डाटा सेंटर: एयरटेल-रिलायंस-अदाणी-टाटा का 50 अरब डॉलर का होगा निवेश, नौ गीगावॉट पहुंचेगी घरेलू क्षमता
डाटा सेंटर उद्योग में घरेलू कॉरपोरेट जगत पूरी तरह से उतरने की तैयारी में है। टाटा और रिलायंस से लेकर अदाणी और एयरटेल तक इस क्षेत्र में पांच से सात वर्षों में 50 अरब डॉलर का भारी निवेश करने की योजना बना रहे हैं। इससे वर्तमान एक गीगावॉट की क्षमता इस दौरान बढ़कर 9 गीगावॉट तक पहुंच जाएगी।
ये सभी कॉरपोरेट देश के डाटा सेंटर बूम पर दोगुना जोर दे रहे हैं। इससे अगले दशक में एआई और क्लाउड विकास को तेज रफ्तार मिलेगी। इस क्षेत्र में नई उतरने वाली टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) है। इसने निजी इक्विटी फर्म टीपीजी के साथ अरबों डॉलर का संयुक्त उद्यम किया है। यह एक 1.2 गीगावॉट प्लेटफॉर्म है जिसकी क्षमता देश के सभी मौजूदा डाटा सेंटरों की संयुक्त क्षमता के बराबर है।
जेएलएल के मुताबिक, 5 से 7 वर्षों में 35 से 50 अरब डॉलर का भारत में निवेश होगा। यह उछाल ऐसे समय में आया है जब देश में डाटा की खपत 2016-17 के 8 एक्साबाइट से बढ़कर 2024-25 में 229 एक्साबाइट हो गई है। एक एक्साबाइट मतलब एक अरब गीगाबाइट है। जेफरीज का अनुमान है कि 2030 तक क्षमता 8 गीगावॉट तक पहुंच जाएगी। इसके लिए 30 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत होगी।
03 कंपनियों का 40% हिस्सा
जेफरीज ने कहा, एयरटेल, रिलायंस और अदानीकॉनेक्स मिलकर 2030 तक डाटा सेंटर क्षमता का 35 से 40 फीसदी हिस्सा हासिल करेंगे। क्रिसिल को उम्मीद है कि कंपनियां 2026-27 से 2027-28 के दौरान 55,000-60,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इससे क्षमता 2.3-2.5 गीगावॉट हो जाएगी।
दुनिया के प्रतिस्पर्धी बाजारों में भारत
डाटा की बढ़ती मांग के कारण भारत तेजी से सबसे प्रतिस्पर्धी डाटा सेंटर बाजारों में से एक है। दुनिया का 20 फीसदी डाटा भारत उत्पन्न करता है। लेकिन घरेलू स्तर पर केवल 3 फीसदी ही संग्रहीत करता है। सबसे अधिक वायरलेस इंटरनेट खपत वाले देशों में से एक होने के कारण भारत डाटा निर्माण का बड़ा इंजन बन गया है।
विदेशी कंपनियों के साथ तेजी से साझेदारी
4 प्रमुख कंपनियों का निवेश
- रिलायंस 98,000 करोड़ रुपये
- अदाणी 1.33 लाख रुपये
- टीसीएस 18,000 करोड़ रुपये
- एयरटेल 6,000 करोड़ रुपये
(ये निवेश अभी तक की घोषणाओं के हैं)
यह है योजना
रिलायंस : पहले ही जामनगर में एक गीगावॉट एआई डाटा सेंटर की घोषणा की है। अब कनाडा की ब्रुकफील्ड और अमेरिका की डिजिटल रियल्टी के साथ साझेदारी कर विशाखापत्तनम में एक गीगावॉट एआई डाटा सेंटर बनाएगी। यह परियोजना देश की सबसे बड़ी डाटा इन्फ्रास्ट्रक्चर में से एक है।
अदाणी : अक्तूबर में विशाखापत्तनम में 15 अरब डॉलर के एआई डाटा सेंटर के लिए गूगल के साथ साझेदारी की। यह महाराष्ट्र में डाटा-सेंटर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए अदाणी एंटरप्राइजेज की पहले की 5.9 अरब डॉलर और एजकॉनेक्स (अदानीकॉनेक्स) के साथ मौजूदा 50:50 संयुक्त उद्यम पर आधारित है।
एयरटेल : भारतीया एयरटेल के नेक्स्ट्रा डाटा के पास पहले से ही 15 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है। हाइपरस्केलर्स वर्तमान में भारत के डाटा सेंटर खपत का 60 फीसदी हिस्सा हैं। इसमें बैंकिंग, वित्तीय, सेवा और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र का योगदान 17 फीसदी है।
टाटा : टीपीजी के संयुक्त उद्यम में टीसीएस हाइपरवॉल्ट एआई डाटा सेंटर को विकसित करेगी। कंपनी सीईओ के. कृतिवासन ने कहा, हम एक पैसिव डाटा सेंटर बना रहे हैं। फिर किसी को जीपीयू, सीपीयू और सभी जरूरी हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर लगाने होंगे।
लागत सबसे कम
लागत भारत की उन्नति का प्रमुख कारक है। यहां डाटा सेंटर निर्माण की लागत 7 डॉलर प्रति वॉट है। यह दुनिया में सबसे कम है। बिजली की कीमतें अमेरिका की तुलना में 20 फीसदी सस्ती हैं। अक्तूबर, 2024 तक 452.7 गीगावॉट स्थापित क्षमता के साथ बिजली सरप्लस वाला देश है। नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान 46.3% है। यह वैश्विक ऑपरेटरों के लिए अधिक आकर्षक गंतव्य बनाता है।