RBI: बैंकों में भूला हुआ पैसा वापस लेने का मौका, आरबीआई चला रहा विशेष अभियान; अब आसानी से कर पाएंगे क्लेम
क्या आपको पता है, बैंकों में 67,000 करोड़ रुपये (जून, 2025 तक) लावारिस (अनक्लेम्ड) पड़े हैं? यह आपकी और हमारी ही वह भूली हुई संपत्ति है, जिसे कई सारे लोग बैंक खातों में रखकर भूल गए, या उनके नॉमिनी इन खातों से अनजान हैं। कई मामलों में पुराने बैंक खाते के विवरण, दस्तावेज या जागरूकता के अभाव में, परिवार इस बेकार पड़ी राशि तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। अगर आपका या आपके परिवार के किसी सदस्य का कोई बैंक खाता 10 वर्षों से अधिक समय से निष्क्रिय है, तो उसमें मौजूद धनराशि को अब आप आसानी से वापस पा सकते हैं और इसमें आपकी मदद करेगा खुद आरबीआई।
अनक्लेम्ड राशि बढ़ने की क्या है वजह?
अनक्लेम्ड राशि बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है भारतीय परिवारों में वित्तीय संवाद न होना। कई बार लोग निवेश तो कर लेते हैं, लेकिन परिवार को इसकी जानकारी नहीं देते। जानकारी के अभाव में मुख्य निवेशकर्ता की अनुपस्थिति में संपत्ति वर्षों तक बिना दावे के पड़ी रहती है।
अब RBI चला रहा है विशेष अभियान
आरबीआई 31 दिसंबर तक विशेष सहायता कैंप का आयोजन कर रहा है। इनका उद्देश्य भूले हुए पैसों को सही हाथों में पहुंचाना, क्लेम प्रक्रिया को आसान बनाना और पूरे देश में वित्तीय साक्षरता को मजबूत करना है। कैंप में ग्राहकों को क्लेम फॉर्म भरने में मदद, दस्तावेजों की जांच, नॉमिनी प्रक्रिया, फॉलो-अप सपोर्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे भूला हुआ पैसा प्राप्त करना और आसान हो जाएगा।
निष्क्रिय खाता क्या होता है?
अगर किसी बचत या करंट अकाउंट में दो साल से कोई लेन-देन (जमा, निकासी, ट्रांसफर या KYC अपडेट) नहीं हुआ है, तो वह निष्क्रिय खाता कहलाता है। ऐसे खातों में पैसे तो सुरक्षित रहते हैं, लेकिन कई सेवाएं बंद हो जाती हैं। ग्राहक के KYC अपडेट करने या ट्रांजेक्शन करने पर यह फिर से सक्रिय हो जाते हैं। अगर खाता 10 साल तक भी इस्तेमाल नहीं होता, तो उस खाते में मौजूद रकम (ब्याज सहित) RBI के जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (DEA) फंड में ट्रांसफर कर दी जाती है।
क्या आप अपने पैसे वापस पा सकते हैं? हां, बैंक ग्राहक या उनके कानूनी वारिस किसी भी समय अपने पैसे वापस ले सकते हैं। इसके लिए कोई समयसीमा नहीं है।
पैसे वापस पाने के लिए आपको करना होगा:
- अपने बैंक की किसी भी शाखा में जाएं।
- KYC दस्तावेज (आधार, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस आदि) प्रस्तुत करें।
- क्लेम फॉर्म भरें और नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी दस्तावेज जमा करें।
- अपना पैसा (ब्याज सहित, यदि लागू हो) वापस पाएं।
इसके अलावा, RBI अक्तूबर से दिसंबर के बीच विशेष कैंप भी आयोजित कर रहा है, जहां आप प्रक्रिया की जानकारी लेकर अपनी रकम का दावा कर सकते हैं।
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अनक्लेम्ड राशि लौटाने पर RBI दे रहा है बैंकों को इनाम
बैंकों में अनक्लेम्ड रकम को कम करने के लिए RBI ने 01 अक्तूबर, 2025 से एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत जो बैंक ग्राहकों को उनके निष्क्रिय खातों का पैसा वापस दिलाएंगे, उन्हें इनाम मिलेगा। अगर खाता 04 साल तक निष्क्रिय है, तो बैंक को 5% या 5,000 रुपये (जो कम हो) मिलेगा। अगर खाता 10 साल तक निष्क्रिय है, तो बैंक को 7.5% या 25,000 रुपये (जो कम हो) मिलेंगे। बैंक हर तिमाही में इनसेंटिव के लिए क्लेम दाखिल कर सकते हैं। RBI इन दावों की जांच के बाद 30 दिनों के भीतर भुगतान करेगा। यह योजना बैंकों को प्रेरित करने के लिए है, ताकि वे पुराने निष्क्रिय खातों का निपटान करें और भविष्य में नई अनक्लेम्ड रकम बनने से रोक सकें।
कैसे चेक करें कि आपके पास कोई अनक्लेम्ड पैसा है या नहीं?
आरबीआई ने अनक्लेम्ड जमा खोजने के लिए एक खास पोर्टल UDGAM बनाया है। इसकी मदद से बैंकों में जमा लावारिस राशि के बारे में पता लगाया जा सकता है:
- सबसे पहले udgam.rbi.org.in पर जाएं।
- मोबाइल नंबर या आधार OTP से रजिस्टर करें।
- नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, अन्य विवरण भरें।
- पोर्टल विभिन्न बैंकों में आपके नाम से जुड़े निष्क्रिय खाते, एफडी, आरडी, सेविंग/करंट अकाउंट या अन्य जमाओं को दिखाता है।
- अगर आपके नाम से कोई अनक्लेम्ड पैसा है, तो बैंक का नाम और UDRN दिखेगा।
फिलहाल 30 बैंक इस पोर्टल से जुड़े हुए हैं, जिनमें SBI, HDFC, ICICI जैसे प्रमुख बैंक शामिल हैं। ये बैंक करीब 90 फीसदी अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स को कवर करते हैं।
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आपके बाद परिवार न हो परेशान इसलिए उठाएं ये कदम
- सभी बैंक खातों, PPF, म्यूचुअल फंड और बीमा पॉलिसियों की एक लिखित सूची बनाएं।
- इस सूची के बारे में परिवार के सभी प्रमुख सदस्यों को बताएं।
- नॉमिनी की जानकारी हर खाते में अपडेट रखें।
- बैंक या निवेश में बदलाव होने पर परिवार के प्रमुख सदस्यों को इसकी जानकारी दें।
- दस्तावेज को सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध स्थान पर रखें।
- समय-समय पर खातों में गतिविधियां करते रहें, ताकि वे निष्क्रिय न हों।