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Reports: मेडिकल इमरजेंसी में पूरा रिफंड; हवाई टिकट में इंश्योरेंस की तैयारी, अंतिम समय में भी मिलेगी 80% राशि

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Sun, 23 Nov 2025 11:53 AM IST
सार

Air Ticket Cancellation Refunds: डीजीसीए जल्द ही हवाई किरायों के रिफंड और टिकटों में इश्योरेंस की सुविधा लाने की तैयारी कर रहा है। इस सुविधा के तहत मेडिकल इमरजेंसी में पूरा रिफंड मिलेगा और टिकटों में इंश्योरेंस जोड़ने के बाद उड़ान से कुछ ही घंटे पहले टिकट रद्द करने पर भी 80% तक रिफंड मिल सकेगा।

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Reports: Full refund in case of medical emergency; Air ticket insurance, 80% refund even at the last minute
हवाई टिकटों के कैंसलेशन में बड़े बदलाव की तैयारी - फोटो : ANI
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विस्तार
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नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने हवाई किरायों के रिफंड से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है। नई ड्राफ्ट गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर किसी यात्री को मेडिकल इमरजेंसी के कारण टिकट रद्द करनी पड़े, तो एयरलाइन को पूरा पैसा लौटाना होगा या फिर क्रेडिट नोट देना होगा। ट्रैवल एजेंट के जरिए खरीदे टिकट का रिफंड भी अब सीधे एयरलाइन की जिम्मेदारी होगी। यानी ऑनलाइन पोर्टल या एजेंट से खरीदे टिकट के मामले में भी यात्री को एयरलाइन ही रिफंड देगी। इसके लिए 21 कार्यदिवस की समय सीमा तय की गई है। ड्राफ्ट नियमों पर स्टेकहोल्डर्स से सुझाव 30 नवंबर 2025 तक मांगे गए हैं।
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टिकट बदलने का समय बढ़ेगा
डीजीसीए ने एक और राहत देने का प्रस्ताव रखा है, अब यात्री 48 घंटे के भीतर टिकट में बदलाव मुफ्त में कर सकेंगे, बशर्ते ये बदलाव:- घरेलू उड़ान के लिए- प्रस्थान से कम से कम पांच दिन पहले और अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए- प्रस्थान से 15 दिन पहले किया जाए। पहले यह सुविधा सिर्फ 24 घंटे और सभी उड़ानों के लिए सात दिन पहले तक सीमित थी।

व्हीलचेयर और सुविधा नियमों में बदलाव
डीजीसीए ने दिव्यांग यात्रियों के यात्रा मानकों को भी अपडेट किया है। व्हीलचेयर अब केवल दिव्यांग यात्रियों के लिए प्राथमिकता में रहेगी। सक्षम यात्री व्हीलचेयर का उपयोग करेंगे तो उन पर शुल्क लगेगा। एयरपोर्ट पर अम्बुलिफ्ट, एरोब्रिज या टोवेबल रैंप उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया है। जहां इनमें से कुछ भी न हो, वहां अंतिम विकल्प के रूप में स्टेप-लैडर की अनुमति दी गई है- हालांकि इसे लेकर विकलांग अधिकार समूहों ने नाराजगी जताई है। एयरपोर्ट को दिव्यांग यात्रियों के लिए स्पष्ट साइन बोर्ड, अलग ड्रॉप-ऑफ जोन और पर्याप्त स्टाफ सुनिश्चित करना होगा। जरूरत पड़ने पर यात्रियों को डिजिटल मैप भी उपलब्ध कराने की सलाह दी गई है।

हवाई टिकटों में इंश्योरेंस जोड़ने की तैयारी
सरकार हवाई टिकटों में ऐसा इनबिल्ट इंश्योरेंस जोड़ने की तैयारी कर रही है, जिससे उड़ान से कुछ ही घंटे पहले टिकट रद्द करने पर भी 80% तक रिफंड मिल सकेगा। यह पूरी कवरेज यात्रियों से कोई अतिरिक्त शुल्क लिए बिना दी जाएगी, प्रीमियम एयरलाइंस और बीमा कंपनियों की साझेदारी से भरा जाएगा। अभी की व्यवस्था के अनुसार, उड़ान के तीन घंटे के भीतर रद्द करने पर टिकट नो-शो माना जाता है और कोई रिफंड नहीं मिलता। मेडिकल इमरजेंसी साबित करने पर एयरलाइन कभी-कभी रिफंड दे देती हैं, लेकिन यह पूरी तरह उन्हीं के विवेक पर निर्भर है।

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कैसे काम करेगा नया प्लान?
सरकार और एयरलाइंस मिलकर ऐसा मॉडल लाने जा रही हैं जिसमें लगभग ₹50 प्रति टिकट के हिसाब से बीमा लागत निकाली जा सकती है। इससे उड़ान से चार घंटे पहले तक रद्द टिकटों पर 80% रिफंड दिया जा सकेगा। कुछ एयरलाइंस पहले ही बीमा कंपनियों से बातचीत शुरू कर चुकी हैं। ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियां (ओटीए) अभी भी यात्रियों को अलग से इंश्योरेंस खरीदने का 'नज' देती हैं, लेकिन सरकार चाहती है कि बेस किराए में ही सुरक्षा शामिल हो, ताकि 'पैसा डूब जाने' का डर न रहे।

क्यों जरूरी हुआ यह बदलाव और कब लागू होगा?
अथॉरिटीज के मुताबिक रिफंड से जुड़ी शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। इसमें रिफंड मिलने में देरी, रिफंड राशि में कटौती, या फिर पैसा न देकर फ्यूचर क्रेडिट थमा देना - जो सीमित अवधि तक ही मान्य रहता है। इसीलिए डीजीसीए ने भी अपने रिफंड नियमों में बदलाव का ड्राफ्ट जारी किया है ताकि यात्रियों की परेशानी कम की जा सके और प्रक्रिया पारदर्शी बने। सरकारी अधिकारी कह रहे हैं कि यह इनबिल्ट इंश्योरेंस मॉडल दो से तीन महीनों में लागू किया जा सकता है, बशर्ते एयरलाइंस और बीमा कंपनियों की गणना संतुलित बैठ जाए।
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