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नौकरीपेशा : निवेश दस्तावेज जमा नहीं किया तो कटेगा ज्यादा वेतन

कालीचरण, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Kuldeep Singh Updated Mon, 01 Mar 2021 07:31 AM IST
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If you do not submit the job related investment documents copy, you will be deducted more salary
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अगर आप नौकरीपेशा हैं और आपका वेतन टैक्स के दायरे में आता है तो निवेश संबंधी दस्तावेज जल्द कंपनियों के पास जमा कर दें। ऐसा नहीं करने पर आपको ज्यादा टीडीएस देना पड़ेगा। इसका असर आपके हाथ में आने वाले वेतन पर पड़ेगा।

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टैक्स स्लैब के दायरे में आने पर मार्च से पहले कंपनियों के पास जमा करने होते हैं निवेश संबंधी दस्तावेज
दरअसल, मार्च से पहले कंपनियां आपसे किए गए निवेश के दस्तावेज की कॉपी मांगती हैं। ताकि वे टैक्स बचाने के लिए किए गए आपके निवेश की जांच कर लें। दस्तावेज जमा करने पर आपके फरवरी, मार्च के वेतन से टीडीएस उसी अनुपात में कम टीडीएस कटेगा अन्यथा ज्यादा टीडीएस कट जाएगा। 31 मार्च से पहले स्लैब के मुताबिक निवेश करते हैं तो इसकी जानकारी आईटीआर भरते समय देकर रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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80सी में कर छूट पाने के लिए जरूरी दस्तावेज

किराए की रसीद 
सालाना किराया 1 लाख से ज्यादा होने पर मासिक किराया रसीद। इसमें मकान मालिक के नाम के साथ पैन कार्ड जरूरी। किराये के नगद भुगतान पर रेंट रसीद, जिस पर राजस्व टिकटें लगी हों।

होम लोन
अगर अपनी संपत्ति के लिए होम लोन लिया है और बैंक को हर साल मूलधन का भुगतान करते हैं तो इस पर 1.5 लाख की छूट मिलती है। इसे पाने के लिए जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे। कुछ मामलों में बिल्डर से प्राप्त प्रमाणपत्र भी देना पड़ता है।

बीमा प्रीमियम यूलिप या पेंशन योजना
बीमा प्रीमियम भुगतान की रसीदें,  जो खुद के लिए, माता-पिता, जीवनसाथी या बच्चों के लिए जमा की गई हों।

राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र 
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, पीपीएफ, टैक्स सेविंग म्युचुअल फंड, ईएलएसएस, ट्यूशन फीस, सुकन्या समृद्धि में निवेश से जुड़े दस्तावेज।
यहां निवेश कर भी बचा सकते हैं टैक्स

धारा 80डी
खुद के लिए, जीवनसाथी या बच्चों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम भुगतान पर 25,000 रुपये तक टैक्स बचा सकते हैं। 60 साल से ज्यादा के माता-पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम चुकाने पर 50,000 रुपये तक छूट पा सकते हैं।

80सीसीडी 1(बी) 
इसके तहत एनपीएस टियर-1 खाते में निवेश पर 50,000 तक छूट पा सकते हैं, जो 80सी से अलग है। इस तरह आप कुल 20,0000 रुपये तक की राशि पर छूट का दावा करते हैं। यानी 80सी के तहत 1.5 लाख और 80सीसीडी 1(बी) के तहत 50,000 रुपये।

एलटीए... 4 साल में दो बार छूट का दावा
रिटर्न दाखिल करते समय आप हर वित्त वर्ष में लीव ट्रैवल एलाउंस (एलटीए) पर छूट का दावा नहीं कर सकते हैं। इसमें 4 साल में केवल 2 बार छूट का दावा करने का प्रावधान है। दरअसल, वर्तमान ब्लॉक 2018-21 है। लिहाजा इस बार आप एलटीए की राशि को आयकर छूट में शामिल कर सकते हैं।

आईटीआर भरने में होगी आसानी
वित्त वर्ष की शुरुआत में कंपनियां प्रस्तावित निवेश के दस्तावेज मांगती हैं। उसके आधार पर हर महीने टैक्स काटती हैं। वित्त वर्ष के अंत तक प्रस्तावित निवेश कम रहने पर जनवरी, फरवरी, मार्च आपके वेतन से ज्यादा टीडीएस कटता है। कंपनी को निवेश की सही जानकारी देने पर आईटीआर भरने में भी आसानी होती है।   - मनोज जैन, निवेश सलाहकार

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