सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Business ›   Business Diary ›   New labor law will create 7.7 million new jobs, unemployment will fall by 1.3 percent

Report: क्या नए श्रम कानून से देश में बेरोजगारी घटेगी ? जानें कैसे 77 लाख नई नौकरियों से बदलेगी तस्वीर

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Tue, 25 Nov 2025 11:53 AM IST
सार

एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार नए श्रम कानूनों से 77 लाख लोगों के लिए अतिरिक्त रोजगार पैदा होंगे और बेरोजगारी में 1.3 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। रिपोर्ट ने यह भी जोर देकर कहा कि चारों लेबर कोड लागू होने से मजदूरों और उद्योगों दोनों को मजबूत आधार मिलेगा।

विज्ञापन
New labor law will create 7.7 million new jobs, unemployment will fall by 1.3 percent
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Adobestock
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

सरकार के नए श्रम कानूनों से भारत में रोजगार और इससे जुड़े क्षेत्रों में स्थायित्व को बढ़ावा मिल सकता है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नए लेबर कोड से बेरोजगारी में 1.3 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। इससे 77 लाख लोगों के लिए अतिरिक्त रोजगार सृजन होगा। 

Trending Videos


ये भी पढ़ें: Report: भारतीय परिवारों के खर्च का तरीका बदला, रोजमर्रा की जरूरतों से आगे बढ़कर संपत्ति बनाने पर जोर
विज्ञापन
विज्ञापन


यह आकलन 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों की वर्तमान श्रम बल भागीदारी दर 60.1 प्रतिशत व ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में औसत कार्यशील आयु वर्ग की जनसंख्या 70.7 प्रतिशत पर आधारित है।

श्रम बल में औपचारिक कर्मचारियों की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी

रिपोर्ट के अनुसार, नए लेबर कोड्स के कार्यान्वयन से श्रम बल में स्थायी कर्मियों की हिस्सेदारी कम से कम 15 प्रतिशत बढ़ जाएगी। इससे कुल औपचारिक श्रमिकों की हिस्सेदारी वर्तमान अनुमानित हिस्सेदारी 60.4 प्रतिशत से बढ़कर 75.5 प्रतिशत हो जाएगी, जैसा कि पीएलएफएस डेटा में बताया गया है।

घरेलू खर्च और आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नए कानूनों के तहत सामाजिक सुरक्षा का कवरेज 85 प्रतिशत तक बढ़ सकता है, इससे देश का श्रम पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा। इसमें आगे कहा गया है कि लगभग 30 प्रतिशत की बचत दर के साथ, सुधारों के कार्यान्वयन के बाद हर दिन प्रति व्यक्तिद खपत लगभग 66 रुपये तक बढ़ सकती है। इससे मध्यम अवधि में कुल खपत में 75,000 करोड़ रुपये की वृद्धि होगी, इससे घरेलू खर्च और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

ये भी पढ़ें: ICRA: भारतीय उद्योग जगत की आय तीसरी तिमाही में 8 से 10% बढ़ने का अनुमान, आईसीआरए की रिपोर्ट में दावा

अंसगठित क्षेत्रों में काम कर रहे श्रमिकों को लेकर अनुमान

एसबीआई ने बताया कि भारत में लगभग 44 करोड़ लोग वर्तमान में असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। इनमें से लगभग 31 करोड़ श्रमिक ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं। अगर इनमें से 20 प्रतिशत श्रमिक अनौपचारिक वेतन-सूची से औपचारिक वेतन-सूची में जाते हैं,  तो लगभग 10 करोड़ व्यक्तियों को नौकरी की बेहतर सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और औपचारिक रोजगार से जुड़ी सुविधाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिल सकता है। इस बदलाव से अगले दो से तीन वर्षों में भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज 80-85 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है।

ये भी पढ़ें: Report: भारतीय परिवारों के खर्च का तरीका बदला, रोजमर्रा की जरूरतों से आगे बढ़कर संपत्ति बनाने पर जोर 

नए लेबर कोड्स से श्रमिकों और उद्योगों दोनों को मिलेगा मजबूत आधार 

रिपोर्ट ने यह भी जोर देकर कहा कि चारों लेबर कोड लागू होने से मजदूरों और उद्योगों दोनों को मजबूत आधार मिलेगा। नए कोड एक ऐसी कार्यशक्ति तैयार करने में मदद करेंगे जो सुरक्षित भी होगी, ज्यादा उत्पादक भी, और बदलती कामकाजी दुनिया की जरूरतों के अनुरूप भी। 21 नवंबर 2025 को लागू होने वाले इन सुधारों के तहत श्रम विनियमों को सरल बनाने और कार्यस्थल प्रशासन में सुधार के लिए 29 मौजूदा श्रम कानूनों को चार व्यापक संहिताओं में विलय कर दिया गया। चार संहिताओं में वेतन संहिता, 2019; सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020; व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता, 2020; और औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 शामिल हैं।


विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें कारोबार समाचार और Union Budget से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। कारोबार जगत की अन्य खबरें जैसे पर्सनल फाइनेंस, लाइव प्रॉपर्टी न्यूज़, लेटेस्ट बैंकिंग बीमा इन हिंदी, ऑनलाइन मार्केट न्यूज़, लेटेस्ट कॉरपोरेट समाचार और बाज़ार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed