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VI: वोडाफोन आइडिया की याचिका पर 26 को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, अतिरिक्त एजीआर मांग को रद्द करने का मामला
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Fri, 19 Sep 2025 03:50 PM IST
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सार
VI: दूरसंचार प्रमुख वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) की याचिका पर 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। याचिका में 2016-17 तक की अवधि के लिए अतिरिक्त समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मांगों को रद्द करने की मांग की गई है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को दूरसंचार प्रमुख वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) की याचिका पर 26 सितंबर को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया। याचिका में 2016-17 तक की अवधि के लिए अतिरिक्त समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मांगों को रद्द करने की मांग की गई है।

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ वित्त वर्ष 2016-17 से संबंधित दूरसंचार विभाग (डीओटी) की 5,606 करोड़ रुपये की नई मांग के खिलाफ वीआईएल की नई याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
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वीआईएल ने कहा है कि बकाया राशि 2019 एजीआर फैसले से पहले ही “क्रिस्टलीकृत” हो चुकी है, और इसे फिर से नहीं खोला जा सकता है। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने स्थगन की मांग करते हुए कहा कि कंपनी के साथ समाधान पर पहुंचने के प्रयास चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार के पास वोडाफोन आइडिया में लगभग 50 प्रतिशत इक्विटी है, जिससे वह ऑपरेटर के अस्तित्व में प्रत्यक्ष हितधारक बन गई है। विधि अधिकारी ने कहा, "आपके अनुमोदन के अधीन, कोई समाधान निकालना पड़ सकता है। अगर इसे अगले सप्ताह रखा जा सके, तो हम कोई समाधान सोच सकते हैं।"
फैसलों का हवाला देते हुए मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि क्या नई याचिका पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "दूसरी पीठ द्वारा पारित अंतिम आदेश, हम नहीं चाहते...हमने वह आदेश देखा है। कार्यवाही को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए।"
दूरसंचार कंपनी की ओर से पेश हुए मेहता और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि अब परिस्थितियां बदल गई हैं और दोनों पक्ष समाधान ढूंढना चाहते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "उन चार याचिकाओं पर पारित आदेश के साथ...कार्यवाही को कुछ अंतिम रूप दिया जाना चाहिए।" विधि अधिकारी ने कहा, "इसके बाद परिस्थितियां बदल गईं।" रोहतगी ने कहा, "जिस बात ने मुझे आज यहां आने के लिए प्रेरित किया उसका पुराने मामले से कोई लेना-देना नहीं है।" इसके बाद पीठ ने मामले को 26 सितंबर को विचार के लिए रख लिया
वीआईएल ने 8 सितंबर को एक नई याचिका दायर की, जिसमें दूरसंचार विभाग को 3 फरवरी, 2020 के 'कटौती सत्यापन दिशानिर्देशों' के बाद वित्त वर्ष 2016-17 तक की अवधि के लिए सभी एजीआर बकाया का व्यापक रूप से पुनर्मूल्यांकन और समाधान करने का निर्देश देने की मांग की गई।
इस साल की शुरुआत में, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहित दूरसंचार कंपनियों को झटका देते हुए, शीर्ष अदालत ने अपने 2021 के आदेश की समीक्षा करने से इनकार कर दिया था, जिसमें उनके द्वारा देय एजीआर बकाया की गणना में कथित त्रुटियों को सुधारने की उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने 2021 के आदेश की समीक्षा की मांग वाली उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। 23 जुलाई, 2021 को शीर्ष अदालत ने एजीआर बकाया की गणना में कथित त्रुटियों को सुधारने की मांग वाली उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया।