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Personal Finance: वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिए छह से आठ महीने के खर्च जितनी बचत जरूरी, ये हैं फायदे

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Tue, 05 Aug 2025 04:56 PM IST
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सार

Personal Finance: एक नन्हे मेहमान के आने से जीवन खुशियों से भर जाता है, लेकिन इसके साथ ही नई जिम्मेदारियां भी शुरू होती हैं। प्यार और सहेजने वाले पलों के बीच एक अहम सवाल खड़ा होता है, वह है- क्या आप इस सफर के लिए वित्तीय रूप से तैयार हैं? आइए समझते हैं कैसे की जाए यह तैयारी।

To deal with financial challenges, saving the equivalent of six to eight months expenses is necessary
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Istock
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विस्तार
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एक नन्हे मेहमान के आने से जीवन खुशियों से भर जाता है, लेकिन इसके साथ ही नई जिम्मेदारियां भी शुरू होती हैं। प्यार और सहेजने वाले पलों के बीच एक अहम सवाल खड़ा होता है, वह है- क्या आप इस सफर के लिए वित्तीय रूप से तैयार हैं?

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बच्चा तेजी से पहला कदम बढ़ाएगा, स्कूल, पढ़ाई, स्वास्थ्य जरूरतें और भी बहुत कुछ। समय रहते तैयारी करने का मतलब है अपने परिवार का भावनात्मक और वित्तीय भविष्य सुरक्षित करना। आइए जानते हैं कुछ अहम कदम, जो आपको आत्मविश्वास और स्पष्टता के साथ इस नए अध्याय को जीने में मदद करेंगे।
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1. घरेलू बजट पर पुनर्विचार: नई हकीकत के अनुसार बदलाव
बच्चे के आने से पहले आपका बजट अलग तरीके से चलता था। अब समय है उसे फिर से देखने का। बच्चे की देखभाल, स्वास्थ्य, जरूरी सामान और रोजमर्रा के खर्च जल्दी ही बढ़ जाते हैं। 

बीमा क्षेत्र के जानकार और भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस के चीफ डिस्ट्रिब्यूशन ऑफिसर व पार्टनरशिप डिस्ट्रिब्यूशन और हैड मार्केटिंग नितिन मेहता के अनुसार, कम से कम 1-2 महीने तक खर्चों का हिसाब रखें ताकि पैटर्न समझ सकें और वित्तीय योजना को उसी अनुसार बदलें। यह आंकड़ों पर आधारित दृष्टिकोण आपको बेहतर फैसले लेने और अनावश्यक दबाव घटाने में मदद करेगा।

2. आपातकालीन फंड बनाएं या बढ़ाएं: वित्तीय सुरक्षा कवच
जीवन अनिश्चित है। आपातकालीन फंड अचानक आने वाले खर्च जैसे बीमारी, नौकरी में अस्थिरता या घर की मरम्मत से बचाव करता है। आदर्श रूप से 6–12 महीने का खर्च अलग रखें। अगर आपका मासिक खर्च ₹50,000 है, तो ₹3–6 लाख तक एक सुरक्षित और तुरंत उपलब्ध फंड बनाएं। छोटी शुरुआत भी बड़ा सहारा साबित हो सकती है।

3. बच्चे की शिक्षा के लिए फंड शुरू करें: उनके सपनों में निवेश करें
क्या आप जानते हैं भारत में एक बच्चे को पालने पर करीब 1 करोड़ तक खर्च हो सकता है? इसमें से लगभग 46% खर्च सिर्फ शिक्षा पर होता है। बढ़ती लागत के चलते जल्दी बचत शुरू करना अब विकल्प नहीं, बल्कि जरूरत है। स्कूल से लेकर कॉलेज और आगे तक, जीवन बीमा-आधारित चाइल्ड प्लान्स गारंटीड रिटर्न के साथ शिक्षा और विवाह जैसे अहम पड़ाव सुरक्षित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए आज किसी शीर्ष संस्थान से पोस्ट-ग्रेजुएशन की लागत लगभग ₹25–30 लाख है, जबकि एक दशक पहले यह ₹15–20 लाख थी।

4. जीवन बीमा लें या अपग्रेड करें: उनके भविष्य की सुरक्षा
जीवन बीमा सिर्फ एक कागज नहीं, बल्कि आपके बच्चे का सुरक्षा कवच है। पहले से बीमा है? देखें क्या यह बच्चे की शिक्षा और अन्य नए खर्चों के लिए पर्याप्त है। और कवरेज चाहिए? विशेषज्ञ वार्षिक आय का 10–15 गुना कवर लेने की सलाह देते हैं। इसे महंगाई और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर तय करें।

5. नामांकन अपडेट रखें: उनके सही भविष्य को सुरक्षित करें
अक्सर नजरअंदाज किया जाने वाला, लेकिन बेहद जरूरी कदम है वित्तीय दस्तावेजों में नामांकन अपडेट करना। बच्चे के जन्म या शादी के बाद सुनिश्चित करें कि आपके जीवनसाथी या बच्चे का नाम सभी निवेश और दस्तावेजों में सही ढंग से दर्ज हो। इससे दावों और संपत्ति हस्तांतरण में कोई कानूनी अड़चन या देरी नहीं होगी।

माता-पिता बनना भावनात्मक रूप से सुखद अनुभव है, लेकिन इसके साथ ही वित्तीय स्पष्टता की भी आवश्यकता है। ये समझदारी भरे कदम सिर्फ बजटिंग के लिए नहीं हैं, बल्कि आपके बच्चे के लिए संभावनाओं से भरा भविष्य बनाने और आपकी मानसिक शांति बनाए रखने के लिए हैं। जितनी जल्दी आप शुरुआत करेंगे, आपके परिवार की वित्तीय सुरक्षा उतनी ही मजबूत होगी।

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