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नंबर पोर्ट कराने पर TRAI ने दिया शुल्क में कमी करने का प्रपोजल, खर्च होंगे केवल इतने रुपये

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Tue, 19 Dec 2017 04:32 PM IST
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trai mulls proposal to bring down mobile number portability charges
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दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नंबर पोर्ट कराने पर लगने वाले शुल्क में कमी करने का प्रस्ताव दिया है। ट्राई का मानना है कि अभी पोर्टिंग शुल्क बहुत ज्यादा है लेकिन उस अनुपात में ट्रांजेक्शन काफी कम है। ट्राई ने सोमवार को इसके लिए आम पब्लिक और स्टेकहोल्डर से जवाब मांगे हैं। 
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2009 में फिक्स किया था ये चार्ज
ट्राई ने नवंबर 2009 में 19 रुपये पोर्टिंग चार्ज फिक्स किया था जब सरकार ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी  (एमएनपी) शुरू की थी। तब एमएमनपी केवल सर्किल में लागू थी। जुलाई 2015 में केंद्र सरकार ने इसको बढ़ाकर के पूरे देश में लागू कर दिया गया था। इसके बाद एमएनपी कराने वाले कस्टमर की संख्या में उछाल देखने को मिला था। ट्राई ने अब शुल्क को चार रुपये करने का प्रस्ताव दिया है। 
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इतनी हो गई संख्या
2010-11 में जहां 64 लाख लोगों ने एमएनपी किया था, वहीं 2014-15 में यह बढ़कर के 3.68 करोड़ हो गए। वहीं 2016-17 में इसका आंकड़ा 6.36 करोड़ हो गया। जल्द ही आप फोन में नेटवर्क ना होने के बाद भी किसी भी मोबाइल या लैंडलाइन नंबर पर कॉल कर पाएंगे। टेलीकॉम रेग्यूलेटरी Trai ने इंटरनेट टेलीफोनी तकनीक को मंजूरी दे दी है। इसके तहत यूजर्स वाईफाई के जरिए कॉलिंग कर पाएंगे। 

TRAI लाने जा रही इंटरनेट टेलीफोनी फीचर

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TRAI
इस फैसले का पुरानी टेलीकॉम कंपनियां विरोध कर रही हैं, हालांकि यह ऐसी परिस्थिती में बड़ा कारगर साबित होगा जिन इलाकों में नेटवर्क नहीं होते या बेहद कमजोर होते हैं। इंटरनेट टेलीफोनी के लिए ट्राई ने दूरसंचार विभाग को अपनी सिफारिशें सौंप दी हैं। इसमें ट्राई ने व्हॉट्सऐप जैसे ऐप के जरिए मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क पर कॉल करने के कुछ नियम सुझाए हैं। 

ट्राई की सिफारिशों में कहा गया है कि इस तरह के इंटरनेट टेलीफोनी एप को मोबाइल नंबर सीरीज से जोड़ा जाएगा। दूरसंचार कंपनियां कॉल के लिए शुल्क लेंगी और उन पर सामान्य कॉल से जुड़े सभी नियम लागू होंगे।

ट्राई ने इंटरनेट कॉलिंग को काफी उपयोगी और वॉयस कॉलिंग का किफायती विकल्प करार दिया है। Trai के मुताबिक, "यह उन इलाकों में कॉल सफलता दर को बढ़ाएगी जहां पब्लिक इंटरनेट तो उपलब्ध है लेकिन किसी कंपनी के नेटवर्क ना आते हों।" ट्राई ने जब इस बारे में चर्चा की थी तो टेलीकॉम कंपनियों ने इसका विरोध किया था। कंपनियों को डर है कि इससे वॉयस कॉलिंग से होने वाली उनकी कमाई पर फर्क पड़ेगा। 
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