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Startups: निवेशकों के भरोसे पर खरे उतरे भारतीय टेक स्टार्टअप, फंड जुटाने की होड़ में चीन-जर्मनी को भी पछाड़ा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु चंदेल Updated Sat, 20 Dec 2025 07:45 AM IST
सार

भारतीय टेक स्टार्टअप ने फंडिंग के मामले में चीन और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए वैश्विक रैंकिंग में तीसरा स्थान मजबूत किया है। ट्रैक्सन रिपोर्ट के अनुसार 2025 में स्टार्टअप को 10.5 अरब डॉलर की फंडिंग मिली। साथ ही कई और बड़े सौदे भी सामने आए।

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Indian tech startups lived investors expectations surpassing China Germany race raise funds
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Freepik
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विस्तार
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भारतीय टेक स्टार्टअप एक बार फिर दुनिया के निवेशकों के भरोसे पर खरे उतरे हैं। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम ने फंड जुटाने के मामले में चीन और जर्मनी को पीछे छोड़ दिया है। मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय टेक स्टार्टअप अब दुनिया में फंडिंग के मामले में तीसरे स्थान पर मजबूती से जमे हुए हैं। अमेरिका और यूके ही भारत से आगे हैं।

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रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2025 में भारतीय टेक स्टार्टअप को कुल 10.5 अरब डॉलर की फंडिंग मिली है। हालांकि यह आंकड़ा सालाना आधार पर 17 फीसदी कम है, लेकिन वैश्विक स्तर पर देखें तो यह भारत की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। वर्ष 2024 में भारतीय स्टार्टअप को 12.7 अरब डॉलर की फंडिंग मिली थी, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 11 अरब डॉलर रहा था। इसके बावजूद भारत ने चीन और जर्मनी जैसे बड़े बाजारों को पीछे छोड़ते हुए अपनी पकड़ मजबूत रखी है।
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वृद्धि के लिए तैयार स्टार्टअप पर भरोसा
अर्ली-स्टेज फंडिंग के आंकड़े बताते हैं कि निवेशकों का भरोसा उन स्टार्टअप पर बना हुआ है, जो तेजी से विस्तार करने की क्षमता रखते हैं। वर्ष 2025 में अर्ली-स्टेज स्टार्टअप ने 3.9 अरब डॉलर जुटाए, जो 2024 की तुलना में 7 फीसदी अधिक है। वहीं, सीड-स्टेज फंडिंग में 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और इस स्तर पर 1.1 अरब डॉलर की फंडिंग मिली। लेट-स्टेज स्टार्टअप ने 5.5 अरब डॉलर जुटाए, जो 2024 से 26 फीसदी कम है।

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इन सेक्टरों में हुए बड़े सौदे
भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में सबसे बड़े सौदे ट्रांसपोर्टेशन एवं लॉजिस्टिक्स टेक, पर्यावरण टेक और ऑटो टेक सेक्टर में देखने को मिले। इन क्षेत्रों में काम कर रही कंपनियों ने निवेशकों से बड़ी मात्रा में पूंजी जुटाई। एरिशा ई-मोबिलिटी ने एक अरब डॉलर की फंडिंग हासिल की। वहीं, क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो ने 30 करोड़ डॉलर और ग्रीनलाइन ने 27.5 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई।

महिला स्टार्टअप का भी दबदबा
रिपोर्ट में महिला उद्यमियों के नेतृत्व वाले स्टार्टअप की मजबूत मौजूदगी भी सामने आई है। महिलाओं द्वारा शुरू किए गए टेक स्टार्टअप ने कुल मिलाकर एक अरब डॉलर की फंडिंग हासिल की। इनमें जीवा को सबसे अधिक 6.2 करोड़ डॉलर की फंडिंग मिली, जबकि एमनेक्स ने 5.2 करोड़ डॉलर जुटाए। यह आंकड़े बताते हैं कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में महिला उद्यमियों की भूमिका लगातार मजबूत हो रही है।

वैश्विक रैंकिंग में भारत की बढ़त
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय टेक स्टार्टअप का यह प्रदर्शन देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था और नवाचार क्षमता को दर्शाता है। अर्ली-स्टेज फंडिंग में मजबूती यह संकेत देती है कि आने वाले वर्षों में भारत से कई नए और बड़े स्टार्टअप उभर सकते हैं। मौजूदा हालात में भारत का तीसरे स्थान पर बने रहना वैश्विक निवेशकों के भरोसे की साफ तस्वीर पेश करता है।



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