Banking: SBI ने फंड मैनेजमेंट कारोबार में 6% हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए बेचने को दी मंजूरी, जानिए क्या है अपडेट
भारतीय स्टेट बैंक ने गुरुवार को कहा कि उसने अपनी सहायक कंपनी एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट लिमिटेड (SBIFML) में करीब 6.3 फीसदी हिस्सेदारी को आईपीओ के जरिए बेचने की मंजूरी दे दी है। आइए विस्तार से जानते हैं पूरी खबर।
विस्तार
भारतीय स्टेट बैंक ने गुरुवार को घोषणा की कि उसने अपनी सहायक कंपनी एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट लिमिटेड (SBIFML) में लगभग 6.3 प्रतिशत हिस्सेदारी को आईपीओ के जरिए बेचने को मंजूरी दे दी है।
बैंक ने नियामक फाइलिंग में बताया कि एसबीआई ने आईपीओ के माध्यम से 3,20,60,000 इक्विटी शेयरों की बिक्री को मंजूरी दे दी है, जो (एसबीआईएफएमएल) की कुल इक्विटी पूंजी के 6.3007 प्रतिशत के बराबर है। यह विनियामक अनुमोदन के अधीन है।
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एसबीआई म्यूचुअल फंड के एक प्रमोटर भी हिस्सेदारी बेचने की तैयरी में
एसबीआई म्यूचुअल फंड के दो प्रमोटर्स में से एक अमुंडी इंडिया होल्डिंग भी अपनी 3.7006 प्रतिशत हिस्सेदारी यानी 1,88,30,000 शेयर बेचने जा रहा है। इस तरह कुल 10.0013 प्रतिशत हिस्सेदारी (5,08,90,000 शेयर) आईपीओ के जरिए सूचीबद्ध की जाएगी।
आईपीओ के बाद एसबीआईएफएमएल एसबीआई की तीसरी लिस्टेड सब्सिडियरी बनेगी, एसबीआई कार्ड्स और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के बाद।
एसबीआईएफएमएल के दोनों प्रमोटरों ने संयुक्त रूप से इसके आईपीओ की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो 2026 तक पूरी होने की संभावना है।
एसबीआई म्यूचुएल फंड की स्थापना
एसबीआई म्यूचुअल फंड की स्थापना 1987 में SBI के स्पॉन्सरशिप में हुई थी। यह देश का पहला गैर-यूटीआई म्यूचुअल फंड था। इसके बाद 1992 में एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट लिमिटेड को एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में शामिल किया गया। यह एसबीआई म्यूचुअल के निवेश प्रबंधक के तौर पर काम करती है और विभिन्न एसेट क्लासेज में निवेश समाधान उपलब्ध कराती है।
यह कदम कंपनी की पब्लिक विजिबिलिटी को बढ़ाएगा
एसबीआई के चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु सेटी ने कहा कि SBIFML के लगातार मजबूत प्रदर्शन और बाजार नेतृत्व को देखते हुए यह IPO लॉन्च करने का उपयुक्त समय है। यह न केवल मौजूदा शेयरधारकों के लिए वैल्यू रियलाइजेशन को अधिकतम करेगा, बल्कि आम निवेशकों को भी इसमें भागीदारी का अवसर देगा, जिससे बाजार सहभागिता बढ़ेगी और निवेश उत्पादों की जागरूकता में इजाफा होगा। उन्होंने आगे कहा कि यह कदम कंपनी की पब्लिक विजिबिलिटी को और बढ़ाएगा और उसे देश के एसेट मैनेजमेंट उद्योग में अग्रणी खिलाड़ी के रूप में और मजबूती देगा।