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PMI: विनिर्माण सेक्टर में सुस्ती; क्रय प्रबंधक सूचकांक गिरकर 56.6 पर, फरवरी के बाद सबसे धीमा सुधार

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Mon, 01 Dec 2025 12:43 PM IST
सार

देश के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर नवंबर में सुस्ती दर्ज की गई है। एचएसबीसी के नवीनतम मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई आंकड़ों के मुताबिक इंडेक्स अक्तूबर के 59.2 से घटकर नवंबर में 56.6 पर पहुंच गया। हालांकि यह स्तर अभी भी 50.0 के न्यूट्रल मार्क और 54.2 के दीर्घकालिक औसत से ऊपर है।

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Manufacturing sector slows; Purchasing Managers' Index falls to 56.6, slowest improvement since February
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Adobestock
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भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में नवंबर में नवंबर मे मंदी दिखाई दी है। एचएसबीसी की ताजा विनिर्माण पीएमआई आंकड़ों के अनुसार, सूचकांक नवंबर में फिसलकर 56.6 पर आ गया। यह अक्तूबर में 59.2 पर था। हालांकि इंडेक्स अब भी 50.0 के न्यूट्रल स्तर और 54.2 के दीर्घकालिक औसत से ऊपर बना हुआ है। फिर भी यह फरवरी के बाद से परिचालन स्थितियों में सबसे धीमा सुधार दर्शाता है। 

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रिपोर्ट में बताया गया है कि यह नरमी कई प्रमुख संकेतकों में दिखाई दे रही है। नए ऑर्डर, उत्पादन, क्रय गतिविधि और रोजगार सभी में वृद्धि हुई है लेकिन ये फरवरी के बाद से सबसे धीमी है। 

नए निर्यात ऑर्डरों में आई गिरावट 

महत्वपूर्ण बात यह है कि नए निर्यात ऑर्डर एक साल से भी ज्यादा समय में सबसे कम गति से बढ़े। यह बाहरी मांग में नरमी का संकेत है। बिक्री में धीमी वृद्धि ने खरीदारी की मात्रा और रोजगार सृजन को भी सीमित कर दिया। वहीं भविष्य के उत्पादन के प्रति समग्र धारणा 2022 के मध्य के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई।  नए ऑर्डरों की वृद्धि में मंदी के कारण निर्माताओं ने अपनी भर्ती और क्रय गतिविधयों को समायोजित किया। इसमें फरवरी के बाद से सबसे कमजोर वृद्धि देखी गई। 

श्रम बाजार में दिखा नकारात्मक रुझान

इसमें यह भी बताया गया है कि रोजगार में वृद्धि जारी है, हालांकि वर्तमान 21 महीने की अवधि में यह सबसे धीमी गति से हो रही है, जिससे श्रम बाजार की गति में उल्लेखनीय गिरावट देखी जा रही है।

क्या कहते हैं उत्पाद के रुझान?

उत्पादन में भी यही रुझान रहा, तेज गति से वृद्धि हुई, लेकिन फिर भी यह फरवरी के बाद सबसे कम रहा। जहां कुछ कंपनियों ने बताया कि नए कारोबार में वृद्धि और दक्षता में वृद्धि ने उनके उत्पादन स्तर को सहारा दिया, वहीं अन्य कंपनियों ने कहा कि कुछ उत्पादों की कम मांग ने उनकी इकाइयों में उत्पादन को सीमित कर दिया।

सकारात्मक धारणा तीन साल के नीचले स्तर पर

रिपोर्ट में कहा गया है कि बाहरी मोर्चे पर, कंपनियों ने संकेत दिया है कि अफ्रीका, एशिया, यूरोप और मध्य पूर्व के ग्राहकों से मिले ज्यादा ऑर्डरों के कारण अंतरराष्ट्रीय बिक्री अनुकूल बनी हुई है। हालांकि, रिपोर्ट में निर्यात प्रदर्शन में समग्र वृद्धि की गति में मामूली गिरावट का भी जिक्र है। इसमें बताया गया है कि धीमी वृद्धि के बावजूद, कंपनियां अगले 12 महीनों में उत्पादन बढ़ाने को लेकर आश्वस्त हैं। हालांकि, सकारात्मक धारणा लगभग साढ़े तीन साल के निचले स्तर पर आ गई है।

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