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SEBI: सेबी ने रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट पर कसा शिकंजा, बैंक-डीमैट खाते जब्त करने का आदेश
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Mon, 02 Dec 2024 05:53 PM IST
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सार
SEBI: बाजार नियामक ने 14 नवंबर को रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (जिसे अब आरबीईपी एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के रूप में जाना जाता है) को एक नोटिस भेजा था और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के मामले में धन के अवैध डायवर्जन से संबंधित आरोपों पर इकाई को 15 दिनों के भीतर बकाया राशि का भुगतान करने को कहा था। आइए इस बारे में और जानें।

सेबी
- फोटो : ANI

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विस्तार
सेबी ने रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 26 करोड़ रुपये की बकाया राशि वसूलने के लिए उसके बैंक, डीमैट खातों और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स को जब्त करने का आदेश दिया है। यह कदम रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड की ओर से अवैध फंड डायवर्जन के संबंध में नवंबर में जारी नोटिस के बाद उठाया गया है।
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बाजार नियामक ने 14 नवंबर को रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (जिसे अब आरबीईपी एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के रूप में जाना जाता है) को एक नोटिस भेजा था और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के मामले में धन के अवैध डायवर्जन से संबंधित आरोपों पर इकाई को 15 दिनों के भीतर बकाया राशि का भुगतान करने को कहा था।
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नोटिस के अनुसार, रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट पर 26 करोड़ रुपये बकाया थे, जिसमें ब्याज और वसूली लागत शामिल थी। नोटिस के अनुसार, सेबी ने कहा कि यह मानने के लिए पर्याप्त कारण हैं कि चूककर्ता बैंक खातों और डीमैट खातों या म्यूचुअल फंड फोलियो में प्रतिभूतियों का निपटान कर सकता है और "इससे, देय राशि की वसूली में देरी या बाधा उत्पन्न होगी"।
इसलिए, सेबी ने सभी बैंकों, डिपॉजिटरीज और म्यूचुअल फंडों से कहा कि वे खातों से किसी भी प्रकार की डेबिट की अनुमति न दें। पिछले सप्ताह नियामक ने कंपनी से धन के अवैध हस्तांतरण के लिए 78 करोड़ रुपये की बकाया राशि वसूलने के लिए तीन संस्थाओं को कुर्की नोटिस भेजा था।
ये संस्थाएं हैं, आधार प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एंड कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड, इंडियन एग्री सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और मोहनबीर हाई-टेक बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड। इस वर्ष अगस्त में सेबी ने उद्योगपति अनिल अंबानी, रिलायंस होम फाइनेंस के पूर्व प्रमुख अधिकारियों सहित 24 अन्य संस्थाओं को कंपनी से धन के हेर-फेर के लिए प्रतिभूति बाजार से पांच वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।
सेबी ने अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है और उन्हें पांच साल के लिए किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या बाजार नियामक के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक (केएमपी) के रूप में प्रतिभूति बाजार से जुड़ने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा, नियामक ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) को प्रतिभूति बाजार से छह महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया और उस पर 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।