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Crude Oil: अमेरिकी पाबंदियों से भारत की रूसी तेल सप्लाई पर असर, दिसंबर-जनवरी में आयात में बड़ी गिरावट की आशंका

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला Published by: शिवम गर्ग Updated Mon, 24 Nov 2025 04:28 AM IST
सार

अमेरिका की नई पाबंदियों के बाद भारत की रूसी तेल सप्लाई पर बड़ा असर पड़ने की आशंका है। दिसंबर-जनवरी में आयात 17–18 लाख बैरल से घटकर 4 लाख बैरल प्रतिदिन रह सकता है। कई भारतीय रिफाइनरियों ने आयात रोक दिया है।

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US Sanctions Hit Indias Russian Oil Supply; Imports May Drop Sharply in December-January
तेल आयात - फोटो : पीटीआई
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विस्तार
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रूस की प्रमुख तेल कंपनियों रोजनेफ्ट और लुकोइल पर 21 नवंबर से लागू हुई नई अमेरिकी पाबंदियों के बाद भारत की रूसी कच्चे तेल की सप्लाई प्रभावित होने जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले दो महीनों में रूसी तेल आयात तेजी से घटेगा, हालांकि पूरा आयात रुकने की संभावना नहीं है।

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4 लाख बैरल प्रतिदिन आने की आशंका
भारत इस वर्ष औसतन 17 लाख बैरल प्रतिदिन रूसी कच्चा तेल आयात कर रहा था। नवंबर में यह मात्रा बढ़कर 18-19 लाख बैरल प्रतिदिन तक पहुंचने का अनुमान है, क्योंकि रिफाइनरियां पाबंदियों से पहले छूट वाले कार्गो खरीद रही थीं। लेकिन दिसंबर-जनवरी में आयात घटकर लगभग 4 लाख बैरल प्रतिदिन आने की आशंका है। यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों और यूरोप की मांग घटने से रूस ने भारत को भारी छूट पर तेल बेचना शुरू किया। नतीजतन, भारत का रूसी तेल आयात 1% से बढ़कर कुल कच्चे तेल आयात का लगभग 40% हो गया और रूस नवंबर में भी भारत का सबसे बड़ा सप्लायर बना रहा।
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नई पाबंदियों के बाद कई भारतीय रिफाइनरियों ने रूसी तेल खरीदना अस्थायी रूप से रोक दिया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स ने आयात बंद कर दिया है। केवल रोजनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी इससे प्रभावित नहीं है, क्योंकि उसकी वैदिनार रिफाइनरी पहले ही प्रतिबंधित इकाई के रूप में सूचीबद्ध है और वह मुख्य रूप से रूसी कच्चे तेल पर निर्भर है।

विश्लेषक सुमित रितोलिया का कहना है कि नायरा को छोड़कर अन्य रिफाइनर ओएफएसी सूचीबद्ध कंपनियों से खरीदने का जोखिम नहीं उठाएंगे। नए अनुबंध, सप्लाई रूट, मालिकाना ढांचे और भुगतान चैनल तय करने में समय लगेगा।

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