FTA: पीयूष गोयल 20-22 नवंबर को इस्राइल दौरे पर, व्यापार और रणनीतिक सहयोग को नई गति मिलने की उम्मीद
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल 20 से 22 नवंबर 2025 तक तीन दिवसीय आधिकारिक इस्राइल दौरे पर जाएंगे। दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच बढ़ती रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करना है।
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केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 20 से 22 नवंबर 2025 तक तीन दिवसीय आधिकारिक इस्राइल दौरे पर जाएंगे। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा इस्राइल के अर्थव्यवस्था और उद्योग मंत्री निर बरकात के निमंत्रण पर हो रही है।
दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच बढ़ती रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करना है। गोयल के साथ सीआईआई, फिक्की, एसोचैम और स्टार्ट-अप इंडिया से जुड़े 60 सदस्यीय व्यवसायिक प्रतिनिधिमंडल भी जाएगा, जो भारत-इस्राइल उद्योग सहयोग को नए स्तर पर ले जाने का संकेत है।
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इन क्षेत्रों पर मुख्य रूप से की जाएंगी चर्चाएं
गोयल बरकत और अन्य प्रमुख मंत्रियों सहित वरिष्ठ इस्राइली नेतृत्व के साथ उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। चर्चाएं व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने और कृषि, जल, रक्षा, उभरती प्रौद्योगिकियों, जीवन विज्ञान, उन्नत विनिर्माण और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित होंगी। दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तावित भारत-इस्राइल मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की प्रगति की समीक्षा करने की भी उम्मीद है।
दौरे का उद्देश्य क्या है?
इस यात्रा के दौरान, गोयल भारत-इस्राइल व्यापार मंच को संबोधित करेंगे, जिसमें दोनों देशों के प्रमुख व्यापारिक संगठन और उद्योग प्रतिनिधि एक साथ आएंगे। इस कार्यक्रम में पूर्ण सत्र, तकनीकी चर्चाएं और बी2बी बैठकें शामिल होंगी। इनका उद्देश्य निवेश को बढ़ावा देना, वाणिज्यिक संबंधों का विस्तार करना और संयुक्त उद्यम के अवसरों की खोज करना है। सीईओ फोरम का चौथा संस्करण भी आयोजित किया जाएगा।
इसके अलावा, मंत्री प्रमुख इस्राइली निवेशकों से मिलने के अलावा कृषि, विलवणीकरण, अपशिष्ट जल उपचार, साइबर सुरक्षा, स्मार्ट मोबिलिटी और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में काम करने वाली प्रमुख इस्राइली कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे। गोयल के कार्यक्रम में तेल अवीव के प्रमुख नवाचार केंद्रों और संस्थानों का दौरा भी शामिल है, जहां वे इस्राइल के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र की जानकारी प्राप्त करेंगे। भारतीय प्रवासियों और भारतीय मूल के व्यापारिक नेताओं के साथ बातचीत सहित सांस्कृतिक और सामुदायिक कार्यक्रमों की भी योजना है।