19 देशों की जीडीपी को मात देते हैं मुकेश अंबानी, केंद्र सरकार के इस बजट से ज्यादा पैसा

केंद्र व राज्य सरकारें एक वित्त वर्ष में लोगों के स्वास्थ्य,शिक्षा और स्वच्छता पर जितना खर्च करती है, उससे ज्यादा पैसा आज की तारीख में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के पास है। वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक अंबानी की कुल संपत्ति 19 देशों की जीडीपी से भी काफी अधिक है।

हर साल खर्च होता है 2.08 लाख करोड़
सरकारों का हर साल लोगों को यह सुविधाएं देने पर 2.08 लाख करोड़ रुपये खर्च होता है। मुकेश अंबानी के पास 4,730 करोड़ डॉलर यानि भारतीय रुपये में लगभग 3,453 अरब की संपत्ति है। भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में 2018 में प्रतिदिन 2,200 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है।
इस दौरान, देश के शीर्ष एक प्रतिशत अमीरों की संपत्ति में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि 50 प्रतिशत गरीब आबादी की संपत्ति में महज तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। ऑक्सफैम ने अपने अध्ययन में यह बात कही।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में रहने वाले 13.6 करोड़ लोग साल 2004 से कर्जदार बने हुए हैं। यह देश की सबसे गरीब 10 प्रतिशत आबादी है।
19 देशों से आगे
2017-18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व के 19 देशों की जितनी जीडीपी है, उससे ज्यादा मुकेश अंबानी के पास पैसा था। इन देशों में पड़ोसी राष्ट्रों नेपाल और अफगानिस्तान के अलावा ट्रिनिनाद एंड टौबेगो, जांबिया, साइपरस, आइसलैंड, कंबोडिया, पापुआ न्यू गीनिया जैसे देश शामिल थे। मुकेश अंबानी की कमाई देश के 14 राज्यों से भी ज्यादा है। इन राज्यों में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और चंडीगढ़ से जैसे राज्य शामिल हैं।
फोर्ब्स की लिस्ट में 11 साल से पहले स्थान पर
मुकेश अंबानी लगातार 11 साल से फोर्ब्स की सूची में पहले स्थान पर बने हुए हैं। बार्कलेज हारून की लिस्ट के अनुसार मुकेश अंबानी 3 लाख 71 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ लिस्ट में लगातार सात साल से सबसे ऊपर हैं।

24 घंटे में 300 करोड़ से ज्यादा कमाई
मुकेश अंबानी की रोजाना की कमाई 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की है। 2017-18 में उनकी संपत्ति में हर घंटे 12.50 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। एक साल में उनकी कंपनी के शेयर के भाव 45 फीसदी बढ़ चुके हैं।
उनकी कंपनी एक साल में उनकी कंपनी के शेयर के भाव 45 फीसदी बढ़ चुके हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. (आरआईएल) किसी एक तिमाही में 10,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने वाली निजी क्षेत्र की पहली कंपनी बन गई है। कंपनी ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 10,251 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है।
इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) किसी तिमाही में दस हजार करोड़ रुपये से अधिक सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी है। आईओसी ने 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही में 14,512.81 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हासिल किया था। आईओसी को पूरे साल की ईंधन सब्सिडी एक तिमाही में मिलने की वजह से उसका मुनाफा असामान्य रूप से बढ़ गया था।
जियो ने मारी बाजी
रिलायंस जियो का 31 दिसंबर 2018 को समाप्त तीसरी तिमाही का शुद्ध लाभ 65 प्रतिशत बढ़कर 831 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। ग्राहकों की संख्या बढ़ने से कंपनी का मुनाफा बढ़ा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी ने 504 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
हालांकि, रिलायंस जियो का औसत राजस्व प्रति ग्राहक (एआरपीयू) घट रहा है लेकिन ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी से इसका प्रभाव कम हो गया। इस दौरान कंपनी के ग्राहकों की संख्या बढ़कर 28 करोड़ हो गई, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 16 करोड़ थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, ‘‘जियो परिवार अब 28 करोड़ का हो गया है।
दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल डेटा नेटवर्क के जरिये यह लगातार आगे बढ़ रहा है। हमारी सोच सभी को और सभी चीजों को सभी जगह उच्च गुणवत्ता और उचित मूल्य पर जोड़ने की है।’’ रिलायंस जियो की परिचालन आय 50.9 प्रतिशत बढ़कर 10,383 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 6,879 करोड़ रुपये थी।