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TDS Savings: ब्याज से होने वाली कमाई पर एक अप्रैल से होगी ज्यादा बचत; स्रोत पर कर कटौती के नए नियम से लाभ
कालीचरण, अमर उजाला
Published by: दीपक कुमार शर्मा
Updated Mon, 24 Mar 2025 05:49 AM IST
सार
नए नियमों के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट और रिकरिंग डिपॉजिट पर टीडीएस को सीमा को बढ़ा दिया गया है। बैंक अब तक 50,000 रुपये से अधिक के ब्याज पर टीडीएस काटते थे, लेकिन, एक अप्रैल 2025 से यह सीमा बढ़कर एक लाख रुपये हो जाएगी।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : amar ujala
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विस्तार
देश में एक अप्रैल, 2025 से स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के नए नियम लागू होने जा रहे हैं। इसकी घोषणा 2025-26 के बजट में की गई थी। नए वित्त वर्ष से इस नियम के लागू होने के बाद उन करदाताओं को अधिक बचत होगी, जिन्हें जमा पर ब्याज से कमाई होती है।
वरिष्ठ एवं सामान्य नागरिकों, खुदरा निवेशकों और कमीशन से आमदनी करने वालों को इन बदलावों से फायदा होगा। फिक्स्ड डिपॉजिट, लॉटरी, इंश्योरेंस कमीशन और म्यूचुअल फंड्स से होने वाली कमाई पर टीडीएस कटौती से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किए गए हैं।
वरिष्ठ नागरिक : एक लाख तक की कमाई पर लाभ
नए नियमों के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट और रिकरिंग डिपॉजिट पर टीडीएस को सीमा को बढ़ा दिया गया है। बैंक अब तक 50,000 रुपये से अधिक के ब्याज पर टीडीएस काटते थे, लेकिन, एक अप्रैल 2025 से यह सीमा बढ़कर एक लाख रुपये हो जाएगी। इसके बाद अगर किसी वरिष्ठ नागरिक की एक वित्त वर्ष के दौरान ब्याज से होने वाली आय एक लाख रुपये तक होगी, तो बैंक उस पर कोई टीडीएस नहीं काटेंगे।
ये भी पढ़ें: Income Tax Filing Benefits: IT रिटर्न फाइल करने के 4 बड़े फायदे, तीसरे फायदे में सरकार देती है पैसा वापस
बढ़ी सीमा से सामान्य नागरिकों को भी राहत
सामान्य नागरिकों को भी टीडीएस के मोर्चे पर राहत दी गई है। बैंक अब तक सालाना 40,000 रुपये से अधिक के ब्याज आय पर टीडीएस काटते थे, जिसकी सीमा बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है। यानी 50,000 रुपये से कम ब्याज आय पर अब बैंक की ओर से कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा।
लाभांश आय पर भी मिल सकती है रियायत
बीमा एजेंटों-ब्रोकर्स को भी होगा फायदा
टीडीएस नियमों में बदलाव से बीमा एजेंटों और ब्रोकर्स को भी राहत मिलने वाली है। पहले 15,000 रुपये से अधिक के इंश्योरेंस कमीशन पर टीडीएस कटता था। अब यह सीमा बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा, लॉटरी या घुड़दौड़ से होने वाली कमाई से जुड़े टीडीएस नियमों को भी आसान बना दिया है। अब तभी टीडीएस कटेगा, जब किसी एक लेनदेन में जीत की रकम 10,000 रुपये से अधिक हो। पहले सालभर में कुल 10,000 रुपये से अधिक की आय पर टीडीएस कटता था।
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वरिष्ठ एवं सामान्य नागरिकों, खुदरा निवेशकों और कमीशन से आमदनी करने वालों को इन बदलावों से फायदा होगा। फिक्स्ड डिपॉजिट, लॉटरी, इंश्योरेंस कमीशन और म्यूचुअल फंड्स से होने वाली कमाई पर टीडीएस कटौती से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किए गए हैं।
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वरिष्ठ नागरिक : एक लाख तक की कमाई पर लाभ
नए नियमों के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट और रिकरिंग डिपॉजिट पर टीडीएस को सीमा को बढ़ा दिया गया है। बैंक अब तक 50,000 रुपये से अधिक के ब्याज पर टीडीएस काटते थे, लेकिन, एक अप्रैल 2025 से यह सीमा बढ़कर एक लाख रुपये हो जाएगी। इसके बाद अगर किसी वरिष्ठ नागरिक की एक वित्त वर्ष के दौरान ब्याज से होने वाली आय एक लाख रुपये तक होगी, तो बैंक उस पर कोई टीडीएस नहीं काटेंगे।
ये भी पढ़ें: Income Tax Filing Benefits: IT रिटर्न फाइल करने के 4 बड़े फायदे, तीसरे फायदे में सरकार देती है पैसा वापस
बढ़ी सीमा से सामान्य नागरिकों को भी राहत
सामान्य नागरिकों को भी टीडीएस के मोर्चे पर राहत दी गई है। बैंक अब तक सालाना 40,000 रुपये से अधिक के ब्याज आय पर टीडीएस काटते थे, जिसकी सीमा बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है। यानी 50,000 रुपये से कम ब्याज आय पर अब बैंक की ओर से कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा।
लाभांश आय पर भी मिल सकती है रियायत
- म्यूचुअल फंड्स और शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए भी नए नियम से फायदा होगा। अब तक शेयर और म्यूचुअल फंड यूनिट्स के जरिये होने वाली 5,000 रुपये से अधिक के लाभांश आय पर टीडीएस कटता रहा है। लेकिन, एक अप्रैल, 2025 से यह सीमा बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है।
- इसका मतलब है कि नए वित्त वर्ष से अगर निवेशक को म्यूचुअल फंड्स या कंपनियों से 10,000 रुपये तक लाभांश मिलता है, तो उस पर कोई टीडीएस नहीं कटेगा।
बीमा एजेंटों-ब्रोकर्स को भी होगा फायदा
टीडीएस नियमों में बदलाव से बीमा एजेंटों और ब्रोकर्स को भी राहत मिलने वाली है। पहले 15,000 रुपये से अधिक के इंश्योरेंस कमीशन पर टीडीएस कटता था। अब यह सीमा बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा, लॉटरी या घुड़दौड़ से होने वाली कमाई से जुड़े टीडीएस नियमों को भी आसान बना दिया है। अब तभी टीडीएस कटेगा, जब किसी एक लेनदेन में जीत की रकम 10,000 रुपये से अधिक हो। पहले सालभर में कुल 10,000 रुपये से अधिक की आय पर टीडीएस कटता था।
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