Asian Market: एशियाई बाजारों में तेजी की नई लहर; भारत बना निवेश का सबसे बड़ा दावेदार, रिपोर्ट में दावा
यूबीएस की ताजा रिपोर्ट के अनुसार बढ़ते कॉरपोरेट मुनाफे और बेहतर बिजनेस साइकिल के चलते भारत अपने वैश्विक समकक्षों की तुलना में अधिक आकर्षक अवसर पेश कर रहा है। चीन के बाहर भारत बढ़ते कॉरपोरेट मुनाफों से सबसे अधिक लाभ उठाने की स्थिति में है।
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एशियाई शेयर बाजार इस समय आकर्षक वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहे हैं, और इसी माहौल में भारत मजबूत बढ़त दर्ज करने की स्थिति में है। यूबीएस की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ते कॉरपोरेट मुनाफे और बेहतर बिजनेस साइकिल के चलते भारत अपने वैश्विक समकक्षों की तुलना में अधिक आकर्षक अवसर पेश कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के बाहर, भारत को बढ़ते कॉरपोरेट मुनाफों का बड़ा फायदा मिलेगा।
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एशिया की क्षेत्रीय वैल्यूएशन है लुभावनी
यूबीएस का आकलन है कि एशिया की क्षेत्रीय वैल्यूएशन अभी भी लुभावनी हैं, क्योंकि अधिकांश बाजार डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहे हैं। इसके पीछे नरम मैक्रोइकॉनॉमिक माहौल और कमजोर अमेरिकी डॉलर जैसे कारक काम कर रहे हैं।
चीन के बाहर कॉरपोरेट मुनाफों में भारत को मिलेगा सबसे अधिक लाभ
रिपोर्ट के मुताबिक मेनलैंड चीन के बाहर भारत बढ़ते कॉरपोरेट मुनाफों से सबसे अधिक लाभ उठाने की स्थिति में है, जबकि सिंगापुर शेयरहोल्डर वैल्यू बढ़ाने वाली पहलों से और हांगकांग कम ब्याज दरों से फायदा पा सकता है।
एआई नवाचार और मजबूत खर्च एशियाई बाजारों में ला रहे रफ्तार
रिपोर्ट में बताया गया है कि एआई नवाचार और मजबूत खर्च एशियाई बाजारों में जोरदार रफ्तार ला रहे हैं। साथ ही निवेशकों के लिए विविधता की तलाश में व्यापक एशियाई एक्सपोजर आकर्षक बना हुआ है, क्योंकि क्षेत्र में टेक्नोलॉजी निवेश बढ़ रहा है, कंपनियों की अर्निंग मजबूत है और वैल्यूएशन अभी भी अनुकूल हैं।
यूबीएस का अनुमान है कि एपीएसी (जापान को छोड़कर) में आर्थिक वृद्धि लगभग 5% के आसपास मजबूत बनी रहेगी। हालांकि साल की शुरुआत कुछ नरम रह सकती है, लेकिन 2026 तक कम ब्याज दरों के असर से गति तेज होने की उम्मीद है।
क्षेत्रीय स्तर पर प्रमुख मैक्रो थीम में टेक्नोलॉजी सप्लाई चेन का विस्तार, भारत और जापान में घरेलू खपत का उछाल और क्रेडिट ग्रोथ की वापसी शामिल है, जिससे बैंकों और उपभोक्ता आधारित क्षेत्रों में निवेश अवसर बढ़ सकते हैं।
दुनिया की आर्थिक वृद्धि तेज होने की संभावना
ग्लोबल स्तर पर, यूबीएस का मानना है कि दुनिया की आर्थिक वृद्धि इस साल टिकाऊ रहेगी और आगे तेज होने की संभावना है। अमेरिका में तकनीक, यूटिलिटीज और हेल्थकेयर पसंदीदा सेक्टर बताए गए हैं, जबकि यूरोप में इंडस्ट्रियल्स, टेक्नोलॉजी और यूटिलिटीज को तरजीह दी गई है। एशिया में चीन खासकर टेक सेक्टर के साथ जापान, हांगकांग, सिंगापुर और भारत रिपोर्ट की शीर्ष पसंदों में शामिल हैं। वैश्विक स्तर पर भी बैंकिंग सेक्टर के लिए आउटलक सकारात्मक रखा गया है।