सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Business ›   Business Diary ›   Tariff-hit 2025, but India's exports chart a steady course, momentum likely to extend into 2026

Year Ender 2025: टैरिफ का असर, फिर भी भारत के निर्यात की मजबूत उड़ान; 2026 में भी रफ्तार बरकरार रहने की उम्मीद

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Sun, 28 Dec 2025 03:42 PM IST
सार

India's Exports Chart: मुश्किल हालात के बावजूद भारत का निर्यात मजबूत आधार पर खड़ा है। परंपरा की जड़ों और नई राहों की खोज के साथ, भारत का निर्यात भविष्य की ओर भरोसे से कदम बढ़ाता दिख रहा है। 2026 में भी यह यात्रा जारी रहने की उम्मीद है। पढ़ें भारत के निर्यात पर क्या है विशेषज्ञों की राय?

विज्ञापन
Tariff-hit 2025, but India's exports chart a steady course, momentum likely to extend into 2026
निर्यात - फोटो : Istock
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

साल 2025 भारत के निर्यातकों के लिए चुनौतियों भरा रहा। अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर करीब 50 प्रतिशत तक ऊंचे टैरिफ लगाए। इसके बावजूद भारत का निर्यात डगमगाया नहीं। नए बाजारों की तलाश, उत्पादों में विविधता और सरकारी समर्थन के सहारे निर्यात ने संतुलन बनाए रखा है। संकेत साफ हैं कि यह गति 2026 में भी जारी रह सकती है।
Trending Videos


'व्यापार पानी की तरह होता है'
वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'व्यापार पानी की तरह होता है, वह अपना रास्ता खुद खोज लेता है।'यही बात भारत के निर्यात पर सटीक बैठती है। कोविड-19 महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध, इस्राइल-हमास संघर्ष, रेड सी संकट, सेमीकंडक्टर की कमी और अब अमेरिकी टैरिफ, इन सभी झटकों के बावजूद भारतीय निर्यात ने खुद को संभाला है।
विज्ञापन
विज्ञापन


यह भी पढ़ें - Coal India: 2030 तक कोल इंडिया की सभी सहायक कंपनियां होंगी शेयर बाजार में सूचीबद्ध, PMO का बड़ा फैसला

साल-दर-साल भारत का माल निर्यात
आंकड़ों पर नजर डालें तो 2020 में भारत का माल निर्यात 276.5 अरब डॉलर था। यह 2021 में बढ़कर 395.5 अरब डॉलर और 2022 में 453.3 अरब डॉलर तक पहुंचा। 2023 में गिरावट आई और निर्यात 389.5 अरब डॉलर रहा, लेकिन 2024 में फिर उछाल आया और यह 443 अरब डॉलर तक पहुंच गया। 2025 में जनवरी से नवंबर तक निर्यात 407 अरब डॉलर हो चुका है।

नए साल में कई देशों के साथ लागू होंगे FTA
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के अनुसार, 2024-25 में भारत के वस्तु और सेवा निर्यात ने 825.25 अरब डॉलर का ऐतिहासिक स्तर छुआ, जो साल-दर-साल छह प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त है। मौजूदा वित्त वर्ष (अप्रैल-नवंबर 2025) में भी निर्यात 562 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। यह वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत की मजबूती को दिखाता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा रुझानों को देखते हुए 2026 में भी निर्यात में अच्छी वृद्धि की उम्मीद है। अगले साल यूके, ओमान और न्यूजीलैंड के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) लागू होंगे, जिससे भारतीय उत्पादों और सेवाओं को नए बाजार मिलेंगे।

सिर्फ सितंबर-अक्तूबर में दिखा अमेरिकी टैरिफ का असर
अमेरिका की तरफ से लगाए गए ऊंचे टैरिफ का असर सितंबर-अक्तूबर 2025 में दिखा, लेकिन नवंबर में अमेरिका को निर्यात 22.61 प्रतिशत बढ़कर 6.98 अरब डॉलर पहुंच गया। यह दिखाता है कि भारतीय निर्यातक हालात के अनुसार खुद को ढाल रहे हैं। हालांकि, वैश्विक हालात को लेकर चिंता बनी हुई है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) का अनुमान है कि 2025 में वैश्विक व्यापार 2.4 प्रतिशत बढ़ेगा, लेकिन 2026 के लिए अनुमान घटकर सिर्फ 0.5 प्रतिशत रह गया है। डब्ल्यूटीओ के अनुसार, ऊंचे टैरिफ, नीतिगत अनिश्चितता, विकसित देशों में मांग में कमजोरी और रोजगार व आय की धीमी वृद्धि से व्यापार पर दबाव पड़ सकता है।

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए
इसके बावजूद भारत सरकार आशावादी है। सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे 25,060 करोड़ रुपये का निर्यात प्रोत्साहन मिशन, 20,000 करोड़ रुपये तक अतिरिक्त बिना गारंटी वाला ऋण, निर्यात ऋण पर मोरेटोरियम और अवधि में राहत, मुक्त व्यापार समझौतों का बेहतर इस्तेमाल। पिछले पांच वर्षों में एनडीए सरकार ने सबसे ज्यादा एफटीए किए हैं, इसमें मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, ओमान, यूके, ईएफटीए और न्यूजीलैंड शामिल हैं।

यह भी पढ़ें - Is Kavach Installation Complete: देश की सबसे व्यस्त रेलवे पटरियों पर इंस्टॉलेशन अब भी अधूरा, फिर डेडलाइन खत्म

निर्यात में भौगोलिक विविधता भी बढ़ी
विशेषज्ञों का मानना है कि 2026 में भारत का निर्यात वैश्विक चुनौतियों के बावजूद बढ़ेगा। शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के पार्टनर रुद्र कुमार पांडेय के अनुसार, यह उछाल अस्थायी नहीं बल्कि संरचनात्मक बदलावों का नतीजा है। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात नवंबर में करीब 39 प्रतिशत बढ़ा है। इंजीनियरिंग सामान, दवाइयां और ऑटोमोबाइल क्षेत्र भी मजबूत बने हुए हैं। निर्यात में भौगोलिक विविधता भी बढ़ी है। अमेरिका और यूएई के साथ-साथ यूरोप, पूर्वी एशिया और दक्षिण एशिया में भी भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ रही है। नवंबर 2025 में अमेरिका को निर्यात 22 प्रतिशत बढ़ा, जबकि स्पेन को निर्यात में करीब 150 प्रतिशत की छलांग देखी गई।

2025 में रुपये में करीब पांच प्रतिशत की गिरावट
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (एफआईईओ) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि सप्लाई चेन में बदलाव, नए व्यापार समझौते और कारोबार सुगमता में सुधार से निर्यातकों को फायदा मिल रहा है। इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, टेक्सटाइल, परिधान, समुद्री उत्पाद और सेवाओं में व्यापक वृद्धि इसका प्रमाण है। हालांकि, चुनौतियां भी कम नहीं हैं। भू-राजनीतिक तनाव, विकसित देशों में धीमी मांग, बढ़ता संरक्षणवाद, कार्बन टैक्स जैसे नियम, मुद्रा विनिमय में उतार-चढ़ाव, ऊंची ढुलाई लागत और सख्त वैश्विक वित्तीय हालात, ये सभी खासकर एमएसएमई निर्यातकों पर दबाव डाल सकते हैं। 2025 में रुपये में करीब पांच प्रतिशत की गिरावट आई और दिसंबर महीने के अंत तक यह लगभग 90 रुपये प्रति डॉलर के आसपास रहा।

अन्य वीडियो-
विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें कारोबार समाचार और Union Budget से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। कारोबार जगत की अन्य खबरें जैसे पर्सनल फाइनेंस, लाइव प्रॉपर्टी न्यूज़, लेटेस्ट बैंकिंग बीमा इन हिंदी, ऑनलाइन मार्केट न्यूज़, लेटेस्ट कॉरपोरेट समाचार और बाज़ार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed