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बजट 2020: आर्थिक सुस्ती पर वार, पहली बार इनकम टैक्स के लिए दो विकल्प

बजट डेस्क, अमर उजाला Published by: paliwal पालीवाल Updated Sun, 02 Feb 2020 02:32 AM IST
सार

  • पहले एक लाख की रकम ही थी सुरक्षित
  • विनिवेश: एलआईसी व आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
  • स्वास्थ्य : 69 हजार करोड़ का बजट। हर जिले में आयुष्मान भारत से जुड़ा अस्पताल
  • स्वच्छ भारत : 12,300 करोड़ का बजट. साफ हवा के लिए खर्च होंगे 4400 करोड़

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budget 2020 war on economic slowdown, for first time two options for income tax
Finance Minister Nirmala Sitharaman - फोटो : ANI
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विस्तार
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‘जीवन जीने में आसानी’ के लक्ष्य के साथ वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया, तो बैंक में जमा रकम की बीमा गारंटी पांच गुना कर दी गई। साथ ही, पहली बार आयकर (इनकम टैक्स) के लिए करदाताओं को दो विकल्प दिए गए। पांच लाख रुपये तक की आय पर पुरानी की तरह नई व्यवस्था में भी कोई टैक्स नहीं देना होगा। उससे अधिक आय पर तीन स्लैब में टैक्स की दर कम कर दी गई है। मगर, इसका लाभ उठाने के लिए आपको 70 रियायतें छोड़नी होंगी। यह आप पर है कि आप कौन सा विकल्प चुनते हैं।

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केंद्र सरकार का दावा है कि नई व्यवस्था से मध्य वर्ग को टैक्स में बड़ा लाभ मिलेगा। हालांकि जानकारों के अनुसार फायदा उन्हीं को मिलेगी, जो अपनी कमाई का ज्यादा हिस्सा निवेश नहीं कर पाते हैं। अगर टैक्स छूट से ज्यादा बचत हो रही हो तो पुराना टैक्स स्लैब चुनना ही बेहतर होगा। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वित्तमंत्री ने शनिवार को बजट पेश किया। इसमें आयकर ढांचे में व्यापक बदलाव कर दिया गया। वित्तमंत्री ने वर्ष 2020-21 में जीडीपी वृद्धि दर 10 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।

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बैंक डूबा तो भी पांच लाख रुपये तक सुरक्षा की गारंटी

वित्त मंत्री ने बैंक खातों में जमा रकम पर बीमा गारंटी की सीमा पांच गुना बढ़ा दी है। यानी बैंक डूब जाने पर भी जमाकर्ता को बैंक में जमा रकम पर पांच लाख रुपए की बीमा गारंटी मिलेगी। एसबीआई के मुताबिक बैंकों के 61 फीसदी खातों में 1 लाख से कम, 70 फीसदी में 2 लाख, 98.2 फीसदी खातों में 15 लाख रुपये से कम की रकम जमा है।

एमएसएमई और स्टार्टअप के जरिए बढ़ाएंगे रोजगार

आर्थिक सुस्ती और रोजगार के मुद्दे पर घिरी सरकार ने नौकरियों से ज्यादा एमएसएमई और स्टार्टअप को ज्यादा सहूलियतें देकर रोजगार सृजन बढ़ाने की कवायद को अहमियत दी है।

  • स्टार्टअप को 100 करोड़ तक टर्नओवर पर छूट
  • स्टार्टअप के लिए टैक्स में छूट सीमा बढ़ी।
  • अभी तक सालाना 25 करोड़ से कम कारोबार वाले स्टार्टअप को ही टैक्स छूट मिलता है। 
  • अब इसे बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है।
  • स्टार्टअप को पर्याप्त लाभ न होने पर रियायत की पात्रता अवधि मौजूदा 7 से बढ़ाकर 10 वर्ष।

दो साल में ढाई लाख सरकारी नौकरियां

  • रोजगार के मोर्चे पर आलोचना झेल रही सरकार ने 2019 से मार्च 2021 तक सरकारी विभागों में 2.62 लाख से ज्यादा रोजगार का अनुमान।
  • सबसे ज्यादा पुलिस में 79,353, रक्षा मंत्रालय में 22,046, गृह मंत्रालय में 8,200, अंतरिक्ष विभाग में 3,900 और संस्कृति मंत्रालय में 3,886 भर्तियां होने की उम्मीद।

एमएसएमई: 5 करोड़ तक कारोबार पर ऑडिट नहीं

  • पांच करोड़ तक के कारोबार वाले एमएसएमई को अब ऑडिट नहीं करवाना होगा। अभी तक यह सीमा एक करोड़ थी।
  • व्यवस्था उस कारोबारी पर लागू होगी, जो व्यापारिक लेनदेन में 5% से कम नकद का प्रयोग करता हो।
  • एमएसएमई के क्षमता सुधार, शोध, तकनीक हस्तांतरण के लिए एक्सिस बैंक व सिडबी के जरिये 1000 करोड़ रुपये का विशेष फंड बनाने की भी घोषणा की गई है।
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