Power: ऊर्जा सुरक्षा पर भारत का जोर, कोयला आयात में बढ़ोतरी; परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को लेकर NTPC की ये तैयारी
भारत अब ऊर्जा सुरक्षा की तरफ जोर दे रहा है। सितंबर में भारत में कोयले का आयात 13.54% बढ़कर 22.05 एमटी हो गया। वहीं गैर-कोकिंग कोयला 13.90 एमटी और इस्पात उद्योग के लिए जरूरी कोकिंग कोयला 4.50 एमटी रहा। दूसरी ओर बिजली निर्माता कंपनी एनटीपीसी देश में कई नए न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट्स लगाने की योजना बना रही है।
विस्तार
भारत में कोयला का आयात लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा रिपोर्ट की माने तो बीते सितंबर के महीने में कोयले का आयात 13.54% बढ़कर 22.05 मिलियन टन (एमटी) हो गया है। त्योहारों से पहले बढ़ी मांग के चलते गैर-कोकिंग कोयले का आयात 13.90 एमटी और इस्पात उद्योग के लिए जरूरी कोकिंग कोयला 4.50 एमटी रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस्पात और औद्योगिक कोयले की मजबूत मांग बिजली क्षेत्र की कमजोरी को पीछे छोड़ सकती है।
आंकड़ों के मुताबिक, गैर-कोकिंग कोयले का आयात इस साल सितंबर में 13.90 एमटी रहा, जो पिछले साल के 13.24 एमटी से थोड़ा ज्यादा है। वहीं, कोकिंग कोयले का आयात, जो इस्पात उद्योग के लिए जरूरी है, 4.50 एमटी रहा, जबकि पिछले साल यह 3.39 एमटी था।
गैर-कोकिंग कोयले का आयात घटा, लेकिन कोकिंग कोयले में बढ़ोतरी
बता दें कि अप्रैल-सितंबर 2025 की अवधि में गैर-कोकिंग कोयले का आयात घटकर 86.06 MT हो गया, जबकि कोकिंग कोयले का आयात बढ़कर 31.54 MT हो गया। यह जानकारी एमजंक्शन सेवाएं ने दी है, जो टाटा स्टील और SAIL की साझेदारी वाली बी2बी ई-कॉमर्स कंपनी है।
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एमजंक्शन की एमडी और सीईओ ने दी जानकारी
वहीं इस मामले में एमजंक्शन की एमडी और सीईओ विनया वर्मा ने कहा कि त्योहारों से पहले खरीदारों ने नए ऑर्डर लिए, जिससे आयात में बढ़ोतरी हुई। आगे चलकर इस्पात मिलों की सर्दियों में स्टॉकिंग की मांग कोकिंग कोयले के आयात को बढ़ाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इस्पात और औद्योगिक कोयले की मजबूत मांग बिजली क्षेत्र की मौसमी कमजोरी को भी पीछे छोड़ सकती है।
एनटीपीसी करेगा देश में नए न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट्स का निर्माण
दूसरी ओर राज्यों की बिजली निर्माता कंपनी एनटीपीसी देश में कई नए न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट्स लगाने की योजना बना रही है। कंपनी 700 MW, 1,000 MW और 1,600 MW क्षमता वाले परमाणु ऊर्जा संयंत्र विकसित करेगी। इसका लक्ष्य 2047 तक भारत की प्रस्तावित 100 GW न्यूक्लियर क्षमता में 30% यानी 30 GW हिस्सेदारी हासिल करना है।
ध्यान रहे कि एनटीपीसी फिलहाल गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों में भूमि विकल्पों का मूल्यांकन कर रही है। परमाणु परियोजनाओं की साइटें एटोमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड (AERB) द्वारा अनुमोदित होंगी।
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यूरेनियम संपत्तियों के अधिग्रहण की संभावनाओं की तलाश में एनटीपीसी
इसके साथ ही कच्चे माल के मामले में कंपनी विदेशों में यूरेनियम संपत्तियों के अधिग्रहण की संभावनाओं को भी देख रही है। NTPC ने यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (UCIL) के साथ यूरेनियम संपत्तियों की तकनीकी व व्यावसायिक जांच के लिए प्रारूप समझौता भी किया है। तकनीकी दृष्टि से, 700 MW और 1,000 MW संयंत्रों में भारतीय निर्मित प्रेसराइज्ड हेवी-वॉटर रिएक्टर (PHWRs) लगाए जाएंगे, जबकि 1,600 MW परियोजनाओं के लिए तकनीकी सहयोग की तलाश की जा रही है।