Digital Gold: डिजिटल गोल्ड खरीदने का क्या है सही तरीका, SEBI चेतावनी के बाद बढ़ी चिंता; जानिए सुरक्षित विकल्प
सेबी ने डिजिटल गोल्ड खरीदने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि ऑनलाइन सोना खरीदने के लिए तेजी से लोकप्रिय हो रहे डिजिटल प्लेटफॉर्म पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं।
विस्तार
हर महीने सैलरी मिलते ही, गरिमा सबसे पहले खरीदती हैं डिजिटल सोना। गरिमा की तरह तमाम युवा ऐसा करते हैं। NPCI के मुताबिक, पेटीएम, फोनपे, अमेजन पे और गूगल पे जैसे भुगतान एप्स के जरिये बेचे जाने वाले डिजिटल गोल्ड में भारी वृद्धि हुई है। इस साल जनवरी में 762 करोड़ रुपये से बढ़कर अक्तूबर में यह 2,290 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। सोने की खरीद लेनदेन की संख्या भी सितंबर के 10.3 करोड़ से बढ़कर अक्तूबर में 11.6 करोड़ हो गई।
लेकिन सेबी के हालिया बयान ने अब ऐसे निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। गरिमा जैसे कई लोगों के लिए यह चेतावनी है। डिजिटल गोल्ड से जुड़ी सुरक्षा, रेगुलेशन और दीर्घकालिक विश्वसनीयता को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं।
क्या है डिजिटल गोल्ड?
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Paytm, PhonePe, Google Pay आदि सोना खरीदने-बेचने के लिए डिजिटल सुविधा प्रदान करते हैं। यहां एक रुपये में भी सोना खरीदा जा सकता है।
यह कैसे काम करता है?
अधिकृत आयातक या आपूर्तिकर्ता फिजिकल गोल्ड खरीदते हैं और इसे सुरक्षित वॉल्ट में रखते हैं, जिनका बीमा भी होता है। पेटीएम, फोनपे, गूगल पे आदि फिनटेक कंपनियां मोबाइल एप से सोने की डिजिटल बिक्री करने के लिए इन आपूर्तिकर्ताओं के साथ गठजोड़ करती हैं। जब कोई डिजिटल गोल्ड खरीदता है, तब प्लेटफॉर्म 24 कैरेट सोने की उतनी मात्रा उसके नाम पर आवंटित कर देता है।
सेबी को किस बात का डर?
डिजिटल गोल्ड की खरीद और बिक्री SEBI या RBI जैसे किसी नियामक के सीधे नियंत्रण में नहीं है। इसे ज्वेलर्स या मेटल ट्रेडर्स के साथ भागीदारी करने वाले फिनटेक प्लेटफॉर्म बेचते हैं। अगर बेचने वाला प्लेटफॉर्म या भागीदार कंपनी दिवालिया हो जाती है, तो आपके सोने की सुरक्षा को लेकर कोई स्पष्ट कानूनी सुरक्षा नहीं है।
अब क्या है विकल्प?
गोल्ड में निवेश का सबसे अच्छा विकल्प है गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF)। ये म्यूचुअल फंड्स की ऐसी स्कीम हैं, जो फिजिकल गोल्ड की कीमत को ट्रैक करती हैं। इनकी खरीद-बिक्री स्टॉक एक्सचेंज पर होती है और सेबी द्वारा नियंत्रित होती हैं। इन्हें डीमैट खाते में इलेक्ट्रॉनिक यूनिट के रूप में रखा जाता है, जिससे पारदर्शिता और निवेशक की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स भी अन्य विकल्प हैं। ये गोल्ड ईटीएफ या सोने के खनन और रिफाइनिंग में लगी कंपनियों में निवेश करते हैं। ये उन निवेशकों के लिए बेहतर हैं, जिनके पास डीमैट खाता नहीं है, लेकिन वे डिजिटल सोने में निवेश करना चाहते हैं।
तारीख पता है?
IPO लिस्टिंग
- 26 नवंबर: एक्सेलसॉफ्ट टेक्नोलॉजीज (500 करोड़ रुपये)
- 28 नवंबर: सुदीप फार्मा (895 करोड़ रुपये)
कंपनियों के तिमाही नतीजे/घोषणा
- 26 नवंबर: पावर फाइनेंस
- 27 नवंबर: एके कैपिटल सर्विसेस
- 28 नवंबर: मीरा इंडस्ट्रीज, दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े
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