।
विस्तार
भारतीय शेयर बाजार में साल के अंतिम कारोबारी सप्ताह की शुरुआत भारी दबाव के साथ हुई। वैश्विक बाजारों से मिलने वाले मिले-जुले संकेतों और साल के अंत में निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली के चलते घरेलू बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए। गिरावट का असर केवल इक्विटी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया भी टूटकर 89.97 के स्तर पर आ गया।
बाजार 26000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे पहुंचा
सोमवार को बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदनशील सूचकांक सेंसेक्स 345.91 अंक (0.41%) की गिरावट के साथ 84,695.54 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 100.20 अंक (0.38%) फिसलकर 25,942.10 पर आ गया। बाजार की इस गिरावट ने निफ्टी को 26,000 के महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे धकेल दिया है, जो शॉर्ट-टर्म चार्ट पर कमजोरी का संकेत है। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से अदाणी पोर्ट्स, एचसीएल टेक, पावर ग्रिड, ट्रेंट, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और भारती एयरटेल सबसे पिछड़ने वाली कंपनियों में शामिल थीं। हालांकि, टाटा स्टील, एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर और इटरनल को लाभ हुआ।
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बाजार को नीचे खींचने में सबसे बड़ी भूमिका दिग्गज आईटी और इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरों की रही। निफ्टी-50 पैक में एचसीएल टेक और अदाणी पोर्ट्स करीब 2-2% की गिरावट के साथ टॉप लूजर्स की सूची में रहे। अमेरिकी श्रम आंकड़ों और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता के बीच आईटी सेक्टर में बिकवाली देखी गई। पोर्ट सेक्टर में वॉल्यूम को लेकर चिंताओं और तकनीकी सुधार के कारण शेयर में दबाव रहा। इसके अलावा, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक जैसे हेवीवेट शेयरों में भी सुस्ती दर्ज की गई।
रुपया 90 के करीब पहुंचा
विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय रुपया और कमजोर हो गया। सोमवार को रुपया अपने पिछले बंद के मुकाबले 8 पैसे या 0.1% गिरकर 89. 89.98 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने घरेलू मुद्रा पर दबाव बनाए रखा है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि रुपया 90 का स्तर पार करता है, तो यह आयातित मुद्रास्फीति के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।
बाजार में गिरावट पर जानकारों ने क्या कहा?
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "बाजार में आगे तेजी लाने वाले उत्प्रेरकों की कमी दिख रही है, निवेशक ज्यादातर छुट्टियों के मूड में हैं, जो निकट भविष्य में संभावित समेकन चरण का संकेत दे रहा है।"
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने कहा कि बाजार की भावना वैश्विक संकेतों और शेयरों से संबंधित घटनाक्रमों से प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा, "व्यापार की मात्रा कम रही, और प्रतिभागियों ने किसी बड़े उत्प्रेरक की अनुपस्थिति में व्यापक निवेश के बजाय चुनिंदा निवेश को प्राथमिकता दी।"
एशियाई बाजारों में, दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक 2 प्रतिशत से अधिक उछला। शंघाई का एसएसई कंपोजिट सूचकांक मामूली रूप से ऊपर रहा, जबकि जापान का निक्केई 225 सूचकांक और हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक नीचे बंद हुए। यूरोप के शेयर बाजार ज्यादातर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।
विदेशी निवेशकों ने बेचे 317.56 करोड़ के शेयर
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 317.56 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 1,772.56 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड में 1.70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 61.67 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
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