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रिपोर्ट: इलेक्ट्रिक तिपहिया बाजार में भारत दुनिया में अव्वल, 57 फीसदी सिर्फ देश में ही बिके
अमर उजाला नेटवर्क
Published by: लव गौर
Updated Fri, 21 Nov 2025 06:06 AM IST
सार
स्वच्छ व प्रदूषण-रहित परिवहन को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों ने भारत को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ई-वाहन बाजार बनाया है।
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ई-ऑटो चालक (फाइल फोटो)
- फोटो : amar ujala
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विस्तार
ब्राजील के बेलेम शहर में जारी कॉप 30 प्रोग्रेस अपडेट में ड्राइविंग प्रोग्रेस ऑन द जीरो-एमिशन व्हीकल ट्रांजिशन रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत अब न सिर्फ इलेक्ट्रिक तिपहिया बाजार में दुनिया का निर्विवाद लीडर बन गया है, बल्कि तेजी से बढ़ती नीतिगत पहल ने देश को वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र का सबसे प्रभावशाली खिलाड़ी बना दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में जितने भी इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन दुनियाभर में बिके, उनमें से 57 फीसदी अकेले भारत में खरीदे गए। इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार में भारत की वैश्विक हिस्सेदारी 6 फीसदी दर्ज की गई। एक्सेलरेटिंग टू जीरो कोएलिशन की ओर से तैयार और इंटरनेशनल काउंसिल ऑन क्लीन ट्रांसपोर्टेशन (आईसीसीटी) के सहयोग से जारी रिपोर्ट में कहा गया है, स्वच्छ व प्रदूषण-रहित परिवहन को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों ने भारत को दूसरा सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन बाजार बना दिया है। फेम और पीएम ई-ड्राइव जैसी योजनाओं ने इलेक्ट्रिक और पारंपरिक वाहनों की कीमतों के अंतर को कम किया, जिससे लास्टमाइल मोबिलिटी में निजी निवेश तेजी से बढ़ा।
दोपहिया और तिपहिया वाहनों पर फोकस भारत की सही रणनीति
आईसीसीटी भारत के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित भट्ट के अनुसार, देश में बिकने वाले मोटर वाहनों में सबसे बड़ा हिस्सा दोपहिया और तिपहिया वाहनों का है, जो कुल बिक्री का करीब 80 फीसदी हैं। ऐसे में इन्हीं वर्गों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पर फोकस करना भारत के लिए बिल्कुल सही रणनीति रही है और इसका परिणाम अब वैश्विक स्तर पर दिखाई दे रहा है। भारत अब अगले चरण की तरफ बढ़ चुका है। पीएम ई-ड्राइव के तहत सरकार मध्यम और भारी ट्रकों के इलेक्ट्रिक परिवर्तन पर काम शुरू कर रही है।
तेजी से बढ़ेगा बाजार
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आगे की योजना इलेक्ट्रिक वाहन बाजार को तेज गति से विस्तार देने पर केंद्रित है। रणनीति का मुख्य फोकस दोपहिया एवं तिपहिया ईवी को बड़े पैमाने पर अपनाना, कंपनियों को अनुकूल माहौल मुहैया कराना और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है। पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत 25 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया और 3.20 लाख रुपये ई-तिपहिया वाहनों की बिक्री को बढ़ावा के लिए दिया जाएगा, जिसके लिए 31.5 करोड़ डॉलर की सब्सिडी निर्धारित है।
ये भी पढ़ें: UNICEF: गरीबी कम करने में भारत की रफ्तार सबसे तेज, बच्चों की स्थिति पर यूनिसेफ ने अब तक की प्रगति को सराहा
भारत की भूमिका परिवर्तन का संकेत
रिपोर्ट के निष्कर्ष में कहा गया है कि भारत की नेतृत्वकारी भूमिका अब एक आंकड़ा नहीं, बल्कि परिवहन क्रांति का संकेत है। इलेक्ट्रिक तिपहिया में दुनिया का नंबर-1 बाजार, इलेक्ट्रिक दोपहिया में तेजी से उभरती ताकत, मजबूत नीतियां, निजी निवेश और तकनीक आधारित इको सिस्टम ये सभी संकेत बताते हैं कि आने वाले वर्षों में शून्य-उत्सर्जन परिवहन आंदोलन में भारत मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगा।
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रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में जितने भी इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन दुनियाभर में बिके, उनमें से 57 फीसदी अकेले भारत में खरीदे गए। इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार में भारत की वैश्विक हिस्सेदारी 6 फीसदी दर्ज की गई। एक्सेलरेटिंग टू जीरो कोएलिशन की ओर से तैयार और इंटरनेशनल काउंसिल ऑन क्लीन ट्रांसपोर्टेशन (आईसीसीटी) के सहयोग से जारी रिपोर्ट में कहा गया है, स्वच्छ व प्रदूषण-रहित परिवहन को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों ने भारत को दूसरा सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन बाजार बना दिया है। फेम और पीएम ई-ड्राइव जैसी योजनाओं ने इलेक्ट्रिक और पारंपरिक वाहनों की कीमतों के अंतर को कम किया, जिससे लास्टमाइल मोबिलिटी में निजी निवेश तेजी से बढ़ा।
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दोपहिया और तिपहिया वाहनों पर फोकस भारत की सही रणनीति
आईसीसीटी भारत के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित भट्ट के अनुसार, देश में बिकने वाले मोटर वाहनों में सबसे बड़ा हिस्सा दोपहिया और तिपहिया वाहनों का है, जो कुल बिक्री का करीब 80 फीसदी हैं। ऐसे में इन्हीं वर्गों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पर फोकस करना भारत के लिए बिल्कुल सही रणनीति रही है और इसका परिणाम अब वैश्विक स्तर पर दिखाई दे रहा है। भारत अब अगले चरण की तरफ बढ़ चुका है। पीएम ई-ड्राइव के तहत सरकार मध्यम और भारी ट्रकों के इलेक्ट्रिक परिवर्तन पर काम शुरू कर रही है।
तेजी से बढ़ेगा बाजार
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आगे की योजना इलेक्ट्रिक वाहन बाजार को तेज गति से विस्तार देने पर केंद्रित है। रणनीति का मुख्य फोकस दोपहिया एवं तिपहिया ईवी को बड़े पैमाने पर अपनाना, कंपनियों को अनुकूल माहौल मुहैया कराना और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है। पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत 25 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया और 3.20 लाख रुपये ई-तिपहिया वाहनों की बिक्री को बढ़ावा के लिए दिया जाएगा, जिसके लिए 31.5 करोड़ डॉलर की सब्सिडी निर्धारित है।
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भारत की भूमिका परिवर्तन का संकेत
रिपोर्ट के निष्कर्ष में कहा गया है कि भारत की नेतृत्वकारी भूमिका अब एक आंकड़ा नहीं, बल्कि परिवहन क्रांति का संकेत है। इलेक्ट्रिक तिपहिया में दुनिया का नंबर-1 बाजार, इलेक्ट्रिक दोपहिया में तेजी से उभरती ताकत, मजबूत नीतियां, निजी निवेश और तकनीक आधारित इको सिस्टम ये सभी संकेत बताते हैं कि आने वाले वर्षों में शून्य-उत्सर्जन परिवहन आंदोलन में भारत मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगा।